जहाँ भारत ने इजरायल-फिलस्तीन विवाद में सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए दोनों पक्षों से शांति से काम लेने की अपील की है, वहीं इस्लामिक मुल्क संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने हमास को चेतावनी दी है। UAE ने हमास से कहा है कि वो गाजा पट्टी क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाए, क्योंकि इसके बिना उस क्षेत्र में जा रहे निवेश पर नकारात्मक असर पड़ेगा। अरब समझौते के तहत UAE पिछले कुछ महीनों से लगातार हमास के संपर्क में है।
यूएई ने गाजा क्षेत्र में कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की है और वहाँ निवेश किया है। वहाँ के लोगों तक सुविधाएँ पहुँचाने के लिए प्रयासरत यूएई के कई प्रोजेक्ट्स उस क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं, जिन पर इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के कारण बुरा असर पड़ रहा है। खाड़ी देश इसी कारण हमास को चेता रहा है। उसके एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वो अब भी फिलिस्तीन में नागरिक सुविधाओं के विकास के लिए तैयार है और इसे आगे बढ़ाना चाह रहा है।
यूएई का कहना है कि वो संयुक्त राष्ट्र व फिलिस्तीन के अधिकारियों के साथ मिलकर विकास कार्य जारी रखेगा, लेकिन उसकी सबसे पहली और बड़ी शर्त ये है कि इलाके में शांति रहनी चाहिए। यूएई ने कहा है कि अगर इलाके में शांति कायम नहीं होती है तो इसके दुष्प्रभाव गाजा पट्टी के नागरिकों को ही भुगतने पड़ेंगे। उनका जीवन नर्क बन जाएगा। यूएई के अनुसार, हमास के नेताओं को समझना चाहिए कि उनकी नीतियाँ गाजा पट्टी के नागरिकों को ही नुकसान पहुँचा रही है।
बता दें कि तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व में कई इस्लामी मुल्कों के साथ इजरायल का शांति समझौता हुआ था। फिलिस्तीन के नेताओं ने इसे गद्दारी की संज्ञा दे डाली थी। फरवरी में यूएई ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए UN को दी जाने वाली फंडिंग में भी कटैती की थी। इजरायल के साथ उसके सम्बन्ध सामान्य होने लगे थे। यूएई गाजा में प्रतिदिन 16 घंटे बिजली देने के लिए भी एक प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहा है।
When the UAE is more pro-Israel and anti-Hamas than Democrats in Congress and the Biden/Obama admin pic.twitter.com/lYAf1YJ8Un
— Adam Kredo (@Kredo0) May 16, 2021
अभी स्थिति इतनी बुरी है कि गाजा के नागरिकों को दिन के 5 घंटे भी बमुश्किल बिजली मिल पाती है। अगले सप्ताह तक तो वहाँ बिजली के लिए हाहाकार मचने की आशंका है। इजरायल की सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि ताजा संघर्ष शुरू होने से लेकर अब तक फिलिस्तीन के आतंकियों की तरफ से ढाई हजार रॉकेट दागे जा चुके हैं। इनमें एक नाबालिग सहित 10 नागरिकों की मौत हुई है।
वहीं भारत ने फिलिस्तीन-इजरायल सीमा पर यथास्थिति को बदलने की कोशिशों का विरोध करते हुए दोनों पक्षों को धैर्य से काम लेने को कहा है। भारत ने कहा कि पूर्वी जेरुसलम और इसके आसपास यथास्थिति बरकरार रहनी चाहिए।
इस्लामी मुल्कों के संगठन ने की इजरायल की निंदा
वहीं इस्लामी मुल्कों के संगठन OIC ने इजरायल की निंदा की है। पिछले एक हफ्ते से जारी संघर्ष को 57 देशों के संगठन ने इजरायल द्वारा किया जा रहा ‘व्यवस्थित अपराध’ करार दिया और कहा कि UN जनरल असेम्ब्ली की बैठक बुलाई जानी चाहिए। इन देशों ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया कि इजरायल ने आक्रामक तरीके से फिलिस्तीन की जमीन कब्जाई है और इस्लामी उम्माह की फिलिस्तीन के प्रति नैतिक, ऐतिहासिक व कानूनी जिम्मेदारी बनती है।
इस प्रस्ताव में कहा गया, “हम इजरायल द्वारा फिलस्तीन के पवित्र स्थलों पर किए जा रहे हमलों की निंदा करते हैं। इससे आम नागरिकों को नुकसान हो रहा है। अल-अक्सा मस्जिद और अल-हरम शरीफ जैसे पवित्र स्थलों की पवित्रता भंग नहीं की जानी चाहिए। इजरायल साम्राज्यवादी व्यवस्था पर काम कर रहा है, जिसकी निंदा की जानी चाहिए। इलाके में स्थिति बिगड़ने के लिए केवल वही जिम्मेदार है।”