जर्मनी में 1100 से ज्यादा इस्लामिक कट्टरपंथियों की भीड़ सड़कों पर उतर आई और इस्लामिक राज यानी खिलाफत की माँग की। जर्मनी के बैम्बर्ग राज्य के सेंट जॉर्ज शहर में सैकड़ों मुस्लिमों ने मुस्लिमों की ताकत की नुमाइश करते हुए रैलियाँ निकाली और जर्मनी के लिए एक ही ‘शांति पूर्ण’ समाधान को पेश किया, वो है जर्मनी में खलीफा का राज, खिलाफत यानी इस्लामिक राज।
ये मामला शनिवार (27 अप्रैल 2024) का है, जहाँ एक इस्लामिक चरमपंथी गुट मुस्लिम इंटरैक्टिव से जुड़े रहीम बोटैंग ने इस रैली का आयोजन किया। यही नहीं, इस रैली के वीडियो और तस्वीर भी मुस्लिम इंटरैक्टिव नाम के कट्टरपंथी संगठन ने एक्स पर भी शेयर किए, ताकि उनकी इस्लामिक डिमांड का मैसेज पूरी दुनिया में पहुँच सके।
„So gehorche nicht den Lügnern!“
— Muslim Interaktiv (@MInteraktiv) April 27, 2024
Eindrücke aus der heutigen Demonstration in Hamburg pic.twitter.com/N7pRpcSgYg
वायरल हुई तस्वीरों और वीडियो में इस्लामिक भीड़ को शहर के केंद्र में व्यस्त स्टीनडैम स्ट्रीट पर प्रदर्शन करते देखा जा सकता है। कई प्रदर्शनकारियों को तख्तियां और पोस्टर पकड़े देखा जा सकता है जिन पर लिखा है: “जर्मनी: वैल्यूज पर तानाशाही”, कालीफत इस्त डाई लोसुंग (अनुवाद – “खिलाफत ही समाधान है”), और “फिलिस्तीन ने सूचना युद्ध जीत लिया है”। जर्मन मीडिया के अनुसार, पूरे कार्यक्रम के दौरान भीड़ ने “अल्लाहु अकबर” के नारे भी लगाए।
BREAKING:
— Visegrád 24 (@visegrad24) April 27, 2024
Hundreds of Islamists are demonstrating in Hamburg, Germany.
They are demanding that a caliphate is established in the country.
The organization behind the protest is called Muslim Interaktiv, and is monitored by the authorities but not banned pic.twitter.com/RISFYJEKAY
जर्मन मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस प्रदर्शन मार्च में जर्मनी में इस्लामी खिलाफत शुरू करने का ऐलान किया जा रहा है। वायरल वीडियो में एक व्यक्ति लोगों को खिलाफत के बारे में बता रहा है। वो खिलाफत को ‘सुरक्षा देने वाला सिस्टम’ बता रहा है, साथ ही कह रहा है कि जर्मनी में खिलाफत को लोग नफरत करते हैं और राक्षस कहते हैं, लेकिन वही एकमात्र समाधान है। इसके साथ ही पूरी भीड़ अल्लाहू अकबर के नारे लगाने लगती है।
Hamburg am Samstagnachmittag: Hunderte Islamisten demonstrierten für ein Kalifat. Aufgerufen hatte die Gruppierung Muslim Interaktiv, die vom Verfassungsschutz beobachtet wird.
— NIUS (@niusde_) April 27, 2024
Alle Infos gibt's hier: https://t.co/23fueJng1J pic.twitter.com/6bk9SAUdxC
रैली में शामिल इस्लामिक कट्टरपंथियों ने दावा किया कि रैली को “झूठों की बात मानने से इनकार” करने की टैगलाइन के साथ आयोजित किया गया था। उनका दावा है कि जर्मन सरकार की इस्लामोफोबिक नीतियों और इजरायल-हमास की लड़ाई के दौरान जर्मनी में मीडिया ने मुस्लिमों के खिलाफ दुष्प्रचार किया।
जर्मन मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस रैली का आयोजन जॉ ऐडेड बोटैंग (25) ने किया था, जो खुद को रहीम बोटैंग करने लगा है। रहीम जर्मनी का ही नागरिक है, जिसने 8 साल पहले इस्लाम अपना लिया था और अब वो खुद को ईमाम कहता है। वो हैम्बर्ग विश्वविद्यालय में टीचिंग की पढ़ाई कर रहा है, लेकिन इंस्टाग्राम और टिकटॉक पर वो बड़ा इस्लामिक इन्फ्लूएंसर बन चुका है। वो लगातार इस्लाम से जुड़ा प्रोपेगेंडा सोशल मीडिया पर फैलाता रहता है।
ये रिपोर्ट मूल रूप से अंग्रेजी भाषा में लिखी गई है। विस्तार से इस रिपोर्ट को पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।