Tuesday, September 17, 2024
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बांग्लादेश में अब हिंदू सरकारी कर्मचारियों को बनाया जा रहा निशाना: कहीं टीचरों को कमरे में बंद कर लिखवाया इस्तीफा, कहीं घेरकर रिजाइन पर करवाए साइन

महिला टीचर दर्द साझा करते हुए कहती हैं- "मुझे यकीन नहीं होता कि मेरे छात्रों ने मेरे साथ ऐसा किया। मैंने कई छात्रों को पढ़ाया वो मेरे साथ अब भी संपर्क में हैं। लेकिन जो हुआ उस पर विश्वास नहीं होता। ये लोग हमें नहीं छोड़गे।"

बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने के बाद हिंदुओं पर अत्याचार समाप्त नहीं हुए हैं। उलटा अब वहाँ उन हिंदुओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया गया है जो संस्थानों में कार्यरत है और सालों से अपनी सेवा उस संस्थान को देते आए हैं। इस क्रम में कहीं खुद मुस्लिम छात्र अपने टीचर को परेशान करके उनसे इस्तीफा लिखवा रहे हैं तो कहीं सरकारी अधिकारी से हस्ताक्षर लिए जा रहे हैं। कारण सिर्फ एक है- इन लोगों की धार्मिक पहचान।

20 अगस्त को बांग्लादेश में इस्कॉन के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने एक्स पर जानकारी दी कि कैसे गौतम चंद्र पाल नाम के हिंदू शिक्षक को इस घृणा का शिकार होना पड़ा। गौतम अजीमपुर सरकारी कॉलेज के सबसे बेहतरीन कैमेस्ट्री टीचरों में से एक थे, लेकिन मुस्लिम छात्रों ने उनपर दबाव देकर उनसे इस्तीफा ले लिया। तस्वीर में देखा जा सकता है कि गौतम को इर्द-गिर्द टीचरों ने घेरा हुआ है।

19 अगस्त को इसी तरह से सोनाली रानी दास नाम की हिंदू महिला पर दबाव बनाया गया था कि वो होली रेड क्रिसेंट नर्सिंग कॉलेज में अपनी असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी को छोड़ दें।

ऑपइंडिया ने जब इस मामला बांग्लादेश की एक स्कूल टीचर से बात की तो उन्होंने बताया कि कैसे मुस्लिम छात्रों ने उन्हें इस्तीफे के लिए मजबूर किया। इसके लिए छात्रों ने उन्हें कमरे में बंद कर दिया था। महिला टीचर दर्द साझा करते हुए कहती हैं- “मुझे यकीन नहीं होता कि मेरे छात्रों ने मेरे साथ ऐसा किया। मैंने कई छात्रों को पढ़ाया वो मेरे साथ अब भी संपर्क में हैं। लेकिन जो हुआ उस पर विश्वास नहीं होता। ये लोग हमें नहीं छोड़गे।”

55 साल की महिला टीचर ने बताया कि उनकी स्थिति ये कर दी गई थी कि उन्होंने खिड़की से कूदकर अपनी जान बचानी पड़ी। इसके अलावा वो बच्चे उन्हें काफिर और मलाऊ जैसे शब्द कहकर बुला रहे थे।

18 अगस्त को इस्लामी कट्टरपंथी छात्रों ने हिंदू शिक्षक खुखू रानी बिस्वास का घेराव कर लिया था। खुकू रानी बिस्वास जेसोर नर्सिंग इंस्टीट्यूट की इंचार्ज थीं। उन्हें कट्टरपंथी छात्रों द्वारा उनके दफ़्तर में पाँच घंटे तक घेरे रखा था। इस दौरान बस उनसे उनके इस्तीफे की माँग हो रही थी।

इसी तरह, 18 अगस्त को एक्स यूजर @VladAdiReturns ने विभिन्न कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और स्कूलों के कुछ अन्य हिंदू शिक्षाविदों और शिक्षकों की एक लिस्ट साझा की, जो बांग्लादेश में इस्लामवादियों के निरंतर उत्पीड़न के शिकार हुए हैं। इसमें मशहूर गायक सुबीर नंदी की बेटी का भी जिक्र है जिन्हें भारत जाने को कहा गया है।

पोस्ट में बताया गया कि खुलना इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति मिहिर रंजन हलदर को 12 अगस्त को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। इसी तरह, चांदपुर के पूरनबाजार डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल रतन कुमार मजूमदार को भी इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया।

एक्स यूजर ने यह भी बताया कि कैसे बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले में सेताबगंज सरकारी कॉलेज के मुस्लिम छात्र भी प्रिंसिपल सुबोध चंद्र रॉय और उनके कार्यालय कर्मचारी निर्मल चंद्र रॉय के इस्तीफे की माँग कर रहे हैं।

14 अगस्त को कुछ मुस्लिम छात्रों ने एक हिंदू प्रोफेसर सौमित्र शेखर को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया। सौमित्र शेखर बांग्लादेश के मोयमोंसिंघा जिले में काजी नजरुल इस्लाम विश्वविद्यालय के कुलपति थे।

एक्स यूजर @Chellaney की एक अन्य पोस्ट में बताया कि कैसे मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 363 नगरपालिका महापौरों, 60 जिला परिषदों और 493 उपजिला अध्यक्षों को उनके पदों से हटा दिया है।

मालूम हो कि बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के नाम पर भड़की हिंसा में हिंदुओं को निशाना चुन चुनकर बनाया गया था। इस्लामी कट्टरपंथियों ने हिंदुओं के घर में घुसकर तोड़फोड़ की थी और सामान लूट ले गए थे। इसके अलावा मंदिरों में जाकर वहाँ मूर्तियों को खंडित करने का काम भी हुआ था। साथ ही साथ दुकानों से ताला तोड़कर सामान लूटे गए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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