पाकिस्तान के रावलपिंडी में एक मदरसे के अंदर दीनी तालीम ले रहे 20 नाबालिग बच्चों से कुकर्म का मामला सामने आया है। आरोप मदरसे के कारी (पढ़ाने वाला) जफर पर लगा है। कारी की तरफ से इन बच्चों को किसी से बताने पर मारने की धमकी भी दी गई। पीड़ित बच्चों के अभिभावकों के साथ एक समझौते के तहत मदरसा मैनेजमेंट ने कारी को निकाल दिया।
मामला रावलपिंडी के नाला मुसलमाना इलाके का है। यहाँ मुस्लिमों की बरेलवी विचारधारा वाला मदरसा जामिया फैजान-ए-खुशबू-ए-मदीना है। यहाँ के कुछ छात्रों ने 16 अक्टूबर 2024 को अपना सामूहिक वीडियो वायरल किया। 1 मिनट 1 सेकेंड के इस वीडियो की शुरुआत में एक छात्र ने आरोप लगाया कि उनके साथ मदरसे के अंदर कारी गलत हरकत करते हैं।
उसने बताया कि इस हरकत एक विरोध करने और किसी से बताने पर मारने की धमकी दी जाती है। कारी की करतूत से छात्रों ने मदरसे में जाना ही छोड़ दिया था। पीड़ित छात्र ने आगे बताया कि आरोपित कारी पहले इसी मदरसे का छात्र था, जिसे पढ़ाने के लिए अब नियुक्त कर दिया गया है।
जब पीड़ितों ने कारी की इस करतूत की शिकायत मदरसा मैनेजमेंट से की तो उन पर कोई असर नहीं पड़ा। वीडियो में पीछे दिख रहे अन्य छात्रों ने भी इन आरोपों पर हाँ में हाँ मिलाई। सभी ने एकजुट होकर कारी जफर पर कार्रवाई की माँग की है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर अब तक वायरल हो रहा है।
वायरल के वीडियो होने और पुलिस की किरकिरी होने के बाद आखिरकार इसका संज्ञान पाकिस्तानी पुलिस ने लिया है। पुलिस ने गुरुवार (17 अक्टूबर) को सभी बच्चों को मदरसे के मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों के सामने बुलवाया गया। अंत में सर्वसम्मति से कारी जफर को नौकरी से निकालने का निर्णय लिया गया।
मदरसे बच्चों के साथ उनके अभिभावकों ने भी कारी को मदरसे से निकालने पर अपनी सहमति दे दी। पीड़ितों के परिजनों ने मदरसा मैनेजमेंट के साथ लिखित समझौता कर लिया है। उन्होंने बताया कि वो आगे कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं। फ़िलहाल पीड़ित छात्र का वीडियो अब तक सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।