बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार थमे नहीं हैं। हाल में वहाँ सुनामगंज जिले में मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हिंदुओं के घरों और मंदिरों को निशाना बनाया। इस बार उन्होंने एक हिंदू युवक के पोस्ट को आधार बनाकर हिंसा को अंजाम दिया और कई हिंदुओं के घरों में तोड़फोड़ की।
कहा जा रहा है कि 3 दिसंबर 2024 को 21 साल के हिंदू युवक ने अपने फेसबुक पोस्ट में हेफज़ात-ए-इस्लाम के नेता मावलाना मुफ्ती मामुनुल हक की आलोचना की थी। इसी को ईशनिंदा बताकर हजारों कट्टरपंथी इकट्ठा हुए और स्थानीय हिंदुओं के घरों और दुकानों पर धावा बोल दिया।
इस क्रम में 3 दिसंबर की रात को बांग्लादेश के सुनामगंज इलाके के दोराबाजार में इस्लामी भीड़ ने 130 घरों और 20 हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की। अब घटना के बाद की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं। फेसबुक पोस्ट करने वाले युवक का नाम आकाश दास पता चला है। पुलिस पता लगा रही है कि आखिर हमले कहाँ-कहाँ हुए। फिलहाल स्थिति को संभालने के लिए मोंगलागाँव में भारी पुलिस बल और सेना को तैनात किया गया है।
130 Hindu houses & 20 mandirs have been vandalised by Islamist mobs in Doarabazar, Sunamganj, Bangladesh.
— HinduPost (@hindupost) December 4, 2024
The pretext? An alleged blasphemous FB comment
Demonization of ISKCON, arrests of monks, assaults on lawyers, incessant anti-Hindu mob violencepic.twitter.com/uIisRWnND3
दोवाराबाजार पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी जाहिदुल हक ने बताया कि जब स्थानीय लोगों ने फेसबुक पोस्ट से नाराजगी जताते हुए प्रदर्शन किया, तो उन्होंने आकाश दास को हिरासत में ले लिया। पुलिस के अनुसार इसके बाद भीड़ ने पुलिस टीम पर भी हमला किया और उसे छीनने की कोशिश की। इसके बाद उन्होंने उस व्यक्ति और कई अन्य हिंदू लोगों के घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की।
इस घटना को लेकर सुनामगंज कस्बे में केंद्रीय लोकनाथ मंदिर के महासचिव खोकन रॉय ने कहा, “भीड़ ने लोकनाथ मंदिर में भी तोड़फोड़ की और 15 लाख टका से अधिक मूल्य के कीमती सामान चुरा लिए। उन्होंने लगभग 100 घरों में भी तोड़फोड़ की। उपजिला पूजा उद्जन परिषद के अध्यक्ष गुरु डे के घर और पारिवारिक मंदिर में तोड़फोड़ की गई। उन्होंने कई स्वर्ण आभूषण की दुकानों और हिंदुओं की दुकानों में भी लूटपाट की।”
गौरतलब है कि सुनामगंज की इस घटना के बाद हिंदू सवाल कर रहे हैं कि आखिर अगर गलती एक इंसान ने की थी तो उन सबको इसके लिए क्यों भुगतान करना पड़ा? वहीं पुलिस ने इस घटना को लेकर संदेह जताया है कि ये घटना संभवत: सुनियोजित थी।
बता दें कि बीते कुछ दिनों में बांग्लादेश में कई जगह हिंसा की घटनाएँ सामने आई हैं, लेकिन फिर भी बांग्लादेशी मीडिया जगह-जगह ये बता रहा है कि अंतरिम सरकार के आने के बाद हिंदू पूरी तरह सुरक्षित हैं। यूनुस सरकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने दावा किया कि भारतीय मीडिया बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने के बारे में झूठी बातें फैला रहा है जबकि हकीकत में यहाँ ऐसा कुछ नहीं है।
ये बयान उस बीच सामने आए हैं जब चटगाँव में हिंदू मंदिर पर हमला हुआ। इस्कॉन प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार करके उनपर देशद्रोह लगा दिया गया है, वकील रमेन रॉय पर हमला हुआ है। वहीं मीडिया रिपोर्ट दावा करती हैं कि ऐसी स्थिति के कारण हाल ही में वहाँ से 200 से अधिक हिंदू परिवार पलायन कर चुके हैं।