कनाडा की सेना (Canadian Army) में होने वाले यौन शोषण पर एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इस खुलासे के मुताबिक, कुछ महिला सदस्यों को दुश्मनों के मुकाबले अपने ही साथियों से ज्यादा यौन हिंसा झेलनी पड़ी है। यह रिपोर्ट कुल 404 पन्नो की है, जिसे कनाडाई सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस लुईस आर्बॉर ने कई सालों से पीड़िताओं के बयान के आधार पर तैयार की है। इस रिपोर्ट के बाद CAF (कनाडियन आर्म्ड फोर्सेस) में इस चलन की आलोचना हो रही है।
Here is a link to the “Independent External Comprehensive Review Into Sexual Misconduct in the Department of National Defence and Canadian Armed Forces,” aka The Arbour Report https://t.co/hpdvvB7eoH pic.twitter.com/MNjnMryY8L
— André Picard (@picardonhealth) May 30, 2022
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, “यौन हिंसा के मामलों की जाँच और उसके समाधान की दिशा में विचार करते हुए CAF के सीनियर अधिकारी ये नहीं जान पाते हैं कि असल में समस्या की जड़ कहाँ है। सिस्टम के नियमों के अनुसार CAF कर्मी अपने काम को जारी रखती हैं, लेकिन इससे कई बार उन्हें अपने साथियों से वो सब झेलना पड़ता है जो दुश्मनों के मुकाबले कहीं अधिक बुरा और हानिकारक होता है।”
लुईस अर्बोर द्वारा तैयार की गई ये रिपोर्ट कनाडा की सेना में होने वाली यौन हिंसा की घटनाओं की जाँच के लिए अब तक की तीसरा सबसे बड़ा सर्वे है। साल 1992 में नौसेना की दिग्गज डॉन मैकइलमॉयल का एक साथी नाविक उन्हें रेप कर रहा था और दूसरा साथी देख रहा था। तब मैकइलमॉयल महज 19 साल की थीं। मैकइलमॉयल ने गार्जियन को बताया, “जब मैंने आगे आकर इसका विरोध करना चाहा तब मुझ पर पुरुषों के फ्लोर पर जाने का आरोप लगाकर राष्ट्रीय रक्षा कानून के तहत कार्रवाई कर दी गई थी। जबकि, मैं उस फ्लोर पर खुद नहीं गई थी बल्कि ले जाई गई थी।”
अर्बोर ने अपनी रिपोर्ट में सेना के अंदर होने वाले यौन उत्पीड़न के मामले की निष्पक्ष जाँच के लिए नागरिक अधिकारियों को ट्रांसफर करने की सिफारिश की है। इसी के साथ उन्होंने सेना में भर्ती और ट्रेनिंग प्रक्रिया में भी सुधार की सिफारिश की है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा सरकार की रक्षा मंत्री अनीता आनंद ने यौन हिंसा के ऐसे मामलों में बदलाव लाने और उस पर सरकारी द्वारा नजर रखने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन उसका सही से पालन होगा या नहीं इस पर संदेह बना हुआ है।