भारत के कई इलाकों से मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में हिन्दुओं की दुर्दशा की खबरें सामने आती रहती हैं, लेकिन बात इस्लामी मुल्कों पाकिस्तान और बांग्लादेश की करें तो वहाँ तो जैसे ये एक सामान्य घटनाक्रम बन चुका हो। आए दिन वहाँ हिन्दुओं पर क्रूरता और हिन्दू महिलाओं की प्रताड़ना की खबरें आती रहती हैं।
अब बांग्लादेश से ऐसी ही एक घटना सामने आई है, जहाँ एक पिता को सिर्फ इसलिए चाकुओं से गोद दिया गया क्योंकि वो अपनी बेटी के साथ हुई छेड़छाड़ का विरोध कर रहा था। दरअसल, नेहा (बदला हुआ नाम) रोज की तरह अपनी कोचिंग क्लासेस लेने जा रही थी। इस दौरान राजशाही रेलवे स्टेशन के पास रास्ते में मिराज उर्फ इरफान खान और प्रिंस ने उसके छेड़खानी करने की कोशिश की थी।
इससे पहले दोनों आरोपित अपने मक़सद में कामयाब होते, एक व्यक्ति ने नेहा को बचाते हुए कोचिंग सेंटर तक पहुँचा दिया। बचाने वाले व्यक्ति की पहचान एमोन के रूप में हुई है जो कि आरोपित प्रिंस का दोस्त भी है।
हालाँकि, इसके बाद आरोपित पीड़िता नेहा के घर पहुँचे और उसके पिता नील माधव साहा के साथ बहस करने लगे। इसी बीच मिराज और प्रिंस ने चाकू निकाल लिया और नील माधव साहा पर लगातार वार करने लगे। चाकू मारने के बाद मिराज ने हथौड़ा उठा लिया और साहा के सिर पर मार दिया।
मीडिया से बात करते हुए नील माधव साहा ने बताया, “वो (आरोपित) मेरी बेटी को परेशान करते थे। इमोन, आरोपी प्रिंस का दोस्त है। जब इमोन ने आरोपित को रोकने की कोशिश की तो उसे भी धमकाया गया।”
साहा ने यह भी कहा, “प्रिंस ने मुझसे कहा था कि अगर हम जीना चाहते हैं तो हमें उसे हर महीने पैसे देने होंगे। उसने धमकी दी थी कि वो मेरी बेटी का जबरन निकाह करा देंगे।”
पीड़िता के पिता ने बताया, “मिराज ने मेरे सिर पर हथौड़े से वार किया है। उन लोगों ने मेरी बनियान खींची और मेरे पैरों को पकड़ लिया… वे मेरी जान लेना चाहते थे।” इसके अलावा, साहा ने अपने ऊपर हुए इस हमले के लिए मामून, फराद, रेहम, अखेर और रॉबिन का भी नाम लिया है।
नील माधव साहा ने कहा, “हम अल्पसंख्यक हैं और हर तरह की जबरदस्ती का सामना कर रहे हैं। हमें मरना होगा, आत्महत्या करनी होगी या फिर भारत भागना होगा। कोई भी हमारी मदद के लिए आगे नहीं आया है। हम न्याय चाहते हैं। हम कानून का एक स्वतंत्र और निष्पक्ष शासन चाहते हैं। मेरी बेटी पढ़ाई नहीं कर पा रही है और मेरी पत्नी अपना पार्लर दोबारा शुरू नहीं कर पा रही है।”
तीन थानों की पुलिस ने नहीं दर्ज की एफआईआर
रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपितों ने नील माधव साहा से मारपीट करने के बाद उसकी जेब से 300 रुपए और पत्नी की चैन लूट ली थी। इस वारदात के बाद जब साहा पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराने गए तो उनके घावों से खून बह रहा था। लेकिन, पुलिस ने बिना कोई कार्यवाही किए उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती करा दिया।
पीड़िता के पिता ने अस्पताल प्रशासन और पुलिस पर कार्रवाई में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि जब साहा पहली बार चंद्रिमा पुलिस स्टेशन गए तो पुलिस ने मामला दर्ज करने से इनकार करते हुए उन्हें पहले इलाज कराने के लिए कहा था।
इसके बाद, जब वह इलाज करा कर आए तो पुलिस द्वारा साहा को मोतिहार पुलिस स्टेशन जाने के लिए कहा गया था। इसके बाद मोतिहार पुलिस द्वारा यह कहते हुए एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया गया कि मामला रेलवे पुलिस के अधिकार क्षेत्र में है। अफसोस की बात तो यह है कि रेलवे पुलिस द्वारा भी किसी प्रकार की शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया गया था।
मीडिया के सामने आने पर दर्ज हुआ मामला, 3 गिरफ्तार
इसके बाद जब पीड़िता द्वारा 17 अगस्त को मीडिया के सामने इस पूरे मुद्दे को उठाया तब जाकर रेलवे पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज की गई है। उसी दिन रैपिड एक्शन बटालियन ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिन तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है, इनमें मिराज, फरहाद और अखेर का नाम शामिल है।
धान के खेत में हिंदू महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या
हिंदुओ के साथ बांग्लादेश में हुई ये इकलौती घटना नहीं है। इसी साल 29 जुलाई को बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले के भेरवेदी यूनियन के कुमार पारा इलाके में धान के खेत में एक हिंदू महिला का शव मिला था।
जानकारी के अनुसार, मृतक महिला की पहचान अपो रानी रॉय के रूप में हुई थी। वह अपने मायके से ससुराल लौट रही थी। लेकिन, वह घर नहीं पहुँच सकी और बाद में उसका शव धान के खेत में मिला था। पीड़िता के शव के पास 10 साल की बिपाशा रानी रॉय नाम की उसकी बच्ची भी अचेत अवस्था में मिली थी।
पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया था कि अपो रानी रॉय के साथ अज्ञात अपराधियों ने सामूहिक दुष्कर्म किया है। उन्होंने दावा किया था कि आरोपितों की पहचान करने से रोकने के लिए पीड़िता की हत्या की गई थी।
एक अन्य मामले में, इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में, 10 वर्षीय बच्ची को यह कहते हुए सुना जा सकता था, “मेरी माँ ने मेरा हाथ कसकर पकड़ लिया था। वह अपराधियों से छोड़ देने के लिए कहते हुए गिड़गिड़ा रही थी। वह उनसे पूछती रही कि हमने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है। उन्होंने मेरी गर्दन से पकड़ ली थी और मेरे सिर पर मारा। मैं बेहोश हो गयी लेकिन उन्हें ऐसा लगा कि मैं मर गई हूँ। मुझे नहीं पता कि उसके बाद मेरी माँ के साथ क्या हुआ।”