लेस्टर में हुई हिंदू विरोधी हिंसा के दौरान फेक न्यूज फैलाने वाले ‘द गार्जियन के सहयोगी’ माजिद फ्रीमैन ने फीफा वर्ल्ड कप को लेकर एक नई बात फैलाई है। माजिद ने 22 नवंबर को दावा किया है कि कतर में वर्ल्ड कप देखने आए लोगों में से 500 लोगों ने इस्लाम में धर्म परिवर्तन किया। अपने ट्वीट में उसने कहा, “अल्लाहु अकबर! हमने सुना है कि कतर में हाल में 500 लोगों ने इस्लाम स्वीकारा।”
अपने ट्वीट में फ्रीमैन ने मेक्सिकन व्यक्ति की वीडियो भी शेयर की और दावा किया कि वो इस्लाम कबूल रहा है। उसने लिखा, “दुनिया भर के हजारों फैन यहाँ हैं। उन्हें भी इस्लाम की खूबसूरती देखने का मौका मिले और अल्लाह उन्हें दिशा दिखाए।”
बता दें कि एक ओर जहाँ द गार्जियन के माजिद फ्रीमैन ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ऐसा दावा करके सबको चौंका दिया है। वहीं मीडिया में कहीं भी इस्लामी धर्मांतरण से जुड़ी खबर नहीं है। द गार्जियन तक में इसका कोई जिक्र नहीं है जिसे कुछ दिन पहले नाइजीरिया की साइट ‘मुस्लिम वेबसाइट’ ने सबसे हिजाब फ्रेंडली मीडिया हाउस कहा था। इसी मीडिया हाउस ने राणा अयूब को ग्लोबल मुस्लिम मीडिया पर्सन 2021 का अवार्ड दिया था।
मालूम हो कि फ्रीमैन अकेला शख्स नहीं है जो इस तरह फीफा वर्ल्ड कप की आड़ में हुए धर्मांतरण की बातें कर रहा हो। एक ट्विटर यूजर अबू सिद्दीक ने भी ट्वीट करके दावा किया है कि कतर में फीफा वर्ल्ड कप देखने आए 558 लोगों का धर्मांतरण हुआ।
अबू सिद्दीक ने लिखा, “कतर में डॉ जाकिर नाइक शेख और उनकी टीम के आने से जिस तरह की चीजें हो रही हैं, यूरोपीय लोग एक नई रौशनी देखेंगे और इस्लाम स्वीकारेंगे।”
इसी तरह एक 5pillarsUK के डिप्टी एडिटर दिली हुसैन ने कहा भी अपने सोशल मीडिया पर दावा किया है कि कम से कम 558 लोगों ने कतर में इस्लाम स्वीकारा है।
बता दें कि माजिद फ्रीमैन के ऊपर आईएसआईएस समर्थक होने के आरोप लगते रहे हैं। वह ब्रिटिश आईएसआईएस आतंकी इफ्तेखर जमान के लिए दुआ पढ़ने की अपील करता भी देखा जा चुका है। इसके अलावा उसने अलकायदा आतंकियों को भी शहीद कहकर अपना प्रेम उनके प्रति दिखाया था। उससे पुलिस ने पूछताछ भी की थी लेकिन दिलचस्प बात ये है कि उसपर कोई मामला नहीं चला। माजिद को लेकर यह भी जानकारी है कि उसने यूरोपीय मुस्लिमों को सीरिया में जिहाद करने को कहा और अपने फेसबुक-ट्विटर के जरिए अलकायदा आतंकी को श्रद्धांजलि भी दी थी। इतना ही नहीं अभी बीते दिनों लेस्टर में जो हिंसा हुई उस समय भी माजिद ने झूठ फैलाकर हिंदुओं के खिलाफ कट्टरपंथियों को भड़काया था।
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