बांग्लादेश में शेख हसीना द्वारा प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद से ही वहाँ हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा तेज़ हो गई। वैसे तो वहाँ दशकों से हिन्दुओं का कत्लेआम चल रहा है, लेकिन हाल के दिनों में वहाँ हिन्दुओं की इतनी दुर्गति हो गई है कि भारत से लगी सीमा पर हजारों लोग पलायन कर के आ गए, तो कइयों को रंगदारी देनी पड़ी। कई महिलाओं का बलात्कार हुआ है। हाल ही में एक युवक को पुलिस स्टेशन से खींच कर पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी गई। उसके माँ-बाप के सामने से ही ले जाकर उसे मार डाला गया।
शेख हसीन के देश छोड़े 1 महीना हो चुका है। अगले चुनाव में खालिदा जिया के नेतृत्व वाले BNP के सत्ता में आने की संभावना है क्योंकि शेख हसीना की ‘आवामी लीग’ के नेताओं को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है। उससे पहले पश्चिमी देशों के करीबी नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया गया है। सेनाध्यक्ष वकार-उस-ज़मान भी उनके साथ हैं। JeI का संबंध इजिप्ट स्थित ‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ से है। हिफाजत-ए-इस्लाम और अंसार-उल-बांग्ला जैसे आतंकी संगठनों से भी इसने हाथ मिला रखा है।
बांग्लादेश में जिस हिन्दू विरोधी आंदोलन को वामपंथियों ने ‘युवा क्रांति’ बताया, उससे निकले छात्र नेता भी इन्हीं कट्टर इस्लामी संगठनों से प्रेरित हैं। ऐसे में कहने को वहाँ लोकतंत्र है लेकिन सत्ता इनके हाथ में ही है। फौज जानबूझकर तमाशबीन बनी हुई है, भले ही उसके सामने हिन्दुओं और ‘आवामी लीग’ के समर्थकों की हत्याएँ होती रहें। वो इस्लामी ताकतों से नहीं उलझना चाहती। भारत में जम्मू कश्मीर सहित कई इलाकों में JeI का प्रभाव है। 1990 के दशक में SIMI के पूरे भारत में प्रसार के पीछे भी जमात-ए-इस्लामी का प्रभाव था।
इस समूह को बाद में ‘इंडियन मुजाहिद्दीन’ ने हथियारों से लैस किया। जम्मू कश्मीर के युवाओं को हथियार देने और उन्हें प्रशिक्षित करने में भी जमात का हाथ है। बांग्लादेश की सरकार अभी हाल-फ़िलहाल में चुनावों की तारीखों का ऐलान करने नहीं जा रही है, ये कमजोर सरकार भी है। इस्लामी कट्टरपंथ के बढ़ने से बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था भी गर्त में जा रही है। JeI ने हाल-फ़िलहाल में बांग्लादेश में खुद को और मजबूत किया है। जब तक ‘आवामी लीग’ के डरे हुए कार्यकर्ता व उससे जुड़े समूह एक न हो जाएँ तब तक इन्हें टक्कर नहीं दी जा सकती।
Protests across Bangladesh in support of national anthem following controversy created by son of Ghulam Azam Jamaat-e-Islami leader who in 1971 worked closely with Pakistan to carry out genocide— My report @ETPolitics @PankajSaran11 pic.twitter.com/76Rvg3WCdw
— Dipanjan R Chaudhury (@DipanjanET) September 7, 2024
भारत फ़िलहाल ‘वेट एन्ड वॉच’ की स्थिति में है, ऊपर से मोहम्मद यूनुस और उनके सहयोगी भारत को धमका रहे हैं क्योंकि शेख हसीना ने भारत में ही शरण ली हुई है। एक अंतरिम और कमजोर सरकार जब कोई निर्णय ले ही नहीं पाएगी तब जनता उन्हीं युवा नेताओं से असंतुष्ट होगी जिनके लिए वो सड़कों पर उतरी थी। टेक्सटाइल मिल बंद हो रहे हैं, कपड़ा उद्योग के दरकने से रोजगार खत्म हो रहा है। बांग्लादेश पर वैसे भी 100 बिलियन डॉलर का कर्ज है। 1 साल के भीतर वहाँ एक और बड़ा राजनीतिक विस्फोट हो सकता है। जमात वाले बांग्लादेश के लिए अलग झंडे और राष्ट्रगान की माँग भी कर रहे हैं।