Friday, October 25, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'कनाडा में भारतीय छात्रों को बहका कर अपने साथ जोड़ते हैं खालिस्तानी आतंकी, माता-पिता...

‘कनाडा में भारतीय छात्रों को बहका कर अपने साथ जोड़ते हैं खालिस्तानी आतंकी, माता-पिता भी रखें ध्यान’: हाई कमिश्नर रहे संजय कुमार वर्मा ने किया आगाह

संजय वर्मा ने अपने एक डरावने अनुभव का जिक्र करते हुए वर्मा ने बताया कि जब वे अल्बर्टा में थे, तो उन पर एक खालिस्तानी द्वारा तलवार से हमला करने की कोशिश की गई।

कनाडा में भारत के पूर्व हाई कमिश्नर संजय कुमार वर्मा ने खुलासा किया है कि खालिस्तानी आतंकवादी भारतीय छात्रों और वहाँ के भारतीय समुदाय को गुमराह कर अपने टारगेट को पूरा करने के लिए उपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय छात्रों के अभिभावकों को सतर्क रहने की सलाह दी है और छात्रों को अपने आस-पास के माहौल के प्रति जागरूक रहने का आग्रह किया है।

संजय कुमार वर्मा ने बताया कि, “कनाडा में इस समय खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों का भारतीय समुदाय, विशेष रूप से छात्रों पर खतरा मंडरा रहा है।” उन्होंने बताया साल 2023 के आँकड़ों के अनुसार, कनाडा में लगभग 3,19,000 भारतीय छात्र हैं, जो शिक्षा प्राप्त करने और बेहतर भविष्य की तलाश में वहाँ गए हैं। वर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि छात्रों को आर्थिक तंगी और बेरोजगारी का लाभ उठाकर खालिस्तानी उन्हें गलत दिशा में धकेलने की कोशिश कर रहे हैं।

एनडीटीवी से बातचीत में संजय वर्मा ने कहा, “कनाडा की आर्थिक स्थिति और सीमित नौकरी के अवसरों का फायदा उठाते हुए इन छात्रों को पैसे और भोजन का लालच दिया जाता है, और धीरे-धीरे उन्हें भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल किया जाता है।”

संजय वर्मा ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि छात्रों को भारतीय राजनयिक भवनों के बाहर जाकर भारत विरोधी नारे लगाने और भारतीय झंडे का अपमान करने के लिए उकसाया जाता है। इसका उद्देश्य होता है कि बाद में ये छात्र राजनीतिक शरण की माँग करें और यह कहें कि अगर वे भारत लौटते हैं, तो उन्हें सजा का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि ऐसे कई मामलों में कुछ छात्रों को शरण भी मिल चुकी है।

वर्मा ने अभिभावकों से अपने बच्चों के संपर्क में रहने का आग्रह करते हुए कहा कि उन्हें नियमित रूप से बात करके उनकी स्थिति को समझने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “कनाडा में छात्रों पर जो निगेटिव बातें असर डालती हैं, उनसे वो गलत रास्तों पर जा सकते हैं। इसलिए अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को सही मार्गदर्शन दें और उन्हें समझाएँ कि उनके द्वारा लिए गए फैसलों का उनके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।”

संजय कुमार वर्मा ने यह भी बताया कि भारत ने कनाडा को वहाँ सक्रिय आतंकी गुटों के बारे में सबूत दिए थे, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा, “मेरे पास कनाडा में नियुक्ति के बाद से एक भी ठोस सबूत नहीं दिया गया है जो भारत सरकार के खिलाफ इन आरोपों को साबित कर सके। बल्कि, हमने खुद कनाडा को खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ सबूत दिए, जिन पर कोई कदम नहीं उठाया गया।”

इससे पहले, एएनआई से बातचीत में अपने एक डरावने अनुभव का जिक्र करते हुए वर्मा ने बताया कि जब वे अल्बर्टा में थे, तो उन पर एक खालिस्तानी द्वारा तलवार से हमला करने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा, “दो-तीन बार ऐसे मौके आए जब मेरे शरीर के करीब तलवार आई। एक बार तो यह 2 से 2.5 इंच तक करीब आ गई थी। यह कोई कृपाण नहीं, बल्कि तलवार थी।”

भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में खटास तब और बढ़ गई, जब पिछले साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने यह आरोप लगाया कि भारतीय एजेंसियों ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भूमिका निभाई। भारतीय सरकार ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया और कनाडा सरकार से पुख्ता सबूत माँगे। हालाँकि बाद में कनाडा ने कहा कि उसके पास कोई पुख्त सबूत नहीं है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

टाइट योनि से नहीं, ममता से भरी होती हैं जन्म देने वाली माँ: निया शर्मा के नाम एक मर्द का खुला खत

पैसों के लिए दिल भटक जाए तो उसका भी उपाय है। टाइट योनि वाला विज्ञापन इसके लिए एकमात्र रास्ता नहीं निया शर्मा जी।

जानवर जैसा आतंकी नंगा बैठता था बगल में, बार-बार पूछता था- पीरियड कब खत्म होंगे: हमास के चंगुल से छूटी पीड़िता ने UN में...

हमास आतंकियों की कैद से छूटी पीड़िता कहती हैं, "आज भी एक ऐसा दिन नहीं जाता कि मुझे वो घटिया आतंकी याद न आए कि उसने मेरे साथ क्या किया।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -