ऑस्ट्रेलिया की पहली ‘आईएसआईएस आतंकी दुल्हन’ ज़ेहरा डूमन अपने दो बच्चों के साथ तुर्की में रह रही है। आतंकी संगठन की सदस्य होने के कारण तुर्की की अदालत ने सितंबर 2020 में उसे सात साल जेल की सजा सुनाई थी। लेकिन नवंबर 2020 में उसे तुर्की की एक अन्य अदालत ने रिहा कर दिया। 2019 के मध्य तक डूमन के पास ऑस्ट्रेलिया और तुर्की की दोहरी नागरिकता थी। वहीं, इस्लामिक स्टेट (IS) आतंकवादी समूह के साथ संबंधों को लेकर उसकी ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता छीन ली गई थी।
डूमन और उसके बच्चे उन 70 ऑस्ट्रेलियाई महिलाओं और बच्चों में से थे, जिन्हें 2019 में आईएस के पतन के बाद पूर्वोत्तर सीरिया के अल-हवल हिरासत शिविर में रखा गया था। एक साक्षात्कार में उसने कहा था कि वह ऑस्ट्रेलिया लौटना चाहती है। हालाँकि, चार महीने बाद ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने एक पत्र के माध्यम से डूमन को सूचित किया कि उसकी ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता रद्द कर दी गई है।
बाद में डूमन अल-हावल से भाग गई और तस्करों की मदद से तुर्की चली गई। ऐसा करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। पिछले साल सितंबर में दक्षिणी तुर्की के शहर सनलिउरफा की एक अदालत ने उसे आईएसआईएस से जुड़े होने के कारण छह साल और दस महीने जेल की सजा सुनाई थी। दो महीने बाद वह दक्षिणी तुर्की शहर गाजियांटेप की एक अदालत में पेश हुई। अदालत ने उसे यह कहते हुए रिहा कर दिया था कि वह एकमात्र व्यक्ति है, जो अपने बच्चों- लैला और जराह की देखभाल कर सकती है। आज डूमन तुर्की के एक अनजान जगह पर अपना जीवन आनंद से गुजार रही है।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान डूमन ने बयान दिया था कि उसकी दो बार जबरन शादी की गई थी और उसके दोनों शौहर सीरिया युद्ध में मारे गए। उसने आरोप लगाया कि जब उसने वहाँ से भागने की कोशिश की तो 2017 में आईएसआईएस ने उसे कैद कर लिया था। उसने बताया कि उसका पहला बच्चा दूसरे शौहर से और दूसरा बच्चा तीसरे शौहर से हुआ है।
सुनवाई के दौरान डूमन ने इस्लाम और आईएसआईएस की ओर झुकाव के लिए अपने बचपन को दोष दिया। उसने बताया कि उसके माता-पिता का तलाक, दोनों के बिगड़े रिश्ते, ब्रेकअप और अवसाद ने उसे इस्लाम की ओर कदम बढ़ाने में मदद की। उसने बताया कि उसके किशोरावस्था में 2014 में उससे मोहम्मद अब्दुल लतीफ नाम का चरमपंथी मिला। उसने बताया, “लतीफ ने मुझसे सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क किया। वह जानता था कि मेरी जिंदगी बहुत उलझी हुई है।” उसने कहा, “मैं तुम्हें एक खुबसूरत जिंदगी दूँगा। मैंने उस पर विश्वास कर लिया।” डूमन ने बताया कि वह 19 साल की उम्र में तुर्की चली गई और 2014 में सीरिया।
वहाँ अबु बकर नाम के एक आतंकी ने आईएसआईएस के अधिकार वाले क्षेत्र में उसे पहुँचाया और उसे वहाँ रखा, जहाँ आईएस अविवाहित लड़कियों को रखता था। एक महीने बाद अब्दुल लतीफ उसे रक्का ले गया और उससे निकाह कर लिया। जहाँ वह रहती थी, वहाँ ऑस्ट्रेलिया में जन्मे कई आईएस आतंकी रहते थे। साल 2015 के एक एयर स्ट्राइक में लतीफ की मौत हो गई, उसके बाद उसने इराक के नेदोल नाम के आतंकी से निकाह कर लिया। साल 2016 में नेदोल भी मारा गया।
जिस समय आईएसआईएस की ओर उसका झुकाव हो रहा था, उस दौरान के उसके जीवन की कई घटनाएँ उसके कट्टरपंथी होने की झलक देती हैं। वह आईएसआईएस में शामिल होने वाले एक अन्य ऑस्ट्रेलियाई खालिद शरौफ की पत्नी तारा नेट्लटन की सबसे अच्छी दोस्त थी। डूमन भोले-भाले लोगों को आतंकवादी संगठन में भर्ती करने के लिए ‘कुख्यात’ थी।
डूमन ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर भड़काऊ सामग्री पोस्ट की थी, जिसमें पश्चिमी अधिकारियों का मजाक उड़ाने वाले ट्वीट, गैर-मुसलमानों को मारने की कसम खाना और बंदूकों के साथ खुद की तस्वीरें शामिल थीं। जब अब्दुल लतीफ से उसकी शादी हुई, तो उसने लिखा था, “आज मेरी शादी हुई है। अल्हमदुलिल्लाह (ईश्वर की स्तुति) मैंने हिजरा (तीर्थयात्रा) किया और यहाँ शादी कर ली यार, इंशाअल्लाह साथ ही मुझे एक सुंदर मौत भी मिलेगी।”
शादी के तुरंत बाद उसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जेहादी पोस्ट करना शुरू कर दिया। एक ट्वीट में उसने लिखा, “अमेरिका+ऑस्ट्रेलिया, कैसा लगता है कि हम सभी 5 तुम्हारी जमीन पर पैदा हुए और पले-बढ़े हैं और अब यहाँ हम तुम्हारे खून के प्यासे हैं?” एक अन्य ट्वीट में उसने अपने अनुयायियों से काफिरों (गैर-मुसलमानों) को जहर देने का आह्वान किया। उसने लिखा, “उन्हें चाकू मारो और जहर दो। अपने शिक्षकों को जहर दो, हराम रेस्तरां में जाओ और खाने में बड़ी मात्रा में जहर डाल दो।”
2019 में आईएसआईएस के पतन के बाद उसने एक साक्षात्कार में कहा था कि वह ऑस्ट्रेलिया लौटना चाहती है, क्योंकि उसके दोनों बच्चे बीमार हैं और उसके पास पैसे भी नहीं है। । उसने कहा, “मुझे पैसे रखने की अनुमति नहीं है। वे हमें यहाँ खाना नहीं देते हैं। मेरे बच्चों को कम से कम सामान्य बच्चों की तरह व्यवहार करने का अधिकार है।”
डूमन एक दर्जन से अधिक ऑस्ट्रेलियाई लोगों में से एक थी, जिनकी ऑस्ट्रेलिया सरकार ने आतंकवादी संगठन से संबंध रखने के कारण नागरिकता छीन ली थी। ऑस्ट्रेलिया सरकार ने खासकर उन आतंकवादियों की नागरिकता को रद्द किया, जिनके पास दोहरी नागरिकता थी। जिनके पास केवल ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता है, उन्हें छोड़ दिया गया था।