हिंदू और भारत विरोधी अमेरिकी संगठन हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स (HfHR) ने इंग्लैंड की राजधानी लंदन में दिवाली मनाने में खलल डालने की कोशिश की है। HfHR के डायरेक्टरराजीव सिन्हा ने लंदन के मेयर सादिक खान को एक पत्र लिखकर विश्व हिंदू परिषद (VHP), BAPS और चिन्मय मिशन जैसी हिंदू संस्थाओं के साथ ‘सभी संबंध खत्म’ करने को कहा है।
भारत विरोधी ताकतों के साथ हाथ मिलाने के लिए कुख्यात हिंदू विरोधी संगठन HfHR, इस बात से नाराज था कि इन हिंदू संस्थाओं ने 27 अक्टूबर को लंदन के ट्राफलगर स्क्वायर में दिवाली कार्य्रकम के आयोजन में भाग लिया था।
A “Hindu” group calling on the Mayor of London to “cut off all ties” with among the most prominent Hindu institutions in the UK, @BAPS and @ChinmayaMission, because they helped organize a #Diwali program.
— Suhag A. Shukla (@SuhagAShukla) October 29, 2024
That’s right…attacking Hindu Mandirs over #Diwali on #Diwali.
A new low. pic.twitter.com/k2P7gjtY4v
HfHR द्वारा लिखे इस पत्र को एक्स(पहले ट्विटर) पर सुहाग शुक्ला ने साझा किया। इस पत्र हिन्दूस फॉर ह्यूमन राइट्स (HfHR) ने इस बात पर ‘निराशा’ जताई कि VHP और बाकी संस्थाओं ने लंदन के मेयर सादिक खान के कार्यक्रम को आयोजित करने में मदद की थी।
हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स (HfHR) ने लंदन के मेयर से इन हिंदू संगठनों से संबंध तोड़ने और भविष्य में दिवाली समारोह आयोजित करने के लिए नए संगठन तलाशने को कहा है। HfHR ने दावा किया कि यह हिंदू संगठन ”भारत और यूके में हिंदुत्व आंदोलन के लिए एक मुखौटे का काम करते हैं।”
HfHR का हिन्दू विरोधी इतिहास
हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स (HfHR) के नाम से लग सकता है कि यह हिंदू समुदाय के हित के लिए काम करने वाला कोई हिंदू संगठन है। असल में यह भेड़ की खाल में भेड़िया है। यह संगठन अमेरिका और ब्रिटेन में हिंदू विरोधी गतिविधियों को बढ़ाने में सबसे आगे रहा है।
इसने लगातार खुद को मानवाधिकारों के कथित रक्षक के रूप में पेश किया है, जबकि असल में यह अपना लिबरल एजेंडा चलाता है। इस संगठन को टाइड्स फाउंडेशन जैसी संस्थाओं से पैसा मिलता है। टाइड्स अमेरिका में हमास के समर्थन वाली रैलियों को भी पैसा देती है। HfHR अक्सर हिन्दुओं के विरोध में ही दिखता है।
टाइड्स फाउंडेशन खुद कई ऐसी गतिविधियों में शामिल रहा है जो वामपंथी और भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाती हैं। विकिपीडिया को लेकर बनाए गए ऑपइंडिया के डोजियर में बताया गया है कि टाइड्स कई भारत विरोधी और हिंदू विरोधी संगठनों को पैसा देता रहा है। यह भारत और हिन्दुओं को बदनाम करते हैं और कट्टरपंथियों को बढ़ावा देते हैं।
HfHR अक्सर अपने एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए हिंदू प्रतीकों का उपयोग करता है। हिंदू विश्वासों को लगातार HfhR नीचा दिखाता रहा है। यह हिन्दू ग्रन्थों की गलत व्याख्या करके प्रश्न उठाने और हिन्दुओं कि छवि खराब में जुटा एक संगठन है।
HfHR का गठन वर्ष 2019 में इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) और ऑर्गनाइजेशन फॉर माइनॉरिटीज ऑफ इंडिया (OFMI) द्वारा किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि इन तीनों संगठनों ने अलायंस फॉर जस्टिस एंड अकाउंटेबिलिटी (AJA) नामक एक और संगठन बनाया था।
द हिंदू में छपे एक लेख के अनुसार, 22 सितंबर, 2019 को पीएम मोदी की ह्यूस्टन यात्रा के खिलाफ़ प्रदर्शन का नेतृत्व करने वालों में AJA सबसे आगे थी। ‘HfHR’ की सह-संस्थापक सुनीता विश्वनाथ ने भी 2019 में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर भारतीय मुसलमानों में दहशत पैदा करने की कोशिश की थी।