इजरायल ने गाजा और मिस्र की सीमा पर स्थित फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। ये साल 2006 के बाद पहली बार है, जब इजरायल ने इस कॉरिडोर पर कब्जा किया है। इजरायल ने गाजा और मिस्र के बीच की सारी आवाजाही को अपने कब्जे में ले लिया है और रफाह क्रॉसिंग पर भी अपने जवान तैनात कर दिए हैं। अब तक इस कॉरिडोर और क्रॉसिंग पर मिस्र के सैनिक तैनात होते थे। इजरायल ने एक समझौते के बाद साल 2006 में इस कॉरिडोर और क्रॉसिंग की जिम्मेदारी मिस्र को सौंप दी थी।
इसके साथ ही इजरायल ने गाजा में फिलिस्तीनियों के लिए तैनात यूएन की राहत एजेंसी UNRWA को आतंकी संगठन घोषित करने की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं, इस बारे में इजरायली संसद में एक बिल पेश किया गया था, जो भारी बहुमत से पास भी हो गया। अगर इजरायल की सरकार UNRWA को आतंकी संगठन घोषित करती है, तो गाजा में उसके कामों को रोकने के साथ ही वो UNRWA से जुड़ी चीजों को भी निशाना बना सकता है। फरवरी महीने में ही इजरायल की सरकार ने UNRWA के एक बैंक अकाउंट को जब्त कर लिया था, जिसके जरिए गाजा में वो राहत कार्यों को अंजाम दे रही थी। इजरायल ने आरोप लगाया है कि UNRWA के लोग हमास से मिले हुए हैं और 7 अक्टूबर 2023 के हमले में भी UNRWA के लोगों की मिली भगत थी।
क्या है फिलाडेल्फी कॉरिडोर? जिस पर इजरायल ने किया कब्जा
साल 2006 में गाजा और मिस्र की सीमा के बीच 14 किमी लंबे फिलाडेल्फी कॉरिडोर को बनाया गया था। इसे बफर जोन बनाया गया था कि यहाँ कोई सैन्य गतिविधि नहीं होगी और न ही दोनों तरफ से कोई निर्माम कार्य होगा। ये समझौता इजरायल, फिलिस्तीन अथॉरिटी और मिस्र के बीच हुआ था। लेकिन साल 2007 में हमास ने गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया और इस कॉरिडोर में भी अपनी गतिविधियाँ चलाई। कई सारी सुरंगे बनाई और सामानों की तस्करी शुरू कर दी।
इजरायली सेना ने बताया है कि फिलाडेल्फी कॉरिडोर के इलाके में उसे 20 सुरंगें मिली हैं, तो दर्जनों रॉकेट लॉन्चर भी बरामद किए हैं। यहाँ से इजरायल पर हमले किए जा रहे थे। जबकि फिलाडेल्फी कॉरिडोर को डि-मिलिटराइज जोन बनाया गया था। साल 1978 के कैंप डेविड समझौते के तहत यहाँ कोई भी सैनिक तैनात नहीं हो सकता था, लेकिन हमास ने लगातार इसका अतिक्रमण किया। ऐसे में साल 2006 के बाद इजरायल ने पूरे कॉरिडोर को पहली बार कब्जे में ले लिया है। इसके साथ ही उसने रफाह क्रॉसिंग पर भी अपने सैनिक तैनात कर दिए हैं। अब तक यहाँ मिस्र के सैनिक तैनात होते थे और यहीं से होकर गाजा के लिए लोगों और सामान की आवाजाही हो रही थी।
The IDF has taken full control of the Philadelphia Corridor, the road that runs along the border between Gaza and Egypt. So far, the IDF has found 20 Hamas tunnels and 82 tunnel shafts there. #IsraelHamasWar pic.twitter.com/SahQjk1A7i
— Eretz Israel (@EretzIsrael) May 29, 2024
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी UNRWA को आतंकी संगठन घोषित करने की तरफ बढ़ाए कदम
इस बीच, इजरायल की संसद ने एक बिल पास किया है, जिसमें गाजा और फिलिस्तीन में राहत कार्यों को अंजाम देने वाली एजेंसी UNRWA को आतंकी संगठन घोषित किया गया है। ये एक बिल है, जिसपर आगे चर्चा होनी है। इस बिल के पूरी तरह से पास होने पर इजरायल यूएन की इस एजेंसी से सारे संबंध तोड़ सकेगा और गाजा में भी उसका कामकाज ठप कर देगा। ये बिल 42-6 के बहुमत से पास हुआ।
इजरायल की संसद में विपक्षी पार्टी बेईतुन के नेता एमके एविगडोर लिबरमैन ने कहा कि UNRWA ने 7 अक्टूबर के हमले में हमाज की मदद की थी। ये एजेंसी गाजा के अंदर आतंकवादियों की मददगार है। बता दें कि एजेंसी के कर्मचारियों पर 7 अक्टूबर 2023 के हमलों में शामिल होने के आरोप हैं। उसके 45 कर्मचारियों का नाम इसमें आया था। इजरायल की शिकायत के बावजूद उनपर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद से इजरायली अधिकारी माँग कर रहे हैं कि इस संगठन पर बैन लगाया जाए। बता दें कि इसी संगठन के लिए भेजे गए सामान को हमास ने अपने कब्जे में कर लिया था और अपने हथियारों के साथ ही तेल डिपो को बढ़ा लिया था, जिससे इजरायल के हमले का जवाब देने में उसे मदद मिली।
बता दें कि इजरायल के सबसे बड़े बैंक ने UNRWA के खाते को फ्रीज कर दिया था, क्योंकि उसके खाते के माध्यम से संदिग्ध लेन-देन हो रहा था। UNRWA इजरायली सवालों के जवाब नहीं दे पाई थी। इजरायली सेना ने आरोप लगाया था कि UNRWA का गाजा में हो हेडक्वॉर्टर है, उसके नीचे हमास का भी सेंटर था। यही नहीं, हमास के कंप्यूटर सर्वर सीधे UNRWA को मिल रही बिजली से जुड़े थे। कई बार UNRWA के सेंटर्स पर इजरायली सेना को हथियार मिल चुके हैं।
इस बीच इजरायल ने येरुशलम में स्थित UNRWA के ऑफिस को खाली करने का नोटिस दिया है। UNRWA को एक माह के अंदर ये जगह खाली करनी होगी। 7 साल में इस जगह के किराए और अन्य सुविधाओं के लिए इजरायली सरकार ने $7.3 मिलियन भी माँगे हैं। इसके लिए इज़राइल भूमि प्राधिकरण ने इज़राइली आवास मंत्री यित्ज़ाक गोल्डकनॉफ़ की अनुमति से UNRWA को पत्र जारी किया है।
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायली इलाकों में घुसकर तबाही मचाई थी। इस हमले में 1200 से ज्यादा इजरायली लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 252 लगों को हमास ने बंधक बना लिया था। अब भी हमास के कब्जे में 125 लोग हैं, जिसमें से 39 लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। इसके बाद ही इजरायल ने गाजा को आतंकवाद और हमास से मुक्त करने के लिए सफाई अभियान चलाया है, जिसमें तमाम आम नागरिक भी मारे गए हैं। गाजा में मरने वालों की संख्या हजारों में है।