इंडोनेशिया में भगवान गणेश की करीब 1300 साल पुरानी मूर्ति मिली है। मध्य जावा के वोनोसोबो ज़िले के डेंग (Dieng) वेटन गाँव में खुदाई के दौरान यह मूर्ति मिली। सेंट्रल जावा इंस्टीट्यूट फॉर प्रिजर्वेशन ऑफ कल्चरल हेरिटेज (BPCB) ने 12 जनवरी को खुदाई कर यह मूर्ति निकाली।
इंडोनेशिया सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश है। यहॉं की करीब 90 फीसदी आबादी इस्लाम धर्म को मानती है। बावजूद उसके करेंसी पर गणपति विराजमान हैं। दरअसल, भगवान गणेश को इंडोनेशिया में शिक्षा, कला और विज्ञान का देवता माना जाता है।
खुदाई में मिली भगवान गणेश की मूर्ति एंडीसाइट धातु से बनी हुई है। मूर्ति की ऊँचाई 140 सेमी और चौड़ाई 120 सेमी है। लेकिन, मूर्ति के सिर और हाथ का हिस्सा ग़ायब है। डेंग मंदिर इकाई संस्थान के प्रमुख, एरी बुदिर्तो (Eri Budiarto) ने बताया,
“गणेश भगवान की यह सबसे बड़ी मूर्ति है, जो डेंग में पाई गई है। लेकिन हमें अभी तक इसका सिर और हाथ नहीं मिले हैं। पहले हम इसका पता लगाएँगे। फिर मूर्ति को डेंग संग्रहालय के स्थल के आसपास पाए जाने वाले अन्य पत्थरों के साथ ले जाएँगे।”
ख़बर के अनुसार, भगवान गणेश की मूर्ति एक किसान ने खोजी थी। दिसंबर 2019 में जब वह अपने धान के खेत की जुताई कर रहा था तो 50 सेमी की गहराई में उसे मूर्ति का पता चला। डेंग पठार कलिंगा साम्राज्य से हिन्दू मंदिरों का स्थान रहा है, जो जावा के सबसे पुराने हिन्दू-बौद्ध राज्यों में से एक है। इस मूर्ति को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि इसका निर्माण 7वीं से 8वीं शताब्दी के बीच हुआ होगा।
इसके बाद इस द्वीपीय राष्ट्र में इस्लाम ने प्रवेश किया और आज जावा की 90 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। लेकिन, इस्लाम के बावजूद अभी भी यहाँ हिन्दू-बौद्ध का प्रभाव है। खुदाई के दौरान मिली भगवान गणेश की मूर्ति के मिलने के बाद से साइट से और भी महत्वपूर्ण वस्तुओं के मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
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