बांग्लादेश में कट्टरपंथी मुस्लिमों ने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ लगातार 5 दिनों तक हिंसा किया। रविवार (17 अक्टूबर 2020) को एक ताजा हमले में, उन्होंने बांग्लादेश के रंगपुर डिवीजन के पीरगंज उपजिला में एक गाँव में आगजनी की और 20 हिंदू घरों को जला दिया।
बांग्लादेश हिंदू एकता परिषद (BHUC) ने एक ट्वीट में जानकारी देते हुए बताया, “वर्तमान में रंगपुर के पीरगंज में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं। देश भर में हिंदुओं पर हमले जारी हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो बांग्लादेश में हिंदुओं का जिंदा रहना मुश्किल हो जाएगा।”
At present Hindus are being attacked in Pirganj of Rangpur. Attacks on Hindus continue across the country. If this continues, it will be difficult for Hindus to survive in Bangladesh. pic.twitter.com/ilcSXgoRWn
— Bangladesh Hindu Unity Council (@UnityCouncilBD) October 17, 2021
BHUC द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि इस्लामी भीड़ ने एक मंदिर में आग लगा दी, दमकलकर्मियों ने उसे बुझाने की कोशिश की। इस आगजनी में मंदिर परिसर के भीतर रखी मूर्तियाँ भी जल गईं। इसमें आगे कहा गया, “रंगपुर में इस समय स्थिति विकट है। हिंदुओं के घर और मंदिर जला दिए गए हैं। रंगपुर जिले के पीरगंज उपजिला के एक हिंदू गाँव में मुस्लिम भीड़ ने आग लगा दी है।”
The situation in Rangpur is dire at the moment. Homes and temples of Hindus have been burnt down. Muslim mob has set fire to a Hindu village in Pirganj upazila of Rangpur district. @UNHumanRights pic.twitter.com/kDma77F67W
— Bangladesh Hindu Unity Council (@UnityCouncilBD) October 17, 2021
BDNews24 ने बताया कि माजीपारा के जेलेपोली में मुस्लिमों ने आरोप लगाया था कि एक हिंदू व्यक्ति ने फेसबुक पर ‘मजहब का अपमान करने वाली सामग्री’ पोस्ट की थी। जिला अधीक्षक मोहम्मद कमरुज्जमाँ ने कहा, “पुलिस उनके घर के आसपास पहरा दे रही थी। वह घर तो बच गया, लेकिन हमलावरों ने उससे कुछ ही दूरी पर अन्य घरों में आग लगा दी। चरमपंथी इस्लामवादियों की उन्मादी भीड़ ने पीरगंज उपजिला के तीन गाँवों मझीपारा, बोटोला और हातीबंधा गाँवों को निशाना बनाया।”
BDNews24 ने कहा कि फायर सर्विस डिपार्टमेंट को आगजनी के हमले की सूचना रात करीब 9:50 बजे मिली। सोमवार (18 अक्टूबर 2021) की सुबह तीन बजे के बाद आखिरकार आग पर काबू पाया जा सका। हालाँकि कोई हताहत या नुकसान का अनुमान नहीं है। ऐसा माना जाता है कि हमले के दौरान 15-20 घर जल गए थे।
डेली स्टार ने बताया कि एक फेसबुक पोस्ट के माध्यम से ईशनिंदा के आरोप सामने आने के बाद उपायुक्त (रंगपुर) आसिफ अहसन पुलिस के साथ करीमगंज गाँव पहुँचे। हालाँकि तब तक उपद्रवियों ने पीरगंज के अन्य गाँवों में कुछ हिंदू घरों में आग लगा दी थी।
बांग्लादेश के गृहमंत्री ने जाँच में निष्पक्षता का आश्वासन दिया
इस बीच, बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुज्जमाँ खान कमाल ने मामले की निष्पक्ष जाँच का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “हम बहुत सी चीजें देख रहे हैं और मान रहे हैं। हम सबूत का इंतजार कर रहे हैं। एक बार सबूत मिलने के बाद, हम इसे आपके सामने पेश करेंगे। हमने कमिला घटना को बहुत गंभीरता से लिया है। उचित जाँच के बाद हम आपको बताएँगे। हमें उम्मीद है कि हम आपको बहुत जल्द बताएँगे।
निष्पक्ष जाँच का आश्वासन देते हुए अससुज्जमाँ ने कहा, ”देश के अंदर भड़काने वालों की कोई कमी नहीं है। हमने कमिला घटना में दो-तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इसमें शामिल लोगों की जल्द ही पहचान कर ली जाएगी। अत्यंत धैर्य के साथ सुरक्षा बल स्थिति को सँभाल रहे हैं।”
फेनी जिले में और हिंदू मंदिरों पर हमला, पेट्रोल बम फेंके गए
बांग्लादेश हिंदू एकता परिषद (BHUC) ने शनिवार (16 अक्टूबर) रात एक ट्वीट में जानकारी दी कि कट्टरपंथी इस्लामियों ने बंगाल के चटगाँव डिवीजन के फेनी जिले में हिंदुओं पर हमला किया। इसने 14 सेकंड का एक वीडियो क्लिप भी साझा किया था, जिसमें कट्टरपंथी इस्लामियों को सड़कों पर तबाही मचाते हुए देखा जा सकता है। लाठियों से लैस उन्मादी भीड़ बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गई और फिर फेनी जिले में हिंदू मंदिरों पर एक साथ हमला किया।
हमलावरों ने कालीपाल में एक यात्री वाहन को आग लगा दी, कच्चे बम फेंके, एक दमकल ट्रक में तोड़फोड़ की और जोयकाली, जगन्नाथबाड़ी, कालीबाड़ी मंदिर और गाजीगंज आश्रम जैसे हिंदू मंदिरों पर हमला किया। कथित तौर पर इसी इस्लामी भीड़ ने जोयकली मंदिर के पास बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के अध्यक्ष शुकदेब नाथ तपन पर हमला किया था।
प्रभारी अधिकारी (फेनी मॉडल पुलिस स्टेशन) निज़ामुद्दीन के अनुसार, झड़पों के दौरान 40 से अधिक लोग घायल हो गए। इसके बाद उन्हें फेनी जनरल अस्पताल ले जाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जमात-ए-इस्लामी की इस्लामिक छात्र शिबिर नामक छात्र शाखा अपराधियों में शामिल थी। अवामी लीग और उसकी छात्र शाखा बांग्लादेश छात्र लीग के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने हमलावरों का विरोध करने की कोशिश की।