कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाने वाले पाकिस्तान में खुद अल्पसंख्यकों के अधिकारों का किस कदर हनन हो रहा है, इसका खुलासा खुद पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के एक पूर्व विधायक ने किया है। इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के पूर्व विधायक बलदेव कुमार ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों से त्रस्त होकर भारत में शरण माँगी है। वह इस वक्त अपने परिवार के साथ पंजाब में हैं और आगे भी वो भारत में ही रहना चाहते हैं।
Baldev Kumar, former MLA of Pakistan PM Imran Khan's Pakistan Tehreek-i-Insaf (PTI) party: Not only minorities but even Muslims are not safe there (Pakistan). We are surviving in Pakistan with lot of difficulties. I request Indian govt to give me asylum here. I will not go back. pic.twitter.com/V3J8TWeuG4
— ANI (@ANI) September 10, 2019
बता दें कि बलदेव कुमार पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वां प्रांत के बारीकोट आरक्षित सीट से विधायक रहे हैं। 43 वर्षीय पूर्व विधायक अब अपने परिवार के साथ पाकिस्तान नहीं लौटना चाहते हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान में हिंदू-सिख महफूज नहीं हैं। वहाँ उन पर अत्याचार होते हैं। उनकी हत्याएँ हो रही हैं। उन्होंने कहा कि वो किसी तरह वहाँ से जान बचाकर अपने परिवार के साथ भारत आए हैं। वो जल्द ही भारत में शरण के लिए आवेदन करेंगे। पीटीआई नेता ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति बहुत खराब है। उन्होंने कहा कि वहाँ पर हिंदू और सिखों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। उनके साथ गलत व्यवहार किया जा रहा और उनको जबरन परेशान किया जाता है।
#Breaking | No place for minorities in Pakistan, seeks political asylum in India.
— TIMES NOW (@TimesNow) September 10, 2019
TIMES NOW’s Gurpreet with details. pic.twitter.com/kLYBQH0aeM
भारत के खिलाफ लगातार आग उगल रहे पाकिस्तान को अब वहाँ के लोग ही आईना दिखाने लगे हैं। बलदेव कुमार का यह भी कहना है कि इमरान के पीएम बनने के बाद अल्पसंख्यकों पर जुल्म बढ़ा है। पाकिस्तान को इमरान खान से उम्मीदें थीं कि वह एक नया पाकिस्तान बनाएँगे, लेकिन वह अपनी जनता की सुरक्षा करने में नाकाम रहे हैं। सेना और आइएसआइ उन पर हावी है।
वहीं, बलदेव की पत्नी भावना ने कहा कि पाकिस्तान में महिलाओं की हालत बदतर है। वह अपनी मर्जी से घरों से बाहर भी नहीं जा सकती। नौकरी करना तो बहुत दूर की बात है। भावना ने कहा कि वहाँ के हालात देखकर ही शादी के बाद भी उन्होंने भारतीय नागरिकता नहीं छोड़ी थी। बता दें कि बलदेव कुमार की शादी 2007 में पंजाब के खन्ना की रहने वाली भावना से हुई थी। शादी के समय वो पाकिस्तान में पार्षद थे और बाद में विधायक बने। भावना अभी भी भारतीय नागरिक हैं।
बलदेव कुमार ने कुछ महीने पहले परिवार को पंजाब के लुधियाना में अपने रिश्तेदारों के पास खन्ना शहर भेज दिया था। 12 अगस्त को तीन महीने के वीजा पर खुद बलदेव भी यहाँ आ गए थे, लेकिन अब वे वापस नहीं लौटना चाहते। बलदेव ने बताया कि साल 2016 में उनके विधानसभा क्षेत्र के एक विधायक की हत्या हो गई थी। इस मामले में उन पर झूठे आरोप लगाए गए और उन्हें 2 साल तक जेल में रखा गया था। जब विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने में मात्र दो दिन बाकी रह गया था, तब उन्हें बरी किया गया और उन्होंने विधायक की शपथ ली। इस तरह बलदेव सिर्फ 36 घंटे के लिए ही विधायक रहे।