भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने कनाडा के डिप्टी हाई कमिश्नर को नई दिल्ली में तलब कर उन्हें कड़ी फटकार लगाई। भारत सरकार ने आज (29 अप्रैल 2024) कनाडा के उपायुक्त को न सिर्फ फटकार लगाई, बल्कि तीखा विरोध भी दर्ज कराया। ये विरोध कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की मौजूदगी वाले एक सार्वजनिक कार्यक्रम में ‘खालिस्तान’ के समर्थन में नारे लगने की वजह से दर्ज कराया गया। नारेबाजी के समय ट्रूडो लोगों को संबोधित कर रहे थे और मंच पर ही हँसते दिखे थे।
भारत सरकार ने ट्रूडो की इस हरकत पर कहा, “यह एक बार फिर उस राजनीतिक स्थान को दर्शाता है जो कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को दिया गया है। उनकी निरंतर अभिव्यक्तियाँ न केवल भारत-कनाडा संबंधों को प्रभावित करती हैं, बल्कि कनाडा में अपने नागरिकों के लिए हिंसा और आपराधिकता के माहौल को भी बढ़ावा देती हैं।”
बयान में कहा गया है, “उनकी निरंतर अभिव्यक्ति न केवल भारत-कनाडा संबंधों को प्रभावित करती है, बल्कि कनाडा में अपने नागरिकों के लिए हिंसा और आपराधिकता के माहौल को भी बढ़ावा देती है।” इसके बाद सरकार ने कनाडा दूतावास में तैनात उपायुक्त को तलब किया और उन्हें फटकार लगाई। भारत का आरोप है कि कनाडा खालिस्तान समर्थकों को न सिर्फ शरण देता है, बल्कि उन्हें बढ़ावा भी देता है।
बता दें कि कनाडा के बड़े शहर टोरंटो में आयोजित खालसा डे सेलेब्रेशन में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मौजूदगी में खालिस्तान समर्थक नारे लगाए गए थे। इस दौरान ट्रूडो इन भारत विरोधी नारों पर हँसते रहे और इन्हें रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। इस कार्यक्रम को पीएम ट्रूडो ने भी संबोधित किया और सिख समुदाय के कनाडा के निर्माण में महत्व को गिनाया तथा उन्हें बधाईयाँ दी। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग खालिस्तानी झंडे लेकर पहुँचे और प्रधानमंत्री ट्रूडो के भाषण के दौरान खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते रहे।
गौरतलब है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ही 2023 में भारत पर आरोप लगाया था कि उसके ख़ुफ़िया एजेंसी के एजेंटों ने खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की। उन्होंने यह आरोप कनाडा की संसद में जड़ा था। हालाँकि, इस आरोप को लेकर उन्होंने कोई सबूत सामने नहीं रखे थे। भारत ने उनके इन आरोपों का कड़ा जवाब दिया था।