T20 विश्व कप में पाकिस्तान ने भारत को 10 विकेट से हरा दिया, जिसके बाद पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटरों की तरफ से भड़काऊ बयानबाजी का दौर चालू हो गया। पूर्व तेज़ गेंदबाज वकार यूनुस ने तो यहाँ तक कह दिया कि सलामी बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान का ‘हिन्दुओं के बीच’ ग्राउंड पर नमाज पढ़ने उनके लिए बहुत-बहुत स्पेशल है। 90 के दशक के दूसरे हाफ में भारतीय तेज़ गेंदबाजी का स्तंभ रहे वेंकटेश प्रसाद ने इसे ‘जिहादी मानसिकता’ करार देते हुए वकार यूनुस को ‘बेशर्म’ बताया।
वैसे, ये पहली बार नहीं है जब पाकिस्तानी खिलाड़ियों की तरफ से इस तरह के बयान दिए जा रहे हों। पाकिस्तान के अधिकतर खिलाड़ी इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए इस तरह हिन्दू धर्म को नीचा दिखाते रहे हैं और इस्लामी धर्मांतरण के लिए प्रयास करते रहे हैं। ये ‘जिहादी सोच’ आज की नहीं है। खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कह चुके हैं कि जब भी वो भारत के खिलाफ खेलते थे, वो कश्मीर के बारे में सोचते थे और इसे ‘जिहाद’ की तरह लेते थे।
Proof 2: Cricketer Sohail Tanveer discussing 'Hindu mentality' on Pak TV. @WasimJaffer14 who is crying for cricket in Pakistan won't tell you thispic.twitter.com/yq6gDraHY2
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बता दें कि 90 के दशक में इमरान खान पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान हुआ करते थे। पाकिस्तान के एक आया क्रिकेटर सोहैल तनवीर ने ‘मुँह में राम, बगल में छुरी’ कहावत की बात करते हुए ‘हिन्दुओं की मानसिकता’ की बुराई की थी। क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज़ गेंद फेंकने का रिकॉर्ड बनाने वाले शोएब अख्तर ने चर्चा की थी कि कैसे इस्लाम की पुस्तकों में ‘गजवा-ए-हिन्द’ के बारे में लिखा है और अटैक की नदी दो बार खून से लाल होगी। उन्होंने कहा था कि हमारी फ़ौज कश्मीर फतह कर के आगे बढ़ेगी।
इसी तरह पाकिस्तानी टीम के कप्तान रहे इंजमाम उल हक़ ने एक वाकया सुनाया था, जो कराची में वेस्टइंडीज के साथ टेस्ट मैच का था। उन्होंने बताया था कि बल्लेबाज मोहममद युसूफ ने ब्रायन लारा को को भोजन पर निमंत्रित कर के इस्लाम में धर्मांतरण की दावत दी और अल्लाह के बारे में बताया। उन्होंने कहा था कि इस्लाम में सारे तौर-तरीकों का वर्णन सुन कर ब्रायन लारा खामोश हो गए। उन्होंने बताया था कि जब वो इंग्लैंड में एक क्लब की तरफ से खेलते थे, तब उन्होंने और सकलैन मुश्ताक ने नॉन-मुस्लिमों को इस्लाम अपनाने की दावत दी थी।
Proof 4 #CricketJihad: How Mohammad Yusuf (ex Christian Yusuf Yohana) and Inzamam ul Haq invited @BrianLara for dinner and asked him to convert to Islam.@WasimJaffer14 crying for Pakistan cricket won't tell u this.pic.twitter.com/E9Lwjs7JgZ
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वो यहाँ तक धमका चुके हैं कि अगर मुस्लिम अपनी ‘मुसलमानियत’ पर आ जाए तो दुनिया में कोई गैर-मुस्लिम बचेगा ही नहीं। इसी तरह पाकिस्तान के एक अन्य पूर्व बल्लेबाज सईद अनवर ने कहा था कि दुनिया के 600 करोड़ गैर-मुस्लिमों को जहन्नुम की आग से बचाने के लिए उन्हें इस्लाम में धर्मांतरित करना होगा और नमाज पढ़ने के लिए कहना होगा। इसी तरह मोहम्मद युसूफ ने कहा था कि पाकिस्तान के सारे मुस्लिम इस्लाम अच्छे से मानने लगे तो मुल्क में कोई गैर-मुस्लिम नहीं बचेगा।
