30 अप्रैल 2019 को यूरोपियन पार्लियामेंट के 51 सदस्यों ने सामूहिक रूप से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को एक पत्र लिखा और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों और उनकी हत्याओं पर चिंता प्रकट की। उन्होंने इमरान खान से पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का आश्वासन माँगा।
पत्र में कहा गया कि आज का पाकिस्तान मुहम्मद अली जिन्नाह के पाकिस्तान के एकदम अलग है। पत्र के अनुसार जिन्नाह एक ऐसा पाकिस्तान चाहते थे जहाँ बहुसंख्यक समुदाय विशेष के साथ ईसाई, सिख, हिन्दू, अहमदिया सभी को समान अवसर मिलें लेकिन बीते सत्तर वर्षों में पाकिस्तान के हुक्मरानों ने विभाजनकारी नीतियाँ अपनाईं जिससे पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों पर चरमपंथी बहुसंख्यकों द्वारा हिंसक अत्याचार किए गए।
पत्र में पाकिस्तान की आलोचना की गई और आसिया बीबी नामक ईसाई महिला पर लगाए गए ईशनिंदा के झूठे आरोपों और अतंतः दिए गए मृत्युदंड की निंदा की गई।
यूरोपियन पार्लियामेंट के सदस्यों ने पाकिस्तान से गुज़ारिश की है कि वो उन संस्थागत और संवैधानिक ढाँचों को ध्वस्त करे जिनके कारण अल्पसंख्यकों को लक्षित कर अत्याचार किए जा रहे हैं। सदस्य देशों ने कहा है कि यदि पाकिस्तान अपने यहाँ अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा को बंद नहीं करता तो यूरोपियन कमीशन पाकिस्तान को दी जाने वाली हर प्रकार की सब्सिडी और व्यापार में छूट बंद करने को बाध्य होगा।