Monday, December 23, 2024
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बांग्लादेश में फिर मंदिर पर हमला: ‘नारा-ए-तकबीर और अल्लाहू-अकबर’ वाली भीड़ ने मूर्ति तोड़ी, संपत्ति लूटी

इससे पहले अक्टूबर 2021 में बांग्लादेश में कई जगहों पर हिन्दू मंदिरों, दुकानों और घरों को इस्लामी भीड़ द्वारा निशाना बनाया गया था। इन हमलों में 10 हिन्दुओं की हत्या और 23 महिलाओं का बलात्कार किया गया था। इसके अलावा, 17 हिन्दू लापता हो गए थे।

बांग्लादेश (Bangladesh) की राजधानी ढाका के वारी इलाके में लालमोहन साहा स्ट्रीट पर स्थित इस्कॉन मंदिर (ISKCON Temple) पर मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ द्वारा हमला करने की घटना सामने आई है। 17 मार्च (गुरुवार) को हुए हमले का वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में कट्टरपंथियों की भीड़ ‘नारा-ए-तकबीर, अल्लाह हु अकबर’ के उन्मादी नारे लगा रही है। हमले में मंदिर को काफी नुकसान हुआ है।

‘वॉइस ऑफ़ बांग्लादेशी हिन्दू’ नाम के ट्विटर हैंडल ने इस घटना को लेकर कई वीडियो और तस्वीरें साझा की हैं। बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यक के मुद्दे उठाने वाले इस हैंडल ने कहा, “ढाका में राधाकांता इस्कॉन मंदिर पर हमला जारी है। श्रद्धालुओं ने पुलिस को सूचना दी, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।”

इस घटना में कुछ श्रद्धालुओं को भी चोटें आई हैं। एक श्रद्धालु वीडियो में पूरी घटना के बारे में बताता दिख रहा है। इस वीडियो में पीड़ित निहाल ने कहा, “लौटते हुए उन्होंने (भीड़) ने मुझे पकड़ लिया। मेरा फोन छीन लिया गया। मेरी पीठ पर घाव हो गए थे।”

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना में 150-200 मुस्लिम हमलावर शामिल थे। हमलावरों की इस भीड़ का नेतृत्व हाजी सफीउल्लाह कर रहा था। घटना में घायल हुए लोगों में सुमंत्रा चंद्र श्रवण, निहार हलदर, राजीव भद्रा शामिल हैं।

घटना को लेकर ‘हिन्दू अमेरिकन फाउंडेशनट ने कहा, “17 मार्च की रात लगभग 8 बजे 62 वर्षीय हाजी सैफुल्लाह के नेतृत्व में लगभग 150 मुस्लिमों की भीड़ ने वारी थाना अंतर्गत इस्कॉन मंदिर पर हमला किया। उन्होंने मंदिर को क्षतिग्रस्त किया और मूर्तियों को तोड़ दिया। मंदिर में रखे पैसे और अन्य कीमती सामान को भी लूट लिया। इस घटना में हिन्दू समाज के 3 श्रद्धालु घायल हुए हैं।”

हमले के शिकार मंदिर के प्रशासन ने ऑपइंडिया को दी पूरी जानकारी

ऑपइंडिया ने हमले के शिकार हुए श्री श्री राधाकांता मंदिर बांग्लादेश के प्रशासनिक सदस्यों से सम्पर्क किया। अपना नाम न जाहिर करने की माँग के साथ उन्होंने आभार प्रकट करते हुए कहा कि अगर हमें मीडिया का सपोर्ट नहीं मिलेगा तो हम हिन्दू यहाँ रह नहीं पाएँगे। उन्होंने आगे बताया, “इस मंदिर की जमीन पर चरमपंथियों की बहुत पहले से नजर है। इससे पहले भी उन्होंने यहाँ कब्जा करने का प्रयास किया है, जिसकी शिकायत हमने दर्ज करवाई थी। कल शाम को उन्होंने मंदिर पर हमला कर के यहाँ लूटपाट की है।”

कुछ समय बाद फोन इस हमले में घायल हुए निहाल हलदर को दे दिया गया। निहाल ने इस घटना की पुलिस में दी गई शिकायत की कॉपी ऑपइंडिया को भेजा। शिकायत के मुताबिक, “इस हमले के मुख्य साजिशकर्ता 31 साल के मोहम्मद इसराफ़ सूफी और 62 साल के हाजी सफीउल्लाह हैं। हमलावरों के हाथों में डंडे, रॉड और हथौड़े थे। मंदिर की दक्षिणी दीवाल को गिरा दिया गया। वहाँ पुराने निर्माण थे, उनको भी ढहा दिया गया। वो सभी हमलावर दंगे जैसे हालात बना रहे थे।”

शिकायत

इसी शिकायत में आगे कहा गया, “हमलावरों को आगे बढ़ता देखकर मंदिर के श्रद्धालुओं ने मुख्य गेट को बंद कर दिया। इसके बाद पुलिस को बुलाया गया। पुलिस आने पर भी निहाल हलदर को पीटा गया और उनका फोन छीन लिया गया। हमला निहाल की हत्या की मंशा से किया गया था। मंदिर से लगभग ₹5 लाख की लूट हुई। मंदिर पर पत्थरबाजी हुई और अंदर मौजूद सभी श्रद्धालुओं को जिन्दा जला देने के लिए उकसाया गया।”

गौरतलब है कि बांग्लादेश में मंदिरों पर हमले की ये पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी अक्टूबर 2021 में बांग्लादेश में कई जगहों पर हिन्दू मंदिरों, दुकानों और घरों को इस्लामी भीड़ द्वारा निशाना बनाया गया था। इन हमलों में 10 हिन्दुओं की हत्या और 23 महिलाओं का बलात्कार किया गया था। इसके अलावा, 17 हिन्दू लापता हो गए थे। हमला कर 160 पूजा पंडाल और मंदिरों को नुकसान पहुँचाया गया था। मामले को बांग्लादेश सरकार ने छिपाने की हर संभव कोशिश की थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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