संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया लेकिन वहाँ भारत ने क़रारा जवाब देकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने उसकी पोल खोल दी। सुरक्षा परिषद के बाद अब मानवाधिकार परिषद में भी पाकिस्तान की किरकिरी हुई है। भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव विजय ठाकुर ने कहा कि दुनिया ख़ूब समझती है कि जो देश आतंकवाद का मुख्य केंद्र है, वह ग़लत नैरेटिव फैलाता रहता है।
विजय ठाकुर ने साफ़ कर दिया कि जम्मू कश्मीर भारत का आंतरिक मुद्दा है और अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने का निर्णय भारत की संसद ने लिया। उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर में मूलभूत सुविधाएँ सेवाएँ धीरे-धीरे और आसान की जा रही हैं। उन्होंने जानकारी दी कि भारत सरकार सामाजिक-आर्थिक बराबरी को बढ़ावा देने के लिए प्रगतिशील निर्णय ले रही है।
India calls Pakistan epicentre of terrorism, rejects its false narrative on J-K
— ANI Digital (@ani_digital) September 10, 2019
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जेनेवा में यूएनएचआरसी के मुख्यालय में बोलते हुए ठाकुर ने स्पष्ट कर दिया कि ताज़ा निर्णय के बाद से सभी प्रगतिशील फैसले जम्मू कश्मीर और लद्दाख में भी समान रूप से लागू होंगे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जानकारी दी कि इससे लिंगभेद ख़त्म होगा, महिलाओं को उनके अधिकार मिलेंगे और शिक्षा-सूचना के क्षेत्र में उचित विकास होगा।
At #Geneva meet, India mounts its defence on Kashmir move. Full statement herehttps://t.co/sM7KOvBkoK#UNHCR pic.twitter.com/X9NFqZ99Ig
— Hindustan Times (@htTweets) September 10, 2019
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को याद दिलाया कि राज्य (पाकिस्तान) समर्थित आतंकवाद का भारत को काफ़ी नुकसान हुआ है। भारत ने कहा, “यह सही समय है जब सब मिल कर उन आतंकियों के ख़िलाफ़ सामूहिक रूप सें निर्णायक क़दम उठाते हुए कार्रवाई करें।” भारत ने साफ़ कर दिया कि जम्मू-कश्मीर पर जो भी निर्णय लिया गया है वो सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हुए लोकतान्त्रिक रूप से संवैधानिक दायरे में रह कर किया गया।