लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गईं प्रधानमंत्री शेख हसीना के तख्तापलट के बाद सत्ता में आई बांग्लादेश की मोहम्मद युनुस की सरकार पाकिस्तान के साथ गलबहियाँ कर रही है। बांग्लादेश ने अब पाकिस्तान से आयात होकर आने वाले सामानों की जाँच का नियम खत्म कर दिया है।
अब बांग्लादेश में जाने वाले सभी सामानों को सामने से नहीं जाँचा जाएगा। पाकिस्तान से आने वाले सामानों की जाँच का निर्णय शेख हसीना की सरकार ने लिया था ताकि अवैध ड्रग्स या हथियार चुपके से बांग्लादेश ना पहुँच पाएँ।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश के नेशनल बोर्ड ऑफ़ रेवेन्यू (NBR) ने 29 सितम्बर, 2024 को यह निर्णय लिया है। अब पाकिस्तान से आयात होकर बांग्लादेश जाने वाले हर सामान की अलग-अलग जाँच नहीं होगी।
बांग्लादेश पहुँचने वाले सामानों पाकिस्तानी सामानों की जाँच अब खतरे के अनुमान के आधार पर की जाएगी। NBR का कहना है कि पाकिस्तान से आने वाले सभी सामानों की विशेष जाँच के चलते उसे अतिरिक्त स्टाफ इस काम के लिए लगाना पड़ता था।
बांग्लादेश का यह फैसला अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद युनुस और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अमेरिका में हुई मुलाक़ात के बाद सामने आया है। पाकिस्तानी सामानों की जाँच का यह नियम शेख हसीना सरकार लाई थी।
जहाँ बांग्लादेश ने इस फैसले के पीछे दोनों देशों के व्यापार में आसानी बढ़ाने को कारण बताया है, वहीं अब यह खतरा बढ़ गया है कि कहीं अवैध सामान बांग्लादेश पहुँचने लगें। कई मौकों पर सामने आया है कि वैध सामानों के बीच हथियार और ड्रग्स छुपा कर तस्करी की जाती है।
बांग्लादेश की नई सरकार का पाकिस्तान के साथ गलबहियाँ करने का यह कोई पहला मामला नहीं है। वह पाकिस्तान से जहाँ नजदीकियाँ बढ़ा रही है, वहीं उसके कुछ कदम भारत विरोधी भी दिखे हैं। हाल ही में बांग्लादेश ने भारत से अपना राजदूत भी वापस बुला लिया था।
इससे पहले बांग्लादेश भारत को दुर्गा पूजा के दौरान इस्तेमाल में लाई जाने वाली हिल्सा मछली निर्यात करने से मना दिया था। इसके अलावा बांग्लादेश ने हाल ही में शेख हसीना सरकार के दौरान भारत के साथ किए गए बिजली समझौतों पर भी जाँच चालू की थी। बांग्लादेश का भारत के प्रति यह रवैया युनुस सरकार के बाद ही बदला है।
इससे पहले पाकिस्तान की अंतरिम सरकार में शामिल सलाहकार नाहिद इस्लाम ने कहा था कि वह पाकिस्तान के साथ 1971 के बाद के रिश्तों को लेकर समझौता चाहते हैं। गौरतलब है कि बांग्लादेश पहले पाकिस्तान का ही हिस्सा था और 1970 के दशक में पाकिस्तान ने यहाँ रहने वाली बंगाली जनता पर अत्याचार किया था। इसके बाद भारत ने बांग्लादेश को पाकिस्तान से मुक्त करवा कर नया देश बनाने में सहयोग दिया था।