बांग्लादेश के एक सांसद व आवामी लीग के दिग्गज नेता भारत में 3 दिन से लापता हैं। बहुत खोजने पर भी उनकी लोकेशन का पता नहीं चल पा रहा है। सांसद का नाम अनवारुल अजीम अनार (Anwarul Azim Anar) है। बताया जा रहा है कि उनकी आखिरी लोकेशन बिहार के मुजफ्फरपुर में मिली थी। अब उनकी बेटी ने इस संबंध में ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच से सहायता करने की अपील की है।
बेटी ने प्रेस कॉन्फ्रेंल कर बताया कि उनके अब्बा, जो कि तीन बार के सांसद हैं और कालीगंज उपजिला में आवामी लीग के अध्यक्ष हैं, उनका कुछ पता नहीं चल पा रहा है। वह एक कान से नहीं सुन पाते हैं और उसी के इलाज के लिए भारत गए थे। अब वह किसी का फोन नहीं उठा रहे। बेटी के मुताबिक कॉल करने पर उनके पिता का फोन कभी बंद आता है, कभी खुल जाता है। कुछ समझ नहीं आ रहा है कि आखिर हुआ क्या है। वह इस संबंध में काफी चिंतित हैं।
सांसद की बेटी की शिकायत मिलने के बाद बांग्लादेश की डीबी शाखा के प्रमख और एडिशनल पुलिस कमीशनर हारुन-या-रशीद ने उनसे मुलाकात की। साथ ही उन्हें आश्वासन दिया गया कि उनके मुल्क की पुलिस भारत की पुलिस के साथ मिलकर सांसद को खोजने का प्रयास कर रही है।
अभी तक जितनी भी जानकारी जुटाई गई है उससे यही पता चला है कि सांसद की आखिरी लोकेशन बिहार के मुजफ्फरपुर की है। वह 12 मई को दर्शना गेडे सीमा से भारत आए थे। यहाँ वह गोपाल नाम के व्यक्ति के घर रुके थे, जहाँ से वो नाश्ता-पानी करके निकल लिए थे। इसके बाद उन्हें शाम को घर आना, मगर जब वो शाम को वापस नहीं आए तो उन्हें कॉल किया गया, मगर कोई रिस्पांस नहीं मिला।
16 मई को उनके नंबर पर डीबी प्रमुख और जेनाइदाह जिला आवामी लीग के महासचिव सईदुल करीम मिंटू के फोन आए। उनकी कॉल भी सांसद ने नहीं उठाई। इसके बाद सांसद की खोजबीन के लिए भारतीय विशेष कार्यबल से संपर्क किया गया, तब से दोनों देशों के सुरक्षाबल उन्हें ढूँढने में लगे हैं। वहीं बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने कहा है कि इस मामले में चिंता की कोई बात नहीं है। वह कोलकाता गए होंगे। बाकी जानकारी जाँच एजेंसियाँ जुटाने में लगी हुई हैं। इस संबंध में बांग्लादेश के उच्चायोग और कोलकाता के डिप्टी हाई कमीशन विदेश मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में हैं।
बता दें कि बांग्लादेश से आकर भारत में लापता हुए अनवारुल तीन बार निर्वाचित सांसद रहे हैं। लेकिन उनके खिलाफ झेनियादह और चुआडांगा में कई मामले दर्ज हैं। 2008 में वह हथियार और विस्फोटक संबंधित क्राइम के लिए इंटरपोल द्वारा वांटेड लिस्ट में रखे गए थे। हालाँकि 2014 में सांसद बनने के बाद उनके खिलाफ दर्ज तमाम मामलों में उन्हें बरी कर दिया गया। इसके बाद वह 2018 और और 2024 में लगातार सांसद चुने गए।