धर्म के नाम पर बने और धर्म के नाम पर आतंकी पैदा करने वाले पाकिस्तान का अब इस्लाम से भी भरोसा डोल रहा है। जम्मू-कश्मीर पर अपना प्रोपगेंडा नहीं सुने जाने से तिलमिलाए पाकिस्तानी नेता अब अपनी सरकार पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) से बाहर निकलने का दबाव बनाने लगे हैं।
पाकिस्तानी सीनेट के पूर्व चेयरमैन मियॉं राजा रब्बानी ने कहा है कि ‘इस्लामिक उम्माह का बुलबुला फट गया है’ और पाकिस्तान को उम्माह के साथ रिश्तों पर फिर से विचार करना चाहिए। उन्होंने ओआईसी को संयुक्त राष्ट्र से भी वाहियात संगठन बताया।
वे सीनेट में शुक्रवार को कश्मीर मसले पर हुई चर्चा के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यह सही समय है जब पाकिस्तान ओआईसी से बाहर निकल जाए।
बकौल रब्बानी, जब भी पाकिस्तान या कोई अन्य मुस्लिम मुल्क मुश्किल में फॅंसा है, ओआईसी उनकी मदद करने में नाकाम रहा है। बोस्निया और फलस्तीन का हवाला देते हुए उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस्लामिक दुनिया को मुनाफे से मतलब है। वे अपने आर्थिक हितों को देख फैसले लेते हैं।
इस दौरान उन्होंने सऊदी कंपनी अरमाको और रिलायंस के बीच हुए करार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले यूएई के सर्वोच्च सम्मान और उनके हालिया बहरीन दौरे का हवाला देते हुए कहा कि कश्मीर जैसे मसलों की बजाए मुस्लिम मुल्क अपने धंधे में व्यस्त हैं।
उल्लेखनीय है कि आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद पाकिस्तान अपना प्रोपगेंडा लेकर हर दरवाजे तक गया था। लेकिन, कहीं से उसे मदद नहीं मिल रही। दिवालिया होने के कगार पर पहुॅंचे पाकिस्तान का खर्च भी ओआईसी जैसे संगठनों से मिलने वाले खैरात पर टिका है।