खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मौत के बारे में कनाडा कि पूर्व NSA जोडी थॉमस ने नए खुलासे किए हैं। जोडी थॉमस ने कहा है कि कनाडा पुलिस ने पहले इसे जवाबी हत्या का मामला मान कर जाँच की थी। उन्हें लगा था कि यह कार्रवाई रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या के जवाब में की गई है। मलिक 1985 में एयर इंडिया विमान में धमाका करने का आरोपित था।
जोडी थॉमस ने यह खुलासे कनाडा में विदेशी दखल की जाँच करने वाली कमिटी के सामने किए हैं। इसी कमिटी के सामने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने के पक्के सबूत ना होने की बात कबूली थी। जोडी थॉमस ने इस कमिटी के सामने निज्जर की हत्या के मामले में जाँच की जानकारी दी है।
जोडी थॉमस निज्जर की हत्या के समय कनाडा की NSA थीं। उन्होंने इस कमिटी को बताया, “निज्जर की हत्या जून, 2023 में हुई थी। यह एक ही गुरूद्वारे में हुई दूसरी हाई प्रोफाइल हत्या थी। इसी गुरूद्वारे में ठीक एक साल पहले रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या हुई थी। तब पुलिस और खुफिया जाँच में शुरुआत में कहा गया था कि निज्जर की हत्या, मलिक की हत्या का जवाब थी।”
Testimony from Jody Thomas, who was NSA at the time of the Nijjar assassination
— Journalist V (@OnTheNewsBeat) October 17, 2024
Says the initial intelligence and police investigation was that it was a retaliation for Ripudaman Malik's murder but the community was not satisfied…subsequently with further intelligence they… pic.twitter.com/Lac5NeKitj
थॉमस ने इसके बाद बताया, “सिख समुदाय इस नतीजे से संतुष्ट नहीं था। वह इस मामले में अपनी शंकाएँ जता रहे थे। इस मामले में पुलिस और ख़ुफ़िया एजेंसियों ने अच्छा काम किया। इस बात की काफी संभावना है कि यह एक एक्स्ट्रा जुडिशियल किलिंग थी।”
भारत ने कनाडा से उसके आरोपों पर सबूत माँगे हैं। हालाँकि, कनाडा अभी तक इस मामले में कोई सबूत नहीं पेश कर पाया है। इसको लेकर भी जोडी थॉमस ने जानकारी दी। जोडी थॉमस ने कहा, “हम इस मामले में भारत को अपने साथ लाना चाहते थे। हम इसमें ऐसा सबूत भी रखना चाहते थे जो अमेरिका ने पन्नू मामले में रखा है। लेकिन यह कठिन था क्योंकि हमने जानकारी तो साझा की लेकिन अमेरिका के इतनी नहीं कर पाए क्योंकि हम तब तक जाँच भी कर रहे थे। हम किसी हत्या की साजिश की नहीं बल्कि असल हत्या की जाँच कर रहे थे।”
Testimony from Jody Thomas, who was NSA at the time of the Nijjar assassination
— Journalist V (@OnTheNewsBeat) October 17, 2024
Says the initial intelligence and police investigation was that it was a retaliation for Ripudaman Malik's murder but the community was not satisfied…subsequently with further intelligence they… pic.twitter.com/Lac5NeKitj
जोडी थॉमस के इस खुलासे के बाद भारत के उन दावों को और मजबूती मिली है कि वह निज्जर की हत्या में शामिल नहीं था और इस संबंध में कोई सबूत नहीं है। हालाँकि, जोडी थॉमस ने अपने बयान में भारत को ही इस हत्या का जिम्मेदार माना है। थॉमस ने भारत पर वैसे ही आरोप जड़े हैं जैसे उनके प्रधानमंत्री ट्रूडो ने लगाए थे।
गौरतलब है कि इससे पहले ट्रूडो भी इसी कमिटी के सामने पेश हुए थे और उन्होंने भारत के दावे को मजबूत किया था। इसके बाद भारत ने कहा था कि कनाडा और भारत के रिश्तों को खराब करने के जिम्मेदार अकेले ट्रूडो होंगे। ट्रूडो के दावे पर कनाडा के भीतर भी सवाल उठे हैं।
कनाडा के बड़े नेता मैक्सिम बर्नियर ने ट्रूडो पर इस मामले के बहाने दूसरे विवादों पर पर्दा डालने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि इस हत्या के मामले में कोई भी सबूत नहीं पेश किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि हरदीप सिंह निज्जर कोई कनाडाई था।
बर्नियर ने एक्स पर लिखा, “एक मिथक को दूर किया जाना चाहिए, इस पूरे मुद्दे के केंद्र में जो खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर है और उसकी पिछले साल हत्या कर दी गई थी, एक कनाडाई था। वह असल में एक विदेशी आतंकवादी था जिसने 1997 से कई बार कनाडा में शरण लेने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। उसके दावों को खारिज कर दिया गया लेकिन फिर भी उसे इस देश में रहने की अनुमति दी गई और किसी तरह 2007 में उसे नागरिकता दे दी गई।”
If true, allegations made by the RCMP and the Liberal government that Indian diplomats participated in criminal activities on our territory are very serious and should be dealt with. So far however, we haven’t been given any proof. And Trudeau is clearly using this crisis to… pic.twitter.com/wM2dR8FMHl
— Maxime Bernier (@MaximeBernier) October 17, 2024
जस्टिन ट्रूडो के दावों पर कनाडा लगातार फंसता जा रहा है। कनाडा की स्थिति इस मामले में काफी कमजोर है और भारत झूठे आरोपों को कतई बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। भारत ने कनाडा के 6 राजनयिकों को निकाल दिया है और अपने भी राजनयिक वापस बुला लिए हैं।