ऐसा कोई भी इंसान जो पश्चिमी देशों में विशेष मज़हब के लोगों का बतौर अप्रवासी विरोध करता है, उसे इस्लामोफोबिक करार दिया जाता है और सांप्रदायिक घोषित किया जाता है। इस बात पर गौर करना लोग कम ही पसंद करते हैं कि किसी अन्य देश में शरण लेने के बाद मज़हब विशेष का व्यक्ति करता क्या है।
कुछ ऐसी ही घटना हुई फ्रांस के सेंट औएन (Saint Ouen) में, जहाँ दो लोगों ने एक व्यक्ति से उसका मोबाइल फोन छीनने का प्रयास किया। मना करने पर दोनों ने उस व्यक्ति पर धारदार हथियार से कई हमले किए और गिरफ्तारी के बाद एक आरोपित ‘अल्लाह-हू-अकबर’ चिल्ला रहा था।
रविवार (22 नवंबर 2020) को मिशेल एवेन्यू (Michelet Avenue) के पास रात 9 बजे दो हमलावरों (अप्रवासियों) ने एक व्यक्ति को घेर कर उसका फोन छीनने का प्रयास किया। जब उसने ऐसा करने से मना किया तब उन्होंने व्यक्ति पर धारदार हथियार से कई हमले किए।
इस दौरान एक हमलावर ने व्यक्ति के सीने और हाथ पर कई हमले किए। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुँची और एक आरोपित को गिरफ्तार किया। उस व्यक्ति को कथित तौर पर घटना का आरोपित बताया जा रहा है।
इस दौरान घटना का दूसरा आरोपित मोबाइल फोन लेकर मौके से फ़रार होने में कामयाब रहा, पुलिस फ़िलहाल उसकी खोजबीन में जुटी हुई है। फिर आरोपित की गिरफ्तारी के बाद पुलिस जब उसे अपने साथ लेकर जा रही थी, तब वह कई बार चिल्लाया लेकिन ऐसा उसने गिरफ्तारी के डर से नहीं किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ वह कई बार अल्लाह-हू-अकबर चिल्लाया और अंत में पुलिस उसे गिरफ्तार करके अपने साथ ले गई। पुलिस ने मामले के आरोपित की प्रोफाइल खंगालनी शुरू कर दी है।
इसके अलावा पुलिस ने हत्या का प्रयास, आतंकवाद को बढ़ावा देना और चोरी का मामला दर्ज करके जाँच शुरू कर दी है। वहीं दूसरी तरफ घायल व्यक्ति को घटना के ठीक बाद स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उसका उपचार किया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ सोमवार को घायल व्यक्ति खतरे से बाहर बताया गया था। हाल फ़िलहाल में दुनिया के तमाम अन्य क्षेत्रों से इस तरह की कई घटनाएँ सामने आई हैं, जिनमें इस तरह के मज़हबी नारे लगा कर आम लोगों पर हमला कर दिया जाता है।