भारत सरकार ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत यूक्रेन से अभी तक 22 हजार से अधिक भारतीय नागरिकों को बाहर निकाल चुकी है। यह जानकारी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार (15 मार्च 2022) को राज्यसभा में दी। उन्होंने बताया कि युद्ध प्रभावित यूक्रेन से 22,500 से अधिक भारतीय नागरिक अभी तक स्वदेश लौट चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान कड़ी चुनौतियों का सामना किया गया, लेकिन भारत ने यह सुनिश्चित किया कि अपने लोगों को संघर्ष वाले क्षेत्रों से निकालना ही है।
Despite the challenges posed by the serious ongoing conflict, we have ensured that about 22,500 citizens have returned home safely: EAM Dr S Jaishankar in Rajya Sabha#RussiaUkraineCrisis pic.twitter.com/3e8FFOaPuc
— ANI (@ANI) March 15, 2022
उन्होंने कहा, “इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर हमने ऑपरेशन गंगा की शुरुआत की, जो इस संघर्ष की स्थिति के दौरान चलाए गए सबसे कठिन अभियानों में से एक था। ऑपरेशन गंगा के तहत 90 फ्लाइट्स का संचालन किया गया है। जिनमें से 76 नागरिक उड़ानें थीं और 14 IAF उड़ानें थीं। निकासी उड़ानें (Evacuation Flights) रोमानिया, पोलैंड, हंगरी और स्लोवाकिया से थीं। भारतीय वायुसेना ने भी इस अभियान में मदद की। यही नहीं, कई प्राइवेट एयरलाइनों ने भी उत्साहपूर्वक इसमें हिस्सा लिया।”
Under #OperationGanga, 90 flights have been operated out of which 76 were civilian flights & 14 were IAF flights. The evacuation flights were from Romania, Poland, Hungary & Slovakia. While IAF rose to the occasion, most of the pvt airlines also participated enthusiastically: EAM pic.twitter.com/sxBrXL26KG
— ANI (@ANI) March 15, 2022
जयशंकर ने कहा, “अभियान की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री खुद हर दिन बैठक कर रहे थे। विदेश मंत्रालय में हमने 24/7 आधार पर निकासी कार्यों की निगरानी की। हमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय, रक्षा, NDRF, IAF, प्राइवेट एयरलाइंस सहित सभी संबंधित मंत्रालयों और संगठनों से पूरा समर्थन मिला।” विदेश मंत्री ने कहा, “आधे से ज्यादा छात्र पूर्वी यूक्रेन के विश्वविद्यालयों में थे जो क्षेत्र रूस की सीमा से लगा है और अब तक संघर्ष का केंद्र रहा है। यूक्रेन से 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के छात्रों को सुरक्षित निकाला गया है।”
Entire exercise involved a whole of Govt approach, with PM himself chairing review meetings almost on a daily basis. At MEA, we monitored evacuation ops on a 24/7 basis. We got excellent support from all concerned ministries & orgs, incl MoCA, Defence, NDRF, IAF,pvt airlines: EAM pic.twitter.com/WJITefs34Y
— ANI (@ANI) March 15, 2022
उन्होंने सदन को बताया कि यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने जनवरी से ही भारतीय नागरिकों के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया था। जिसमें 20 हजार भारतीयों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें से ज्यादातर मेडिकल की पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्र थे। दूतावास ने 15 फरवरी को एक एडवाइजरी जारी की थी जिसमें सलाह दी गई थी कि जिनका भी यूक्रेन में रुकना जरूरी न हो वो देश छोड़ दें। भारतीयों को यूक्रेन की यात्रा न करने या यूक्रेन के भीतर गैर-जरूरी आवाजाही न करने की सलाह भी दी गई।
Further advisories were also given on 20th & 22nd Feb. Air bubble instructions then imposed were immediately lifted in consultation with Ukrainian side to increase number of direct flights. Around 4000 Indians departed from Ukraine by direct/indirect flights till 23rd Feb: EAM pic.twitter.com/ttQy3HU5vF
— ANI (@ANI) March 15, 2022
एस जयशंकर ने कहा, “इसके बाद भारतीय दूतावास ने 20 और 22 फरवरी को एडवाइजरी जारी करके छात्रों और भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकलने के लिए कहा था। 23 फरवरी तक लगभग 4,000 भारतीय यूक्रेन से अलग-अलग उड़ानों के जरिए यूक्रेन छोड़ चुके थे। लगातार जारी हो रही एडवाइजरी और हमारे प्रयासों के बाद भी बड़ी संख्या में छात्र वहाँ से नहीं निकल रहे थे। उनको डर यह था कि उनकी पढ़ाई अधूरी ना रह जाए। कुछ विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की पेशकश करने में रुचि नहीं दिखाई।”
