पाकिस्तान में एक मौलवी के आदेश पर कट्टरपंथियों द्वारा हिंदू मंदिर को तोड़े जाने वाले मामले को भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की नीयत पर सवाल उठाते हुए लताड़ लगाई है। भारत ने कहा कि शांति की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव से पाकिस्तान जुड़ा हुआ है। इसके बावजूद भीड़ ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक ऐतिहासिक मंदिर में तोड़फोड़ की और पाकिस्तानी सरकार मूकदर्शक बनकर देखती रही।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए शांति और सहिष्णुता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अपनाए गए प्रस्ताव पर गुरुवार को हो रही चर्चा के दौरान भारत ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पिछले साल दिसंबर 2020 में सैकड़ों लोगों की भीड़ द्वारा तोड़े गए एक हिंदू मंदिर की बर्बरता पर पाकिस्तान को फटकार लगाई है। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि इस प्रस्ताव का इस्तेमाल पाकिस्तान जैसे देशों के लिए छिपने या गुमराह करने के लिए नहीं किया जा सकता है।
In world of growing terrorism, violent extremism, radicalization & intolerance, religious sites & cultural heritage sites remain vulnerable to terror acts & destruction: India, at Adoption of Resolution on Promoting culture of peace & tolerance to safeguard religious sites, at UN
— ANI (@ANI) January 22, 2021
भारत ने कहा कि दुनिया में आतंकवाद, हिंसात्मक अतिवाद, कट्टरपंथ और असहिष्णुता में इजाफा हो रहा है। इससे धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत स्थलों पर आतंकी गतिविधियों से नुकसान और विनाश का भय बढ़ रहा है। इसका ताजा उदाहरण हाल ही में पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ हुई घटना है।
संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि एक बहुसांस्कृतिक देश के रूप में भारत सभी धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों और पूजा स्थलों की रक्षा करता है। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि जब करक में ऐतिहासिक हिंदू मंदिर में आग लगा दी थी, तब वहाँ के अधिकारी चुपचाप दर्शक की तरह तमाशा देख रहे थे। मंदिर में तोड़फोड़ और आगजनी वहाँ के प्रशासन के स्पष्ट समर्थन से किया गया था।
India reiterates its call for the application of the principles of objectivity, non-selectivity and impartiality to form the basis of discussions in the United Nations especially on the issue of religion: India’s Explanation of Position
— ANI (@ANI) January 22, 2021
भारत ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र और यूएन अलायंस ऑफ सिविलाइजेशन को किसी का पक्ष नहीं लेना चाहिए और जब तक ऐसी चयनात्मकता मौजूद है, दुनिया कभी भी शांति की संस्कृति को बढ़ावा नहीं दे सकती है। हमें उन ताकतों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए जो नफरत और हिंसा के साथ बातचीत और शांति को दबाती हैं।”
United Nations including UN Alliance of Civilizations should not take sides and as long as such selectivity exists, the world can never truly foster a culture of peace. We must stand united against the forces that supplant dialogue and peace with hatred and violence: India at UN
— ANI (@ANI) January 22, 2021
भारत ने अल्पसंख्यकों पर हुए अत्याचारों को भी गिनाया और कहा, “अफगानिस्तान में कट्टरपंथियों द्वारा भगवान बुद्ध की मूर्तियाँ तोड़े जाने की याद आज भी हमारे जेहन में बनी हुई है। आतंकियों ने अफगानिस्तान में सिखों के गुरुद्वारे पर कायराना हमला किया जिसमें 25 श्रद्धालु मारे गए। यह इस खतरे का एक और उदाहरण है। “
Images of shattering of iconic Bamyan Buddha by fundamentalists are still vivid in our memories. Terrorist bombing of Sikh gurudwara in Afghanistan where 25 worshipers were killed is another example of this vulnerability: India’s Explanation of Position
— ANI (@ANI) January 22, 2021
गौरतलब है कि साल 2020 के दिसंबर महीने में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत स्थित एक मंदिर के मरम्मत कार्य का विरोध कर रहे मुस्लिमों की भीड़ ने मंदिर में तोड़-फोड़ की थी और आग लगा दी थी। सोशल मीडिया पर वॉयस ऑफ पाकिस्तानी माइनॉरिटी ने पूरी घटना की वीडियो शेयर की थी।
वीडियो में देख सकते हैं कि सैंकड़ों मुस्लिमों की भीड़ वहाँ मौजूद थी। मंदिर तोड़ते वक्त आस-पास अल्लाह-हू-अकबर के नारे लग रहे थे। इस्लामी झंडा लहरा कर मंदिर को तोड़ा जा रहा था। जगह जगह से धुआँ उठ रहा था। गोले दागने की आवाजें भी वीडियो में साफ सुनाई दे रही थी।