Sunday, November 17, 2024
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मरे हुए जानवर के खाल के अंदर छिपाकर की जा रही बछड़े की तस्करी, BSF के जवानों ने बचाई जान

मरे हुए जानवर की बॉडी के अंदर कुछ बँधा हुआ था। इसके अलावा केले के पेड़ का तना भी बँधा था। जानवर की खाल में एक छेद से किसी अन्य जानवर की नाक बाहर दिखाई दे रही थी। अंदर एक जिंदा बछड़ा था, जिसे तस्करों ने...

बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ की कड़ी निगरानी व सख्ती के चलते जब पशु तस्करों की कोई चाल कामयाब नहीं हो रही तो अब वे घृणित एवं क्रूर हथकंडे अपनाकर सभी सीमाओं को लाँघने पर उतारू हैं।

बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने अब मालदा जिले से तस्करों की एक ऐसी ही घिनौनी करतूत का पर्दाफाश किया है। इस मामले में मरे हुए जानवर के शव (खाल) के अंदर एक बछड़े को छिपाकर नदी के रास्ते बांग्लादेश में तस्करी की जा रही थी। 

यह घटना रविवार (जून 28, 2020) शाम की है। 44वीं बटालियन सीमा सुरक्षा बल सेक्टर मालदा के सजग सीमा प्रहरियों ने तस्करों की इस करतूत का भंडाफोड़ कर बछड़े को बचाया।

अधिकारियों ने बताया कि महानंदा नदी, जो कि सीमा चौकी आदमपुर और सीमा चौकी कुमारपुर जिला मालदा के बीच से बांग्लादेश की तरफ बहती है, में जब जवान निगरानी कर रहे थे तो उन्होंने एक प्लास्टिक की बोरी से बँधा हुआ कुछ पानी में तैरता देखा।

बीएसएफ अपनी गश्त करने वाली नाव को उस तरफ ले कर गए और नजदीक जाकर देखा कि एक मरे हुए जानवर की बॉडी के अंदर कुछ बँधा हुआ था। इसके साथ जलकुंभी भी बँधा हुआ था। इसके अलावा केले के पेड़ का तना भी बँधा हुआ था। 

जब इसको बीएसएफ जवानों ने गौर से देखा तो पाया कि मरे हुए जानवर की खाल में एक छेद से किसी जानवर की नाक बाहर दिखाई दे रहा था। जब इसे खोला गया तो उसके अंदर से एक जिंदा बछड़ा निकाला गया, जिसकी टाँगे और आँख रस्सी तथा कपड़े से बाँध रखी थी। बछड़ा तड़प रहा था, क्योंकि उसे साँस लेने में दिक्कत हो रही थी। सीमा प्रहरियों ने तुरंत बछड़े को बाहर निकाल कर उसका बचाव किया

बीएसएफ के अधिकारी ने कहा, “गो तस्करों ने मवेशियों की तस्करी के क्रूर और निर्मम तरीके अपनाने शुरू कर दिए हैं।” उन्होंने बताया कि खासकर बरसात व बाढ़ के समय में जब नदियों में पानी उफान पर होता है, उसका बहाव तेज हो जाता है तो तस्कर पशुओं को नदी की धारा में बहा देते हैं ताकि यह बहकर बांग्लादेश चले जाएँगे तथा वहाँ बांग्लादेशी तस्कर इसे निकाल लेंगे। लेकिन, हमारे जवान पूरी तरह सजग हैं और तस्करों की कोई भी कुटिल व घृणित चाल को सफल नहीं होने दे रहे। 

वहीं, 44वीं बटालियन के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि उनकी बटालियन के जवानों ने सीमा रेखा पर चौकसी इस कदर बढ़ा दी है कि तस्कर पूरी तरह से हताश हो चुके हैं और तस्करी करने के लिए इस तरह के घृणित हथकंडे अपना रहे हैं।

इसके इतर असम दक्षिण सलमार मनकचर जिले से सीमा सुरक्षा बल ने नौ मवेशी तस्करों को पकड़ा। उनके पास से आठ पशुओं के सिर बरामद किए गए। गिरफ्तार किए गए मवेशी तस्करों की पहचान मेहर सैफुल हक, रफीकुल इस्लाम, रफीकुल इस्लाम, सफीदुर इस्लाम, मोहम्मद आफ्टर अली और नूरुद्दीन के रूप में की गई और वे सभी दक्षिण सलमारा कंकड़धार जिले के निवासी थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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