Despite our efforts, however, a large majority of students elected to continue staying in Ukraine. There was a natural reluctance to leave educational institutions & affect their studies. Some universities actively discouraged & showed reluctance to offer online courses: EAM pic.twitter.com/1DjeZ8D4Z8
— ANI (@ANI) March 15, 2022
रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन में हजारों की संख्या में भारतीय छात्र फँसे हुए थे। जिन्हें निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा अभियान चलाया गया था। ऑपरेशन गंगा के तहत न सिर्फ भारतीयों को बल्कि नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश के भी कुछ छात्रों को यूक्रेन से सुरक्षित निकाला गया है।
अभियान ऐसे समय में किया गया था जब सैन्य कार्रवाई, हवाई हमले और गोलीबारी चल रही थी। अभियान उस बड़े देश में चला जो युद्धग्रस्त था।
प्रधानमंत्री ने कई मौकों पर रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों से बात की। उन्होंने विशेष रूप से खारकीव और सुमी से भारतीयों की सुरक्षित निकासी का मुद्दा उठाया। प्रधानमंत्री ने रोमानिया, स्लोवाक गणराज्य, हंगरी और पोलैंड के राष्ट्रपतियों से अपने देशों में भारतीयों के प्रवेश की सुविधा को लेकर बात की। प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन गंगा की सुविधा के लिए रोमानिया, हंगरी, स्लोवाक गणराज्य और पोलैंड में 4 केंद्रीय मंत्रियों को विशेष दूत के रूप में भी भेजा।
Sumy evacuation was extremely complex as our students faced the prospect of being caught in crossfire. Their evacuation from the city needed a credible ceasefire. This finally materialised due to the personal intervention of PM himself with the Presidents of Ukraine & Russia: EAM pic.twitter.com/tJeu7UU8vB
— ANI (@ANI) March 15, 2022
PM deputed 4 Union Ministers as special envoys to Romania, Hungary, Slovak Republic & Poland to facilitate #OperationGanga. This included Jyotiraditya Scindia to Romania, Kiren Rijiju to Slovak Republic, Hardeep Singh Puri to Hungary & Gen VK Singh to Poland: EAM pic.twitter.com/G69FjCGsos
— ANI (@ANI) March 15, 2022
उन्होंने बताया कि सूमी से भारतीयों को निकालना बेहद जटिल था क्योंकि छात्रों के गोलीबारी में फँसने की संभावना थी। शहर से उनकी निकासी के लिए एक विश्वसनीय युद्धविराम की जरूरत थी। यह आखिर यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपतियों के साथ खुद प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत हस्तक्षेप के कारण हुआ।
In line with India’s principle of Vasudhaiva Kutumbakam, foreign nationals were also evacuated from conflict zones & brought to India. They included 147 citizens of 18 countries. Many Ukrainian nationals that are family members of Indian nationals have also been evacuated: EAM pic.twitter.com/eT4bhOgf6c
— ANI (@ANI) March 15, 2022
इसके बाद ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के भारत के सिद्धांत के अनुरूप, विदेशी नागरिकों को भी संघर्ष क्षेत्रों से निकाला गया और देश लाया गया। इनमें 18 देशों के 147 नागरिक शामिल थे। कई यूक्रेनी नागरिक जो भारतीय नागरिकों के परिवार के सदस्य हैं, उन्हें भी निकाला गया है।
Another Indian Harjot Singh suffered bullet injuries on his way out in Kyiv. His medical expenses were taken care of&arrangements made for movement from Kyiv to Polish border. He was brought back in IAF flight to India accompanied by a doctor arranged by our Mission in Poland:EAM pic.twitter.com/Qdo7PgUihg
— ANI (@ANI) March 15, 2022
उन्होंने यूक्रेन में संघर्ष के दौरान मारे गए भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा की असमय मौत पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि जब वह बाहर कुछ सामान लेने के लिए निकले थे, तब उनकी मौत हो गई थी। उनका पार्थिव शरीर भारत लाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एक और नागरिक हरजोत सिंह को भी गोली लगी थीं, जिनके स्वास्थ्य पर सरकार पूरा ध्यान दे रही है, उन्हें भारतीय वायुसेना की मदद से भारत लाया गया है।