गुजरात दंगों पर बनाए गए बीबीसी की प्रॉपगेंडा डॉक्यूमेंट्री की आलोचना ब्रिटेन में भी हो रही है। ब्रिटेन की संसद के हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य लॉर्ड रामी रेंजर ने बीबीसी की आलोचना करते हुए डॉक्यूमेंट्री को दुर्भाग्यपूर्ण, गलत समय पर और गलत सूचना देने वाला बताया है। रामी रेंजर ने कहा है कि यह डॉक्यूमेंट्री मुट्ठी भर मोदी विरोधी लोगों के बयानों पर आधारित है।
ब्रिटिश सांसद रामी रेंजर ने कहा कि पीएम मोदी और भारत की सफलता कुछ लोगों से देखी नहीं जा रही है। उन्होंने कहा कि इस बार भारत बदला हुआ है, इसलिए प्रॉपगेंडा की कड़ी प्रतिक्रिया दी गई। उन्होंने बीबीसी पर 2 महान देशों के बीच संबंध खराब करने की कोशिश का आरोप लगाया।
रमी रेंजर ने कहा कि भारत और ब्रिटेन कई मामलों में दूसरे देशों के मुकाबले एक दूसरे के ज्यादा करीब हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 2 बार चुनावों में भारी बहुमत से जीतकर आए हैं और विरोधियों को गलत साबित किया है।
Delhi | The success of Modi and India is not palatable to so many people. This time we aren’t that India so there was a robust reaction: Lord Rami Ranger CBE, Baron of Mayfair, House of Lords, London
— ANI (@ANI) February 17, 2023
इसके पहले ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने भी बीबीसी की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री की आलोचना की थी। ब्लैकमैन ने मंगलवार (14 फरवरी, 2023) को न्यूज 18 से कहा था, “बीबीसी ब्रिटिश सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। पीएम मोदी को लेकर ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक से दो पार्ट में बनाई गई डॉक्यूमेंट्री स्तरहीन पत्रकारिता का परिणाम है। डॉक्यूमेंट्री के लिए उचित शोध नहीं किया गया है।” ब्लैकमैन ने कहा था कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में तथ्यों को पूरी तरह से बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया।
उल्लेखनीय है कि बीबीसी ने ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक से दो पार्ट में बनाई गई विवादित डॉक्यूमेंट्री सीरीज में गुजरात दंगों को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर आरोप लगाया है। इसको लेकर केंद्र सरकार ने ट्विटर और यूट्यूब से डॉक्यूमेंट्री से संबंधित लिंक हटाने का आदेश जारी किया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूट्यूब वीडियो के लिंक वाले 50 से ज्यादा ट्वीट्स को ब्लॉक किया गया था। विदेश मंत्रालय ने इसे भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने की कोशिश करार दिया था।
इस डॉक्यूमेंट्री में गोधरा कांड में शामिल रहे कट्टर इस्लामी लोगों की भूमिका पर पर्दा डालने की कोशिश की गई। आपको बता दें कि गोधरा कांड में 59 हिंदू मारे गए थे। यही नहीं, BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और जेएनयू (JNU) में काफी बवाल भी हुआ था।