बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्ता पलट के बाद जारी हिंदुओं के नरसंहार के बाद भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार (9 दिसंबर 2024) को ढाका में अपने बांग्लादेशी समकक्ष मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों एवं उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा। साथ ही हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भी चर्चा की।
दरअसल, शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने के बाद 8 अगस्त को बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार का गठन हुआ था। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के गठन के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली उच्चस्तरीय बातचीत है। यह बैठक बांग्लादेश की राजधानी ढाका के राजकीय अतिथि गृह जमुना में संपन्न हुई।
विदेश सचिव ने हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर बांग्लादेश के विदेश सचिव के समक्ष आपत्ति उठाई। दरअसल, दास को एक रैली के दौरान बांग्लादेशी राष्ट्रीय ध्वज का कथित रूप से अपमान करने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है। उनकी गिरफ्तारी के कारण उनके समर्थकों में आक्रोश फैल गया और सुरक्षाबलों के साथ हिंसक झड़पें हुईं।
#WATCH | Dhaka, Bangladesh | Foreign Secretary Vikram Misri says, "…Today's discussions have given both of us the opportunity to take stock of our relations and I appreciate the opportunity today to have had a frank, candid and constructive exchange of views with all my… https://t.co/fSx7p5UDpw pic.twitter.com/ZGqJNqkXKy
— ANI (@ANI) December 9, 2024
विदेश सचिव मिस्री ने कहा, “मैंने महसूस किया कि भारत अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश के साथ सकारात्मक, रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध चाहता है, जैसा कि हमने अतीत में हमेशा देखा है और भविष्य में भी देखते रहेंगे। यह संबंध जन-केंद्रित और जन-उन्मुख संबंधों पर आधारित हैं, जिसका केंद्रीय लक्ष्य सभी लोगों का लाभ है।”
उन्होंने कहा कि दोनों के बीच के रिश्ते बांग्लादेश में जारी परियोजनाओं में दिखते हैं। उन्होंने कहा, “यह व्यापार, वाणिज्य, संपर्क, बिजली, पानी, ऊर्जा, विकास सहयोग और सांस्कृतिक सहयोग जैसे मुद्दों पर हमारे पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों में भी परिलक्षित होता है।” उन्होंने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि पारस्परिक लाभकारी सहयोग दोनों देशों के लोगों के बीच जारी ना रहे।
विदेश सचिव ने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा, “हमने हाल के घटनाक्रमों पर भी चर्चा की और मैंने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण सहित अपनी सभी चिंताओं से अवगत कराया। हमने सांस्कृतिक और धार्मिक संपत्तियों पर हमलों की खेदजनक घटनाओं पर भी चर्चा की।”