जर्मनी के मैगडेबर्ग शहर में शुक्रवार शाम हुए हमले में 5 लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इस हमले में 7 भारतीय नागरिक भी घायल हुए, जिनमें से 3 को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। भारत सरकार ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे ‘बेरहम’ बताया है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हम मैगडेबर्ग में क्रिसमस मार्केट पर हुए इस क्रूर हमले की निंदा करते हैं। कई अनमोल जिंदगियाँ खत्म हो गईं और कई लोग घायल हो गए। हमारी संवेदनाएँ और प्रार्थनाएँ पीड़ितों के साथ हैं।” भारत सरकार ने यह भी बताया कि जर्मनी में भारतीय मिशन घायलों और उनके परिवारों से लगातार संपर्क में है और हर संभव मदद मुहैया करा रहा है।
शुक्रवार (20 दिसंबर 2024) को मैगडेबर्ग के क्रिसमस मार्केट में तेज रफ्तार कार से भीड़ को कुचल डाला गया। इस हमले में मरने वालों में एक बच्चा भी शामिल है। इस हमले में 200 से अधिक घायल हो गए हैं, जिसमें 7 भारतीय भी शामिल हैं।
जर्मन पुलिस ने घटना के तुरंत बाद कार चालक, 50 वर्षीय सऊदी डॉक्टर तालेब को गिरफ्तार कर लिया। पिछले 20 वर्षों से जर्मनी में रह रहे तालेब ने इस हमले में इस्तेमाल हुई बीएमडब्ल्यू कार किराए पर ली थी। शुरू में कार में विस्फोटक होने का शक था, लेकिन जाँच के बाद पुलिस ने इसे खारिज कर दिया।
हमलावर एक्स मुस्लिम है। कहा जा रहा है कि इस्लाम से ‘घृणा’ करता था। जर्मनी के उन धुर दक्षिणपंथी समूहों का समर्थक है जो प्रवासियों को बसाने के विरुद्ध हैं। मेरा सवाल है कि मुस्लिमों से ये कैसी घृणा है कि आप ईसाइयों के त्योहार पर हमला करते हैं। हालाँकि इस मामले में जर्मनी की आंतरिक मंत्री नैन्सी फेजर ने संदिग्ध की ‘इस्लामोफोबिया’ की पुष्टि की, लेकिन हमले की मुख्य वजह क्या थी, इस पर कोई भी बयान देने से मना कर दिया। वहीं, जर्मनी के सैक्सनी-अन्हाल्ट राज्य के प्रीमियर रेनर हैसलॉफ ने जनता को भरोसा दिलाया कि आरोपित अकेला था और अब कोई खतरा नहीं है।
बहरहाल, भारत ने जर्मनी में घायल भारतीय नागरिकों और उनके परिवारों की मदद के लिए सक्रिय प्रयास किए हैं। विदेश मंत्रालय ने आश्वासन दिया कि इस घटना से जुड़े हर मामले में मदद जारी रहेगी। यह हमला सिर्फ जर्मनी ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर चेतावनी है, जो सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत को उजागर करता है।