अल्लाहु अकबर के नारे लगाकर एक यहूदी महिला की हत्या करने वाले मुस्लिम पर मुकदमा नहीं चलेगा। फ्रांस के एक जज ने कहा है कि हत्या के वक्त आरोपित गाँजे के नशे में था, इसलिए उसे अपराध का जिम्मेदार नहीं माना जा सकता।
65 साल की सारा हलीमी की हत्या 3 अप्रैल 2017 को उनके फ्लैट में घुसकर 29 साल के कोबिली त्राउरे ने कर दी थी। कथित तौर पर महिला को तीसरी मंजिल स्थित फ्लैट की खिड़की से नीचे फेंकने से पहले उसने कुरान की आयतें पढ़ीं थी और हलीमी को “शैतान” कहा था। हत्या करने के बाद वह चिल्ला रहा था,”मैंने शैतान को मार दिया।”
हत्या को अंजाम देने से पहले उसने करीब एक घंटे तक सारा को फ्लैट में बंधक बना रखा था और इस दौरान पुलिस दरवाजे पर खड़ी होकर उसे समझाने की कोशिश कर रही थी। हत्या के बाद उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया था।
लेकिन, फ्रांसीसी न्यायिक व्यवस्था में जज ऑफ इन्क्वायरी को यह फैसला करना होता है कि आरोपी पर अभियोग चलाया जा सकता है या नहीं। जज ऑफ इन्क्वायरी के फैसले को यहूदियों के संगठन सीआरआइएफ के अध्यक्ष फ्रांसिस खालिफत ने आश्चर्यजनक और अनुचित बताया है। उन्होंने बताया कि आरोपी के खिलाफ अभियोग चलाने के लिए वे अपील करेंगे।
ताजा फैसले के बाद त्राउरे को मानसिक उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है या ड्रग रिहैबिलेटेशन प्रोग्राम में शामिल किया जा सकता है या फिर उसे रिहा कर दिया जाएगा।
इस मामले में अभियोग चलाने में हो रही देरी को लेकर यहूदी संगठनों ने कई बार प्रदर्शन भी किया था। उनका आरोप था कि त्राउरे को अभियोग से बचाने के लिए मामले में जानबूझकर देरी की जा रही है।
मई में फ्रांस के पूर्व पुलिस कमिश्नर और फ्रांस ब्यूरो ऑफ विजिलेंस के संस्थापक सैमी गोजलान ने कहा था कि जिस तरीके से सारा मामले की जांच की जा रही है, उससे लगता है कि फ्रांस में यहूदियों के खिलाफ होने वाले अपराधों से सही तरीके से नहीं निबटा जा रहा।
सारा की बेटी ने बताया कि उनकी मॉं की हत्या करने से दो साल पहले त्राउरे ने उसे “नीच यहूदी” कहा था।