युद्धग्रस्त यूक्रेन (Ukraine) में फँसे भारतीय नागरिकों को रेस्क्यू करने के लिए ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) चलाया जा रहा है। आपरेशन गंगा के तहत अब तक हजारों भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया गया है। खास बात है कि भारत सरकार ने अपने इस ऑपरेशन के जरिए पाकिस्तान (Pakistan), बांग्लादेश (Bangladesh) और नेपाल (Nepal) के अलावा अन्य कई देशों के नागरिकों को भी रेस्क्यू किया है।
Happy to inform that we have been able to move out all Indian students from Sumy. They are currently en route to Poltava, from where they will board trains to western Ukraine. Flights under #OperationGanga are being prepared to bring them home: Ministry of External Affairs (MEA)
— ANI (@ANI) March 8, 2022
शेख हसीना ने पीएम मोदी को कहा शुक्रिया
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, ऑपरेशन गंगा के तहत हाल ही में बांग्लादेश के 9 नागरिकों को यूक्रेन से रेस्क्यू किया गया है। बांग्लादेश के नागरिकों को रेस्क्यू किए जाने पर प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पीएम मोदी को धन्यवाद कहा है।
Prime Minister of Bangladesh Sheikh Hasina thanks PM Narendra Modi for rescuing its 9 nationals from Ukraine under ‘Operation Ganga’. Nepalese, Tunisian students were also rescued under this operation: Government sources
— ANI (@ANI) March 9, 2022
(file photos) pic.twitter.com/lXcMt8zu4A
पाकिस्तान की छात्रा को भी किया रेस्क्यू
इससे पहले, ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन में फँसी पाकिस्तान की छात्रा आसमा शफीक को भी भारत सरकार ने रेस्क्यू किया है। आसमा शफीक ने भारत सरकार और पीएम मोदी की तारीफ की है। आसमा जल्द ही अपने परिवार से मुलाकात करने वाली हैं। आसमा ने कहा, “मैं कीव में भारतीय दूतावास को धन्यवाद करना चाहती हूँ। भारतीय दूतावास ने कठिन स्थिति में भी हमारा सपोर्ट किया है। मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धन्यवाद देना चाहती हूँ। उम्मीद है कि हम लोग भारतीय दूतावास की वजह से सुरक्षित घर पहुँच जाएँगे।”
अब तक 18 हजार भारतीयों को लाया गया
विदेश मंत्रालय ने बताया कि यूक्रेन से करीब 18 हजार भारतीय नागरिकों को स्पेशल फ्लाइट के जरिए भारत लाया जा चुका है। मंगलवार (8 मार्च 2022) को दो विशेष विमानों के जरिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों से 410 भारतीय नागरिकों को लाया गया है।
भारतीयों के साथ अन्य मुल्क के नागरिकों की मदद
उल्लेखनीय है कि यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के बीच 28 फरवरी 2022 को प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से ये बयान दिया गया था कि भारत अपने नागरिकों को निकालते समय अपने पड़ोसी देश के नागरिकों की भी मदद करेगा जो इस समय यूक्रेन में फँसे हुए हैं। ये पहली बार नहीं है जब भारत किसी विपत्ति में अन्य मुल्कों के नागरिकों के काम आ रहा हो। साल 2015 में युद्धग्रस्त यमन से भारतीयों को निकालने के दौरान भी भारत ने अन्य देशों के 1947 लोगों को बचाया था।