फिलिस्तीन के हमास आतंकियों के खिलाफ इजरायल लगातार कार्रवाई कर रहा है। एक ताजा हवाई हमले में 100 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है। ये सभी एक स्कूल में नमाज पढ़ रहे थे। इजरायल ने पूर्वी गाजा में इस स्कूल को निशाना बनाकर यह हमला किया था। इजरायल का कहना है कि यह स्कूल नहीं, बल्कि आतंकियों का कमांड पोस्ट था।
इजरायल की सेना IDF ने कहा है कि उसने हमास के एक कमांड पोस्ट पर हमला किया है। इस कमांड पोस्ट को आतंकवादियों ने गाजा शहर के दाराज स्थित अल-तबईन स्कूल में स्थापित किया था और इजरायल के खिलाफ काम कर रहे थे। वहीं, आतंकी संगठन हमास द्वारा संचालित नागरिक सुरक्षा एजेंसी का कहना है कि मारे गए लोग आम नागरिक हैं।
IDF ने अपने बयान में कहा कि हमला करने से पहले नागरिकों को नुकसान पहुँचाने की संभावना को कम करने के लिए सटीक हथियारों से कई हमले किए। IDF ने हमास पर अंतर्राष्ट्रीय कानून का व्यवस्थित रूप से उल्लंघन करने, नागरिक आश्रयों से काम करने और आबादी को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
हमसा द्वारा चलाए जा रहे सिविल डिफेंस एजेंसी के प्रवक्ता महमूद बसल ने अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया, “तीन इज़रायली रॉकेट उस स्कूल पर गिरे, जिसमें विस्थापित फ़िलिस्तीनी रह रहे थे।” गाजा के सरकारी मीडिया कार्यालय का कहना है कि हमले में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं। वहीं, दर्जनों लोग घायल हुए हैं।
हमास ने एक बयान में कहा, “इजरायली हमले में फज्र की नमाज अता कर रहे विस्थापित फिलिस्तीनी नागरिकों को निशाना बनाया गया।” इससे पहले भी इजरायल ने फिलिस्तीन विस्थापितों से भरे दो स्कूलों को निशाना बनाया था। इस हमले में 30 से अधिक लोग मारे गए थे और दर्जनों लोग घायल हुए थे।
वहीं, 4 अगस्त को किए गए उस समय में गाजा के हमामा स्कूल को निशाना बनाया गया था। इसमें 17 लोग मारे गए थे। इससे पहले 1 अगस्त को इजरायल ने अल-मुगराबी स्कूल पर रॉकेट दागे थे। इसमें 15 लोगों की मौत हुई थी। इजरायल का स्पष्ट कहना है कि इन स्कूलों में हमास के आतंकी हैं, जो कमांड सेंटर के रूप में काम कर रहे हैं।
बता दें कि हमास के आतंकियों ने पिछले साल 7 अक्टूबर को गाजा पट्टी से दक्षिणी इजरायल में हथियारों के साथ घुसपैठ करके हमला कर दिया था। इस दौरान लगभग 1200 लोगों को मार दिया गया था और सैकड़ों महिला-पुरुषों को बंदी बना लिया गया था। उनके साथ मारपीट और रेप जैसी अमानवीय घटनाएँ हुई थीं। इसके बाद इजरायल ने फिलिस्तीन पर कार्रवाई शुरू की थी।