इसी तरह सक़लैन मुश्ताक ने भी मोहम्मद युसूफ द्वारा रिकार्ड्स तोड़े जाने के पीछे ईसाई से इस्लाम में उनके धर्मांतरण और कुरान-हदीथ की पढ़ाई को श्रेय दिया था। उन्होंने बताया था कि इसीलिए मोहम्मद युसूफ की औसत 40 से 52 के पार पहुँच गई और उन्होंने खुद बताया था कि अल्लाह की मर्जी से ये हुआ। इसी तरह पाकिस्तान के जेवलिन प्लेयर अरशद नदीम का कहना था कि वो मुस्लिमों और इस्लामी मुल्कों के लिए जीतना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ओलंपिक में स्वर्ण पदक न जीत पाने का उन्हें अफ़सोस हुआ, क्योंकि सारे मुस्लिमों और मुस्लिम मुल्कों से उन्हें प्रोत्साहन मिल रहा था।
Proof 7 #CricketJihad: Saeed Anwar – "All 6 Billion non-Muslims will burn in hell. Let's save them by converting them to Islam."@WasimJaffer14 crying for Pakistan cricket won't tell u thispic.twitter.com/Fbd10F1d1z
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इसी तरह पाकिस्तानी टीम के एक अन्य पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी भी तालिबान के फैन हैं। उनका कहना है कि तालिबान सकारात्मक मानसिकता के साथ आए हैं और क्रिकेट को समर्थन के साथ-साथ वो महिलाओं को काम की इजाजत दे रहे हैं। इंजमाम उल हक़ ने तो यहाँ तक बताया था कि भारत के साथ सीरीज के दौरान इरफ़ान पठान, मोहम्मद कैफ और ज़हीर खान को वो नमाज के वक्त मौलवी तर्क जमील का भाषण सुनने के लिए बुलाते थे। उन्होंने बताया था कि कुछ और भारतीय खिलाड़ी भी साथ आते थे और मौलाना को सुनते थे।
उन्होंने बताया था, “हरभजन सिंह ने मुझसे कहा – ये आदमी (मौलाना) जो कहता है, मेरा दिल कहता है कि उसकी हर बात मान लूँ। मैंने पूछा कि मान ले, दिक्कत क्या है? उन्होंने कहा कि मैं तुमसे देख कर रुक जाता हूँ, क्योंकि तुम्हारी ज़िंदगी ऐसी नहीं है। इसीलिए, दीन से दूरी मत रखो।” इंजमाम पूरी दुनिया को इस्लाम में धर्मांतरित करने और उनमें दीन फैलाने की बातें करते हैं। उन्होंने दावा किया था कि मुश्ताक अहमद जब इंग्लैंड के बॉलिंग कोच थे, तब गोरे (इंग्लैंड के प्लेयर्स) ने मस्जिद जाना शुरू कर दिया था और वो कुरान पढ़ते थे।
Proof 9 #CricketJihad: @Saqlain_Mushtaq – "If you convert to Islam, your batting average doubles."@WasimJaffer14 worried about Pakistan cricket won't tell u this. pic.twitter.com/5qYJsTTYQN
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मोहम्मद युसूफ भी कहते हैं कि गैर-मुस्लिमों के लिए जन्नत में प्रवेश पूरी तरह वर्जित है। हाल ही में शोएब अख्तर ने स्पष्ट कहा कि वो ‘टू नेशन थ्योरी’ में यकीन रखते हैं और हरभजन सिंह उनके सामने ‘अमन की आशा’ जैसी बातें करते रह गए। इसका सीधा अर्थ है कि पाकिस्तान के क्रिकेटर क्रिकेट में कितने ही झंडे गाड़ ले, उनका उद्देश्य होता है इस्लामी धर्मांतरण। वो अपनी सफलता इसी में मापते हैं कि कितनों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया, कुरान पढ़ाया और मुल्ले-मौलवियों के पास भेजा।