ब्रिटेन के लोकप्रिय विश्वविद्यालय गोल्डस्मिथ्स, यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन ने सभी प्रकार के बीफ प्रोडक्ट्स पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। कैम्पस में स्थित सभी दुकानों व कैफे को इस समबन्ध में सूचित कर दिया गया है। इतना ही नहीं, अगर किसी छात्र के पास से प्लास्टिक के बोतल या कप मिले तो उसे आर्थिक दंड दिया जाएगा। यूनिवर्सिटी ने 2025 तक कार्बन न्यूट्रल बनने का लक्ष्य रखा है और स्वच्छ ऊर्जा सप्लायर के रूप में अधिक से अधिक सोलर पैनल भी स्थापित किए जा रहे हैं।
छात्रों को बदलते वातावरण व इस पर पड़ रहे बुरे प्रभाव के बारे में अधिक जानकारी देने के लिए ‘क्लाइमेट चेंज’ पुस्तकें उनके सिलेबस में शामिल की जाएँगी। यूनिवर्सिटी प्रमुख ने कहा कि छात्र पर्यावरण को लेकर सजग दिख रहे हैं और ताज़ा नियम-कायदों से फायदा मिलेगा। यूनिवर्सिटी ने शाकाहार को भी बढ़ावा दिया है और स्थानीय स्तर तैयार किए गए खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करने को कहा है।
1980 में स्थापित गोल्डस्मिथ्स में आर्ट्स से लेकर सोशल साइंस तक की डिग्रियाँ दी जाती हैं और यहाँ के 20% छात्र ब्रिटेन के बाहर से पढ़ने आते हैं। बीफ और मांस के ख़िलाफ़ अभियान में यह यूनिवर्सिटी अकेली नहीं है बल्कि कैम्ब्रिज-ऑक्सफॉर्ड के कई कॉलेजों के अलावा कई अन्य अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटीज ने ‘मीट फ्री मंडे’ मनाने का निर्णय लिया है। शाकाहारी भोजन खाने वाले छात्रों को बढ़ावा दिया जा रहा है और उन्हें कई ऑफर्स भी दिए जा रहे हैं।
Goldsmiths’ new Warden Professor Frances Corner has announced an ambitious drive for the College to be carbon neutral by 2025.
— Goldsmiths (@GoldsmithsUoL) August 12, 2019
The plan includes the removal of all beef products from campus outlets and a 10p levy on plastic bottles https://t.co/sYRHZ0gxxa
बता दें कि भारत में बीफ को लेकर विपक्षी दल अक्सर सरकार को निशाने पर लेते रहते हैं। अगर हम उस स्थिति की कल्पना करें जब सरकार कोई खाद्य पदार्थ किसी यूनिवर्सिटी में प्रतिबंधित कर दे तो कथित एक्टिविस्ट्स झंडा लेकर उठ खड़े होंगे और इसे लोगों की खाने की आजादी पर हमला बता दिया जाएगा। यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन ने ये निर्णय पर्यावरण को बीफ से होने वाले नुकसानों को देखते हुए किया है, इसीलिए इसका वहाँ पर स्वागत किया गया।