बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पंडाल में कुरान रखकर साम्प्रदायिक दंगा भड़काने के आरोपित इकबाल हुसैन को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस जाँच से यह पता चला था कि उसने जानबूझकर ऐसा किया था। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार नए सीसीटीवी फुटेज में वह स्थानीय दरगाबाड़ी मजार के एक केयरटेकर से मिलते नजर आया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, हुसैन ने स्थानीय दरगाह से कुरान की एक प्रति ली और उसे दुर्गा मंडप में हनुमान जी की मूर्ति के चरणों में रख दिया। बाद में उसकी तस्वीरें फेसबुक पर अपलोड की गई। इससे भड़के कट्टरपंथी मुस्लिमों ने हिंदुओं को निशाना बनाकर हमले किए और उनके घरों को जला दिया।
ढाका ट्रिब्यून ने बताया है कि मजार के चीफ कस्टोडियन अहमदुन्नाबी माशुक ने केयरटेकर की पहचान हाफिज हुमायूँ और फैसल के रूप में की है। 12 अक्टूबर को रात 11 बजे इकबाल हुसैन के साथ दोनों की मुलाकात के बाद हाफिज ने क़ुरान की एक प्रति उसके लिए बगल की मस्जिद की एक कोठरी में छोड़ दी।
13 अक्टूबर को मुख्य आरोपित इकबाल हुसैन को मस्जिद से लगभग 2:12 बजे कुरान को उठाते देखा गया। उसे लेकर वो नानुआ दिरघी दुर्गा पूजा मंडप में गया और हिंदुओं को फँसाने के इरादे से ‘ईशनिंदा’ का काम किया।
पत्रकार पूजा मेहता द्वारा 21 अक्टूबर को साझा किए गए सीसीटीवी फुटेज के एक वीडियो में इकबाल को कुरान की प्रति के साथ मस्जिद से निकलते हुए दिखाया गया है। उन्होंने लिखा, “बांग्लादेश पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि इकबाल हुसैन को मुख्य संदिग्ध के रूप में पहचाना गया है। उसी ने कोमिला में दुर्गा पूजा मंडप में पवित्र कुरान रखी जिसके बाद बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी।”
#Watch| CCTV footage shows one Iqbal Hossain has been identified as the main suspect – placing the Holy Quran at the Durga puja mandap in Comilla leading to violence, says Bangladesh Police. He continues to remain at large @RadharamnDas @IskconKolkata #Comilla #Bangladesh pic.twitter.com/823SKoH9E5
— Pooja Mehta (@pooja_news) October 21, 2021
कोमिला के सुजानगर इलाके के नूर अहमद आलम के बेटे 35 वर्षीय इकबाल हुसैन ने 13 अक्टूबर को कोमिला के नानुआ दिघिर पार में एक दुर्गा पूजा मंडप में कुरान रखा था। इसके बाद कट्टरपंथी इस्लामियों ने अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ साम्प्रदायिक हिंसा का सिलसिला शुरू कर दिया था। कोमिला के पुलिस अधीक्षक फारूक अहमद ने बताया कि पुलिस ने पूजा स्थल पर वीडियो फुटेज का विश्लेषण करने के बाद इकबाल की पहचान की है। वह किसी राजनीतिक दल से जुड़ा है या नहीं इस बात का पता नहीं चल सका है।
इकबाल हुसैन की गिरफ्तारी
हिंदू विरोधी दंगा भड़काने के मुख्य आरोपित इकबाल हुसैन को गुरुवार (21 अक्टूबर) की रात कॉक्स बाजार पुलिस ने रात करीब 11 बजे गिरफ्तार कर लिया। डेली स्टार से बातचीत में चटोग्राम रेंज के अतिरिक्त डीआईजी (क्राइम एँड ऑपरेशन) जाकिर हुसैन खान ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आगे की जाँच के लिए आरोपित को कोमिला पुलिस को सौंप दिया गया है।
सीसीटीवी फुटेज का प्रॉपर एनालिसिस करने से इस बात का पता चलता है कि आरोपित ने ही भड़काऊ भाषण दिए और लोगों को हिंदुओं के खिलाफ उकसाया। कोमिला जिले के एसपी फारूक अहमद ने कहा कि 12 सीसीटीवी फुटेज एकत्र किए गए हैं, जिनमें से 10 में इकबाल को 2:10 से 3:10 बजे के बीच कुरान की प्रति के साथ जाते देखा गया है।
बांग्लादेश की घटना
नवरात्रि के दौरान दुर्गा पूजा स्थल में कुरान का अपमान करने की कथित इमेज सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसके चलते हिंसा हुई। पुलिस ने पाया कि दुर्गा पूजा स्थल पर कुरान रखकर हिंदुओं के खिलाफ साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने वाला व्यक्ति इकबाल हुसैन था, जो एक मुस्लिम है। इस घटना को लेकर हिंदू समुदाय ने जोर देकर कहा था कि उनमें से किसी ने भी पूजा पंडाल में कुरान नहीं रखा था और यह घटना हिंदू समुदाय पर हमला करने की एक सोची-समझी साजिश थी।
इसके बाद बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के घरों और मंदिरों पर कट्टरपंथी इस्लामवादियों का हमला हुआ । यह 12 अक्टूबर को शुरू हुआ। बांग्लादेश के चटगाँव के फिरिंगीबाजार इलाके में रविवार को इस्लामिक चरमपंथियों ने श्री शमशानेश्वर शिव विग्रह मंदिर की दुर्गा प्रतिमा में तोड़फोड़ की। 14 अक्टूबर को कई पूजा पंडालों में तोड़फोड़ की गई। हिंदुओं पर हमले के अन्य वीडियो के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर टूटी हुई मूर्तियों, पंडालों और माँ दुर्गा की मूर्ति को तालाब में फेंकने के वीडियो भी सामने आए थे।
16 अक्टूबर को इस्कॉन मंदिर पर 400-500 की भारी मुस्लिम भीड़ ने हमला किया था। 17 अक्टूबर और 18 अक्टूबर को हिंदुओं के घरों में तोड़फोड़ की गई। हिंसा में कई लोगों के घायल और कुछ के मारे जाने की भी खबरें आ चुकी है।