भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में सत्तारूढ़ अवामी लीग (एएल) पार्टी से जुड़े इस्लामी कट्टरपंथियों के एक समूह ने एक हिंदू परिवार की जमीन पर कब्जा कर लिया है। यह मामला हितबंध उपजिले के पारुलिया गाँव का है। पीड़ित हिंदू परिवार ने अपनी 8 एकड़ जमीन पर कब्जे की शिकायत पुलिस से भी की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। उलटा आरोपितों ने पीड़ित परिवार को धमकाया और उन पर हमला किया।
पीड़ितों की पहचान रथींद्र नाथ रॉय और उनकी पत्नी सुशीला रानी के तौर पर हुई है। उनका आरोप है कि शिकायत दर्ज कराने के बाद भी पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, जमीन हड़पने वालों में एएल नेता हफीजुल इस्लाम, अबुल कलाम, हजरत अली और रेदवान अहमद शामिल हैं। हफीजुल और अबुल क्रमशः पतिकपारा यूनियन वार्ड नंबर 4 के पार्टी अध्यक्ष और महासचिव हैं।
पीड़ित परिवार ने उनकी जमीन कब्जाने वाले इन आरोपितों और उनके समर्थकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हिंदू परिवार का कहना है कि उन्हें अपनी ही जमीन पर जाने पर गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी गई है। पीड़ित रथींद्र ने बताया कि 40 से 45 साल पहले कटाव के कारण उनकी पैतृक भूमि का बड़ा हिस्सा तीस्ता नदी ने निगल लिया था। लगभग 10 साल पहले उसी जगह पर नदी के तल से एक विशाल भूभाग उभरा और धीरे-धीरे नदी से घिरी भूमि में बदल गया।
उन्होंने बताया कि उसके बाद से इस जमीन पर खेती कर रहे थे। लेकिन 13 नवंबर 2023 को जब वे और उनकी पत्नी सुशीला मक्के की रोपाई के लिए गए तो आरोपित उस जमीन पर अपना दावा करने लगे। उन्होंने बताया कि आरोपितों और उनके समर्थकों ने उन्हें बेरहमी से पीटा और जमीन से भगा दिया। रथींद्र की पत्नी सुशीला का कहना है कि आरोपित अब उनके पति पर एक गैर-न्यायिक स्टांप पर दस्तखत करने का दबाव डाल रहे हैं। इसमें लिखा है कि वह जमीन का मालिकाना हक उन्हें सौंप रहे हैं।
आरोपितों में से एक अबुल कलाम ने दावा किया कि उसने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर हाल ही में रथींद्र नाथ से 80 लाख टका में आठ एकड़ जमीन खरीदी हैं। भारतीय मुद्रा में यह रकम करीब 60.39 लाख रुपए बैठती है। अबुल कलाम का कहना है कि यहाँ पर गैर-न्यायिक स्टांप पर दस्तखत कर जमीनें खरीदी या बेची जाती हैं, क्योंकि चर क्षेत्रों में जमीन की रजिस्ट्री नहीं होती है। एक अन्य आरोपित हजरत अली ने जमीन का सौदा 87 लाख टका में होने की बात कही है।
वहीं हितबंध पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी शाह आलम ने इस बारे में शिकायत मिलने की पुष्टि की है। उनका कहना है कि जमीन से जुड़ा मामला होने के कारण पतिकापरा यूनियन परिषद के चेयरमैन को स्थानीय स्तर पर इस मामले को सुलझाने के लिए कहा गया है। परिषद के चेयरमैन मजीबुल आलम अवामी लीग की उपजिला ईकाई के संगठन सचिव भी हैं। उनका कहना है कि रथींद्र की शिकायत सही पाने जाने पर आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बताते चलें कि बांग्लादेश में चुनाव होने जा रहे हैं। इससे पहले ही हिंदू समुदाय को राजनीतिक हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है। धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए यहाँ के खुलना डिवीजन के शैलकुपा उपजिले में कई हिंदू परिवारों को अपने घर खाली करने और सस्ते दामों पर बेचने के लिए मजबूर होने के मामले सामने आए हैं।
नवंबर 2023 में कालबेला की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि अल्पसंख्यक समुदाय को इस्लामवादियों से खतरे का सामना करना पड़ रहा है। कई हिंदू परिवार देश के अन्य हिस्सों में पलायन कर रहे हैं। सत्येन्द्रनाथ साहा नाम के एक मृत हिंदू के घर पर कब्ज़ा कर 4 मंजिला इमारत बना दी गई थी। ‘जुबो लीग’ के अध्यक्ष (शैलकुपा उपजिला) शमीम हुसैन मोल्ला और उसके पिता सबदर हुसैन मोल्ला पर इस हिंदू परिवार की संपत्ति कब्जाने का आरोप लगाया गया था। बता दें कि ‘जुबो लीग’ सत्तारूढ़ शेख हसीना के नेतृत्व वाली बांग्लादेश अवामी लीग पार्टी की युवा शाखा है।
सत्येन्द्रनाथ साहा की बहू का आरोप है कि ‘जुबो लीग’ नेता ने उनके घर और काली मंदिर पर जबरन कब्जा कर लिया। स्थानीय सांसद मोहम्मद अब्दुल हई से शिकायत के बावजूद आरोपितों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। दिलचस्प बात यह है कि अब्दुल हई झेनाइदाह निर्वाचन क्षेत्र से बांग्लादेश अवामी लीग पार्टी के नेता भी हैं।