यूनान (Greece) के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस भारत पहुँचे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद दोनों राजनेताओं ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। पीएम मोदी ने ग्रीक प्रधानमंत्री और उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए याद किया कि पिछले वर्ष वो भी ग्रीस गए थे। उन्होंने बताया कि ये यात्रा दोनों देशों के बीच मजबूत होती रणनीतिक साझेदारी का संकेत है। पीएम मोदी ने कहा कि 16 वर्षों के बाद ग्रीस के प्रधानमंत्री का भारत आना अपने-आप में एक ऐतिहासिक अवसर है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी आज की चर्चाएँ बहुत ही सार्थक और उपयोगी रहीं, ये प्रशंसा का विषय है कि 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने की ओर अग्रसर हैं। सहयोग को नई ऊर्जा और दिशा देने के लिए नए अवसरों की पहचान की गई। पीएम मोदी ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच करीबी सहयोग की अनेक संभावनाएँ हैं, पिछले वर्ष इस क्षेत्र में किए गए समझौते के कार्यान्वयन के लिए दोनों देश कदम उठा रहे हैं। पीएम मोदी ने बताया कि फार्मा, मेडिकल उपकरण, तकनीक, खोज, स्किल डेवलपमेंट और स्पेस जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “दोनों देशों के स्टार्टअप्स को आपस में जोड़ने पर चर्चा हुई। शिपिंग और कनेक्टिविटी दोनों देशों के लिए उच्च प्राथमिकता के विषय हैं, इनमें भी सहयोग को बढ़ाने पर विचार-विमर्श हुआ। डिफेंस और सिक्योरिटी में बढ़ता सहयोग हमारे गहरे आपसी विश्वास को दर्शाता है। इस क्षेत्र में वर्किंग ग्रुप के गठन से हम डिफेन्स, साइबर सिक्योरिटी, आतंकवाद निरोध और समुद्री सुरक्षा जैसी साझा चुनौतियों पर आपसी समन्वय बढ़ा सकेंगे। भारत में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में सहयोग के लिए नए अवसर बन रहे हैं।”
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और ग्रीस की चिंताएँ एवं प्राथमिकताएँ समान हैं। उन्होंने कहा कि प्राचीन और महान सभ्यताओं के रूप में भारत और ग्रीस के बीच गहरे सांस्कृतिक और पीपल-टू-पीपल संबंधों का लंबा इतिहास है, विचारों का आदान-प्रदान होता रहा है। इन संबंधों को आधुनिक स्वरूप देने के लिए कई आधुनिक अवसरों की पहचान हुई। 2025 में भारत-ग्रीस के कूटनीतिक संबंधों की 75वीं वर्षगाँठ मनाई जाएगी, इसके लिए एक्शन प्लान बना है।
इसका तहत दोनों देशों के साझा धरोहर और अन्य उपलब्धियों को वैश्विक मंचों पर दर्शाया जाएगा। दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच कई क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इस पर सहमति जताई गई कि कूटनीतिक तरीकों से ही मसलों का हल संभव है। इंडो-पैसिफिक में ग्रीस की भूमिका का भारत ने स्वागत किया। UN व अन्य वैश्विक संस्थानों में सुधार कर के उन्हें समकालिक बनाए जाने पर भी बल दिया गया। ग्रीस और भारत के संबंध कई ईसापूर्व पहले तक जाते हैं।