इजरायल के जाफा में बुधवार (2 अक्टूबर, 2024) को हुए आतंकी हमले में एक मस्जिद का इस्तेमाल इस्लामी आतंकियों ने किया। यह खुलासा हमले की जाँच के बाद हुआ है। हमले में 7 लोगों की मौत हुई थी, इनमें से 6 लोगों की पहचान भी सामने आई है। हमले में जिस मस्जिद का इस्तेमाल हुआ, उसे गिराने की बात इजरायल के सुरक्षा मंत्री ने की है। वहीं इजरायल की नेत्री ने कहा है कि ने मस्जिद गिराए जाने से इजरायल में रहने वाले अरबियों में खौफ भरेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हमला करने वाले दोनों आतंकियों का नाम मुहम्मद मसक और अहमद हिमौनी था। यह दोनों फिलिस्तीनी थे और वेस्ट बैंक के रहने वाले थे। यह दोनों आतंकी हमास से जुड़े हुए थे। दोनों इजरायल में बिना किसी परमिट के घुसे थे और उन्होंने इसके बाद एक मेट्रो स्टेशन पर हमला किया।
इसी हमले की जाँच में सामने आया है कि यह दोनों आतंकी हमला करने से पहले जाफा की एक अल नुझा मस्जिद में घुसे थे। यह आतंकी महिलाओं वाले गेट से घुसे थे। यहाँ दोनों ने बाथरूम के भीतर अपने हथियार रखे थे। उन्होंने यहाँ मौजूद लोगों को धमकाया और कहा कि जो भी मस्जिद छोड़ के गया उसको भी मार दिया जाएगा। इसके बाद दोनों इस मस्जिद से बाहर निकले और अंधाधुंध फायरिंग करने लगे।
मस्जिद का आतंकी हमले में इस्तेमाल होने का खुलासा तब हुआ जब यहाँ इजरायल के सुरक्षा मंत्री बेन ग्वीर पहुँचे। उन्होंने कहा कि अगर यह बात सामने आई है कि आतंकियों ने मस्जिद का इस्तेमाल किया तो इसे तुरंत ध्वस्त कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह बयान मस्जिद के बाहर ही दिया।
इजरायल की एक नेता मेराव बेन अरी ने कहा कि मंत्री के इस बयान के कारण यहाँ रहने वाले अरबियों में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हुई है। हालाँकि, मंत्री ने मेराव बेन अरी पर नस्लभेदी राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें यह कहीं और करनी चाहिए।
मस्जिद के सहारे हमला करने वाले दोनों इस्लामी आतंकियों को सुरक्षाबलों ने बुधवार को ही मार गिराया था। इस हमले के पीड़ितों में 4 महिलाएँ। मारे गए लोगों में एक ग्रीक नागरिक भी था। यह हमला उस दौरान हुआ जब ईरान भी इजरायल के ऊपर मिसाइलों से हमला कर रहा था।
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर, 2024 से ही चालू इजरायल-हमास का संघर्ष अब और गहरा हो गया है। हाल ही में इजरायल ने ईरान समर्थित इस्लामी आतंकी समूह हिजबुल्लाह के प्रमुख नसरुल्लाह को मार गिराया था। इसके बाद ईरान ने इजरायल पर मिसाइलें दागीं। हालाँकि, इन हमलों में कोई बड़ा नुकसान होने की सूचना नहीं है।