Saturday, November 23, 2024
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इराक के राष्ट्रपति भवन पर शिया मौलवी के समर्थकों का कब्जा, दिखा श्रीलंका वाला नजारा: स्विमिंग पूल में मस्ती करते लोग, बगदाद में रात भर चले रॉकेट्स

झड़पों में 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। रात भर बगदाद के ग्रीन जोन में एरिया में रॉकेट दागे जाते रहे। उग्र भीड़ ने श्रीलंका के घटनाक्रम की तरह इराक के राष्ट्रपति भवन और सरकारी भवनों पर कब्जा कर लिया है।

श्रीलंका के बाद अब इराक में अराजकता का माहौल है। इराक (Iraq) के एक प्रभावशाली मौलवी मुक्तदा अल-सदर (Al-Sadar) के इस्तीफे के बाद उनके समर्थक भड़क उठे। राजधानी बगदाद (Baghdad) में सोमवार (29 अगस्त, 2022) को जमकर विरोध-प्रदर्शन किया गया। देखते ही देखते भारी हिंसा भड़क उठी। भारी संख्या में मुक्तदा समर्थकों ने इराक के राष्ट्रपति भवन के बाहर डेरा डाल लिया। इस दौरान, अल-सदर और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें मरने वालों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है।

‘स्पुतनिक’ न्यूज एजेंसी के मुताबिक, झड़पों में 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। रात भर बगदाद के ग्रीन जोन में एरिया में रॉकेट दागे जाते रहे। उग्र भीड़ ने श्रीलंका के घटनाक्रम की तरह इराक के राष्ट्रपति भवन और सरकारी भवनों पर कब्जा कर लिया है। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आँसू गैस के गोले भी छोड़े। लेकिन, वे उन्हें खदेड़ने में नाकाम रहे। भीड़ में शामिल अराजक तत्व राष्ट्रपति भवन में बने स्विमिंग पूल में मस्ती करते हुए नजर आए। ये लोग मुक्तदा अल-सदर के समर्थक बताए जा रहे हैं।

सोशल मीडिया पर इनकी तस्वीरें और वीडियो भी खूब वायरल हो रहे हैं, जिसमें प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन पर धावा बोलते हुए देखा जा सकता है। शिया मौलवी के समर्थक बगदाद के ग्रीन जोन में स्थित संसद के बाहर एक सप्ताह से धरना दे रहे थे। जैसे ही उन्हें मुक्तदा अल-सदर के इस्तीफे के बारे में फैसले का पता चला, वे भड़क गए। इसके बाद सेना व पुलिस ने मोर्चा संभाला और प्रदर्शनकारियों से ग्रीन जोन छोड़ने की अपील की।

तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए पूरे इराक में कर्फ्यू लगाना पड़ा है और पूरे शहर के चप्पे-चप्पे पर सेना तैनात कर दी गई है। बताया जा रहा है कि इराक की सरकार में गतिरोध तब से आया है, जब मुक्तदा अल-सदर की पार्टी ने अक्टूबर के संसदीय चुनावों में सबसे अधिक सीटें जीती थीं, लेकिन वह बहुमत तक नहीं पहुँच पाए थे। उन्होंने आम सहमति वाली सरकार बनाने के लिए ईरान समर्थित शिया प्रतिद्वंद्वियों के साथ बातचीत करने से इनकार कर दिया था।

गौरतलब है कि इराक से पहले भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका (Sri Lanka) में अराजकता का माहौल देखा गया था। राजधानी कोलंबो (Colombo) में 9 जुलाई, 2022 को प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन में घुस गए थे। इसके बाद राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) वहाँ से भाग गए। वहीं, सुरक्षाबलों की कार्रवाई में कई प्रदर्शनकारियों घायल हो गए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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