फ्रांस में हवाई अड्डे पर रोकी गई 303 यात्रियों (ज्यादातर भारतीयों) से भरी फ्लाइट को सोमवार (25 दिसंबर, 2023) को उड़ान भरने की मंजूरी दे दी गई। रोमानियाई चार्टर कंपनी लीजेंड एयरलाइंस की ये फ्लाइट दुबई से 21 दिसंबर, 2023 को निकारागुआ के लिए रवाना हुई थी।
हवाई सफर के दौरान इस फ्लाइट ए340 को फ्रांस के पेरिस से 150 किलोमीटर पूर्व में स्थित वैट्री हवाई अड्डे पर अधिकारियों ने रोक लिया था। इस फ्लाइट को फ्रांस के अधिकारियों ने मानव तस्करी के संदेह के चलते रोका था।
उड़ान की परमिशन मिलने के बाद अभी ये साफ नहीं है कि ये फ्लाइट कहाँ जाएगी। भारत या फिर अपने गंतव्य निकारागुआ तक या फिर दुबई जहाँ से ये फ्लाइट रवाना हुई थी।
फ्रांस (France) के टीवी और रेडियो न्यूज नेटवर्क ‘बीएफएम टीवी’ ने बताया कि विमान को जाने की अनुमति देने के बाद फ्रांसीसी जजों ने प्रक्रिया में अनियमितताओं के कारण 300 से अधिक यात्रियों को रोके जाने के मामले की सुनवाई को रद्द कर दिया।
French authorities informed us of a plane w/ 303 people, mostly Indian origin, from Dubai to Nicaragua detained on a technical halt at a French airport. Embassy team has reached & obtained consular access. We are investigating the situation, also ensuring wellbeing of passengers.
— India in France (@IndiaembFrance) December 22, 2023
जानकारी के मुताबिक, दुबई से निकारागुआ के लिए रवाना हुई रोमानियाई चार्टर कंपनी लीजेंड एयरलाइंस की ये फ्लाइट जैसे ही ईंधन भरने के लिए फ्रांस के वैट्री एयरपोर्ट पर उतरी थी, उसी वक्त वहाँ फ्रांस की पुलिस पहुँच गई और मानव तस्करी के संदेह में इसे वहीं रोक लिया गया।
दरअसल, फ्रांस के अधिकारियों को सूचना मिली थी कि ए340 विमान में ऐसे लोग आ रहे हैं जो मानव तस्करी के शिकार हो सकते हैं। इसके बाद फ्रांस की राष्ट्रीय संगठित अपराध विरोधी यूनिट जुनाल्को (JUNALCO) ने जाँच अपने हाथ में ले ली थी।
ए340 में सवार 303 यात्रियों में 11 नाबालिग भी थे। इनके साथ फ्लाइट में कोई नहीं था। वैट्री हवाई अड्डे पर रोके गए इन यात्रियों को वैट्री हवाई अड्डे के मुख्य टर्मिनल भवन में रखा गया था। उनके वहाँ रात भर रुकने के लिए 22 दिसंबर 2023 को अलग-अलग खाटें लगाई गईं थी। माना जा रहा कि अवैध रूप से अमेरिका या कनाडा में जाने के लिए इन यात्रियों ने मध्य अमेरिका की यात्रा की योजना बनाई होगी।
चार न्यायाधीशों ने इन 303 यात्रियों से उनकी यात्रा की शर्तों और मकसद को लेकर रविवार (24 दिसंबर,2023) को पूछताछ भी की थी। वहीं दो यात्रियों को यह पता लगाने के लिए हिरासत में लिया गया था कि क्या वे इस परिवहन में अन्य लोगों से अलग थे, अगर हाँ तो किन हालात और किस मकसद से थे।
वहीं दूसरी तरफ लीजेंड एयरलाइंस के वकील लिलियाना बकायोको ने इस संबंध में कहा कि उनकी कंपनी का मानना है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। उन्होंने ‘मानव तस्करी’ में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया। लिलियाना ने बताया कि एक ‘साझीदार’ कंपनी ने विमान को किराए पर लिया था और वही प्रत्येक यात्री के पहचान दस्तावेज को सत्यापित करने के लिए जिम्मेदार थी।
लिलियाना ने कहा कि पूरा केस, निपटारे के लिए फ्रांसीसी अधिकारियों के पास है। उन्होंने ये भी कहा था कि अगर अभियोजकों ने आरोप दायर किए तो एयरलाइन कानूनी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होगी।
फ्रांस में भारतीय दूतावास ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा था, “फ्रांसीसी अधिकारियों ने हमें सूचित किया कि दुबई से निकारागुआ जा रहे एक विमान में 303 लोग सवार थे, जिनमें ज्यादातर भारतीय मूल के लोग थे, जिन्हें फ्रांसीसी हवाई अड्डे पर तकनीकी रुकावट के कारण हिरासत में लिया गया था। दूतावास की टीम पहुँच गई है और काउंसलर एक्सेस ले लिया गया है। हम स्थिति की जाँच कर रहे हैं, यात्रियों की भलाई भी सुनिश्चित कर रहे हैं।”
बता दें कि फ्रांस में किसी विदेशी नागरिक को उसके इच्छित गंतव्य तक यात्रा करने से सीमा पुलिस शुरू के चार दिन तक रोक सकती है। फ्रांसीसी कानून इस अवधि को आठ दिनों से लेकर 26 दिन तक बढ़ाने की मंजूरी भी देता है। वहाँ पर मानव तस्करी के लिए 20 साल तक की सज़ा का प्रावधान है।