फ्रांस की व्यंग्य मैग्जीन ‘शार्ली एब्दो’ के पुराने ऑफिस के बाहर एक बार फिर हमले की खबर सामने आई है। धारदार हथियार से शुक्रवार (सितंबर 25, 2020) को हुए इस हमले में 4 लोग घायल हो गए। दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।
पेरिस पुलिस का कहना है कि वह हमलावरों की तलाश में जुटी है। संदिग्ध पैकेट मिलने के बाद पूरे एरिया को बंद कर दिया गया है। हमला पेरिस के रिचर्ड लेनोरो मेट्रो स्टेशन के पास हुआ। हमले के बाद से क्षेत्र में स्कूल और केयर होम बंद हैं। अभी तक पुलिस ने हमलावरों और पीड़ितों की पहचान उजागर नहीं की है।
Agression à l’arme blanche dans le secteur Richard Lenoir (source PP) :
— Lucas Burel (@L_heguiaphal) September 25, 2020
– 4 victimes dont 2 en urgence absolue
– 2 auteurs en fuite recherchés par les policiers
– La BRI est mobilisée.
– Périmètre élargi établi autour des anciens locaux de Charlie Hebdo pour un colis suspect
पत्रकार लुकास ब्यूरेल ने ट्विटर पर इस बात की पुष्टि की है कि इलाके में एक संदिग्ध पैकेट देखा गया है। एक गवाह ने BFMTV को बताया, “मैंने एक युवा महिला को देखा। उसके सिर पर गहरी चोट थी और पूरे मुँह पर खून ही खून था।”
उल्लेखनीय है कि इससे पहले शार्ली एब्दो मैग्जीन के दफ्तर पर साल 2015 में हमला हुआ था। यह हमला पैगंबर का एक कार्टून छापने के कारण हुआ था। इस घटना के करीब 5 साल बाद मैग्जीन ने दोबारा उस कार्टून को हाल में पब्लिश करने का फैसला किया, जिसके कारण विश्व भर के मुस्लिमों ने जगह-जगह प्रदर्शन किया और कई जगहों से हिंसा की घटना भी सामने आई।
फ्रांस के प्रेसिडेंट इमैनुएल मैक्रों ने फ्रेंच व्यंग्य साप्ताहिक पत्रिका शार्ली एब्दो के पैगम्बर मुहम्मद पर पुनः प्रकाशित किए जाने वाले कार्टून के फैसले को लेकर किसी भी प्रकार की निंदा नहीं की। मैक्रों ने लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर बल देते हुए कहा था कि कोई भी प्रेसिडेंट पत्रकार या न्यूज़ रूम के संपादकीय की पसंद को लेकर कोई जजमेंट पास नहीं कर सकता।