मोस्ट वांटेड आतंकियों को पनाह देने के मामले में पाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब हो गया है। खूंखार आतंकवादी और आईसी-814 अपहरणकर्ता जहूर मिस्त्री उर्फ जाहिद अखुंद की कराची में हत्या कर दी गई। वह 1999 में आईसी-814 के पाँच अपहरणकर्ताओं में से एक था। उसकी हत्या 1 मार्च को हुई। News9 ने पाकिस्तान के कई खुफिया स्रोतों से यह जानकारी दी, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया ने इस पर रिपोर्ट करने से परहेज किया।
#BREAKING: IC-814 hijacker Zahoor Mistry alias Zahid Akhund killed in Karachi. Akhund was running furniture business in Pakistan. Jaish top leadership were at his funeral. Pak media asked to not report. Most Wanted terrorist sheltered by Pakistan,I report. https://t.co/2ID3sY62kJ pic.twitter.com/jeq0zP9mZk
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) March 7, 2022
मिस्त्री पिछले कई सालों से जाहिद अखुंद बनकर फर्जी पहचान के साथ कराची में रह रहा था। अखुंद क्रिसेंट फर्नीचर का मालिक था जो कराची में अख्तर कॉलोनी के भीतर था। रिपोर्ट के मुताबिक, दो हथियारबंद मोटरसाइकिल सवार उस इलाके की रेकी कर रहे थे जहाँ मिस्त्री की फर्नीचर की दुकान थी। अख्तर कॉलोनी की सड़कों पर घूमने के बाद अज्ञात मोटरसाइकिल सवार एक हमलावर फर्नीचर गोदाम में घुस गया और मिस्त्री को निशाना बनाया।
Tv9 Exclusive: IC-814 हाइजैकिंग में शामिल जहूर मिस्त्री की कराची में हुई हत्या, पांच अपहरणकर्ताओं में शामिल था आरोपी | आदित्य राज कौल | TV9 Bharatvarsh https://t.co/CFOZWD47v2
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) March 7, 2022
हालाँकि, स्थानीय समाचार एजेंसी जियो न्यूज ने घटना की सूचना दी, लेकिन बिना उसके नाम के। रिपोर्ट में न तो मिस्त्री का नाम बताया गया और ना ही उसकी आतंकी गतिविधियों के बारे में। उसकी हत्या को केवल बिजनेसमैन की हत्या के रूप में रिपोर्ट किया गया।
कंधार हाईजैक
24 दिसंबर, 1999 नेपाल की राजधानी काठमांडू से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाले इंडियन एयरलाइंस का विमान आईसी-814 हाईजैक हो गया। शाम 5.30 बजे जैसे ही प्लेन भारतीय क्षेत्र में घुसता है तुरंत आतंकवादी संगठन हरकत उल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी प्लेन हाइजैक कर लेते हैं। शाम तक सबको पता चल जाता है भारतीय विमान हाइजैक हो गया है। अमृतसर, लाहौर और दुबई में लैंडिंग करते हुए आतंकी विमान को लेकर अफगानिस्तान के कंधार में उतर जाते हैं।
आठ दिन तक दहशत में रहा देश
प्लेन में 176 यात्री सवार थे, जिनमें से 27 को दुबई में छोड़ दिया गया। लेकिन रूपिन कात्याल नाम के एक यात्री को चाकू गोदकर मार डाला गया और कई लोग घायल हो गए थे। यात्री विमान के अंदर प्रदर्शन शुरू कर चुके थे। तालिबान ने भारतीय विशेष सैन्य बलों द्वारा विमान पर धावा बोलने से रोकने की कोशिश में अपने सशस्त्र लड़ाकों को अपहृत विमान के पास तैनात कर दिया। अपहरण का यह सिलसिला 8 दिनों तक चला और भारत द्वारा तीन आतंकवादियों – मुश्ताक अहमद जरगर, अहमद उमर सईद शेख (जिसे बाद में डेनियल पर्ल की हत्या के लिए गिरफ्तार कर लिया गया) और मौलाना मसूद अजहर (जिसने बाद में जैश-ए-मुहम्मद की स्थापना की) को रिहा करने के बाद खत्म हुआ।
अपहर्ताओं की पहचान इस प्रकार थी
- मिस्त्री जहूर इब्राहिम, कराची, पाकिस्तान
- इब्राहिम अतहर, बहावलपुर, पाकिस्तान
- शाहिद अख्तर सईद, कराची, पाकिस्तान
- सन्नी अहमद काजी, कराची, पाकिस्तान
- शकीर, सुक्कुर, पाकिस्तान