Sunday, September 29, 2024
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इंडोनेशिया में भूकंप ने मचाई तबाही, अब तक 268 की मौत: मदरसों-मस्जिदों को भारी नुकसान, अस्पतालों में कम पड़ गई है जगह

2004 में हिंद महासागर में आए एक शक्तिशाली भूकंप और सुनामी ने एक दर्जन देशों में लगभग 2 लाख 30 हजार लोगों की जान ली थी, जिनमें से अधिकतर इंडोनेशिया में थे।

सोमवार (21 नवंबर, 2022) को इंडोनेशिया (Indonesia) में आए भूकंप ने भयानक तबाही मचाई है। भूकंप के बाद मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इडोनेशियाई सरकार ने अब तक 268 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। कहा जा रहा है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। वहीं सैकड़ों की संख्या में लोग घायल बताए जा रहे हैं। यूएसजीएस के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.6 आँकी गई है।

भूकंप और उसके बाद आए झटकों की वजह से दर्जनों मकान गिर गए। अपनी जान बचाने के लिए सड़कों और गलियों में भाग रहे लोगों में से कई घायल और खून से लथपथ नजर आए। भूकंप का केंद्र राजधानी जकार्ता से 100 किलोमीटर दूर पश्चिम जावा प्रांत के सियांजुर क्षेत्र में 10 किलोमीटर की गहराई में था। बता दें कि हाल ही में इंडोनेशिया में जी-20 देशों का सम्मेलन आयोजित हुआ था।

मरने वालों में ज्यादातर बच्चे शामिल

जावा के गवर्नर रिदवान कामिल ने जानकारी दी है कि मरने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं। उन्होंने बताया कि भूकंप के वक्त पब्लिक स्कूलों में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चे अपनी पढ़ाई खत्म होने के बाद इस्लामी स्कूल में तालीम लेने पहुँचे थे। भूकंप के केंद्र सियांजुर में सबसे बड़ी संख्या में इस्लामी आवासीय स्कूल और मस्जिद हैं। कामिल ने कहा, “भूकंप की वजह से कई इस्लामी स्कूलों में हादसे हुए हैं। इन हादसों में बच्चों की दर्दनाक मौतें हुई हैं।” बताया यह भी जा रहा है कि अब भी बड़ी संख्या में लोग मलबों में दबे हुए हैं। लोग घायल अवस्था में अपनों की तलाश कर रहे हैं।

घायलों को अस्पताल में नहीं मिल रही जगह

भूकंप के बाद बड़ी संख्या में घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों की संख्या अधिक होने के कारण बहुत सारे लोगों का इलाज बाहर किया जा रहा है। सियांजुर में अस्पताल की पार्किंग में घायलों को रखा गया है। कुछ को अस्थायी टेंट में जगह मिली तो कुछ फुटपाथ पर ही लेटे नज़र आए। इतना ही नहीं स्वास्थ्य कर्मियों ने टॉर्च के प्रकाश में मरीजों को टाँके लगाए।

फुटपाथ पर इलाज कराने को मजबूर भूकंप प्रभावित (फोटो साभार KhaledBeydoun ट्विटर हैंडल)

बताया जा रहा है कि इस आपदा के बाद लगभग 13 हजार लोग बेघर हो चुके हैं। हालाँकि, अभी भूकंप से होने वाली तबाही के ऑफिशियल आँकड़े आने बाकी हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर आए भूकंप से जान-माल के नुकसान पर दुख जताया। पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर के इस हादसे पर दुःख जताया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, “इंडोनेशिया में भूकंप से जान-माल के नुकसान से दुखी हूँ। पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूँ। दुख की इस घड़ी में भारत इंडोनेशिया के साथ खड़ा है।”

इंडोनेशिया में आती रहती हैं प्राकृतिक आपदाएँ

इंडोनेशिया की आबादी 27 करोड़ से अधिक है और ये मुल्क भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट और सुनामी से अक्सर प्रभावित होता रहता है। इस साल फरवरी में पश्चिम सुमात्रा में 6.2 तीव्रता के भूकंप में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई थी और 460 से ज्यादा लोग घायल हो हुए थे। जनवरी 2021 में पश्चिम सुलावेसी प्रांत में 6.2 तीव्रता के भूकंप से 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 6,500 लोग घायल हो गए थे।

2004 में हिंद महासागर में आए एक शक्तिशाली भूकंप और सुनामी ने एक दर्जन देशों में लगभग 2 लाख 30 हजार लोगों की जान ली थी, जिनमें से अधिकतर इंडोनेशिया में थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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