फ्रांस के बाद अब कनाडा में भी चाकुओं से हमला किया गया है। कनाडा के सेंट लॉरेंस नदी के किनारे स्थित क्यूबेक सिटी में एक व्यक्ति ने ताबड़तोड़ हमले किए, जिससे 2 की मौत हो गई और 5 अभी भी अस्पताल में ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। हमलावर मध्यकालीन युग का एक खास परिधान पहने हुए था, जिसे हिरासत में ले लिया गया है। आशंका जताई जा रही है कि उसने ही इस हमले को अंजाम दिया।
इससे पहले शनिवार (अक्टूबर 31, 2020 की) रात कनाडा में क्यूबेक की पुलिस ने सूचना दी थी कि उसे एक ऐसे अपराधी की तलाश है, जो मध्यकालीन युग का खास परिधान पहने हुआ है। साथ ही वो अपने साथ नुकीला व खतरनाक हथियार भी लिए हुआ था। ये घटना नेशनल असेंबली के पास ही हुई। बता दें कि क्यूबेक में अधिकतर फ्रेंच बोलने वाले लोग ही रहते हैं। पुलिस ने क्षेत्र के लोगों को घर में ही रहने को कहा है।
घायलों की स्थिति के बारे में कुछ बताया नहीं गया है लेकिन प्रशासन का कहना है कि ये एक गंभीर हमला था और क्यों किया गया था, इसकी जाँच हो रही है। चूँकि ये घटना पार्लियामेंट हिल के पास हुई है, इसीलिए सुरक्षा एजेंसियों को भी अलर्ट पर रखा गया है। पुलिस को तैनात कर के इमरजेंसी सेवाओं को एक्टिवेट कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि इस मामले में और लोगों के मरने की सूचना आ सकती है।
🚨2 people confirmed dead and 5 others injured in this terrorist attack in #Quebec city, #Canada. Terrorist reportedly arrested by Police.#TerroristAttackInCanada
— 7ru7h (@7ru7h_1) November 1, 2020
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हाल ही में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने फ्रांस की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए फ्री स्पीच का तो बचाव किया था लेकिन साथ ही कहा था कि इसकी एक लिमिट होनी चाहिए और ये ‘बिना ज़रूरत के या मनमाने ढंग से’ किसी भी समुदाय की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि हमें दूसरों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि विविधता भरे समाज में हमें हमारी शब्दों को लेकर सावधान होना चाहिए।
बता दें कि आज सुबह ही फ्रांस के लियोन शहर में शॉटगन से लैस अपराधी ने एक ऑर्थोडॉक्स चर्च के पादरी को गोली मार दी। ग्रीक ऑर्थोडॉक्स पादरी पर हमला तब हुआ, जब वो चर्च को बंद करके लौटने की तैयारी में थे। शनिवार (अक्टूबर 31, 2020) को हुई इस घटना में नुकीले हथियार लगे शॉटगन का इस्तेमाल किया गया। 52 वर्षीय पादरी को उसके पेट में गोली मारी गई। ये घटना हेलेनिक ऑर्थोडॉक्स चर्च के पास हुई।