इराक में सरकार के ख़िलाफ़ चल रहा विरोध प्रदर्शन तब अचानक से मजेदार हो उठा, जब एक व्यक्ति शेर लेकर आ गया। अपने शरीर पर झंडा लपेटे प्रदर्शनकारी ने शेर को चैन से बाँध रखा था। शेर सबसे पहले तो आसपास खड़े अन्य लोगों की तरफ़ गया और बाद में सड़क किनारे आराम करते दिखा। उसको लाने वाला प्रदर्शनकारी भी उसके साथ ही था। हालाँकि, अभी तक ये नहीं साफ़ हुआ है कि उक्त वीडियो फुटेज इराक के किस स्थान का है। राजधानी बगदाद से लेकर अन्य इलाक़ों तक इराक के पूरे दक्षिणी हिस्से से लगातार कई हिंसक प्रदर्शनों की ख़बरें आ रही हैं।
अब तक इराक में चल रहे विरोध प्रदर्शनों में 320 लोग मारे जा चुके हैं। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बाद लगातार झड़प हो रही है। हज़ारों लोग इस विरोध प्रदर्शन में घायल भी हुए हैं। गुरुवार (नवंबर 14, 2019) को प्रदर्शनकारियों व सुरक्षा बलों के बीच झड़प में 65 लोग घायल हुए। उस दिन 4 लोग मारे भी गए। ये सभी प्रदर्शनकारी सुरक्षा बलों को पीछे ढकेलते हुए मध्य बग़दाद की तरफ ले जाना चाह रहे थे। जहाँ इराक की पुलिस कुत्ते लेकर आ रही है, प्रदर्शनकारियों ने शेर का जरिए उनकी काट निकाली है।
सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए फायरिंग भी की। उन्होंने आँसू गैस के गोले छोड़े, रबर बुलेट्स फायर किए और वाटर कैनन का इस्तेमाल कर के तहरीर स्क्वायर पर जुटे प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। इराक में लगातार डूबती अर्थव्यवस्था और रोज़गार संकट के कारण लोग सड़कों पर उतरे हैं। वहाँ के प्रधानमंत्री अब्दुल मेहदी ने ग़रीबों और बेरोजगारों के लिए कई सारी घोषणाएँ कर के प्रदर्शनकारियों के रोष को ठंडा करना चाहा लेकिन सरकार अब तक इस मामले में विफल रही है।
MEANWHILE IN #IRAQ
— Fatih (@fatihcagrii) November 14, 2019
Iraqi protesters bring LION to the protesting areas after security forces intervened protests with Police dogs. pic.twitter.com/zkELq6IPcK
अमेरिका द्वारा सद्दाम हुसैन को पकड़े जाने के बाद इराक में नई सत्ता स्थापित हुई थी। लेकिन अब लोग इससे निजात चाहते हैं। जनता का कहना है कि सत्ता में शामिल सभी लोगों को अपने-अपने पदों पर बने रहने का कोइ अधिकार नहीं है। 2017 में आतंकी संगठन आईएसआईएस पर शिकंजा कसने के बाद 2 साल काफ़ी शांतिपूर्ण रहे थे लेकिन इराक एक बार फिर से हिंसक झड़पों के लिए सुर्ख़ियों में लौट आया है। रोष इस बात को लेकर है कि तेल के मामले में इतने मजबूत होने के कारण भी देश में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बदतर है।