दक्षिणपूर्व एशियाई देश मलेशिया ने भारतीय नागरिकों के लिए वीजा लेने की बाध्यता को हटा दिया है। यह नई व्यवस्था 1 दिसम्बर, 2023 से लागू होगी। मलेशिया में अब भारतीय केवल अपने पासपोर्ट के सहारे ही 30 दिन तक रह सकेंगे।
मलेशिया ने भारत के अलावा चीन के नागरिकों के लिए यही वीजा मुक्त व्यवस्था लागू की है। मलेशिया ने यह कदम अपने यहाँ पर्यटन के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए उठाया है क्योंकि भारत और चीन दोनों बड़ी पर्यटक संख्या वाले देश हैं।
यह घोषणा मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहीम ने अपनी पार्टी की सालाना कॉन्फ्रेंस के दौरान पुत्राजाया में की। इब्राहिम इस कदम के जरिए आशा कर रहे हैं कि उनके देश की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी। गौरतलब है कि मलेशिया में सबसे अधिक पर्यटक चीन और भारत से ही पहुँचते हैं। वर्ष 2023 में केवल जनवरी से जून के बीच ही भारत से 2.8 लाख पर्यटक मलेशिया पहुँचे।
दक्षिणपूर्वी एशिया में स्थित अधिकांश देश अब अपने पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए ऐसी ही रियायते दे रहे हैं। हाल ही में थाईलैंड ने भी भारतीय नागरिकों के लिए वीजा मुक्त यात्रा की घोषणा की थी। थाईलैंड ने नवम्बर, 2023 और मई 2024 के बीच भारत से जाने वाले पर्यटकों के लिए वीजा की आवश्यकता को हटा दिया है।
थाईलैंड के अलावा श्रीलंका ने हाल ही में भारतीय पर्यटकों के लिए वीजा की शुल्क ना लेने का निर्णय लिया था। श्रीलंका का भी लक्ष्य अपने देश में पर्यटन को बढ़ाना है। इसके जरिए वह अपनी संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाह रहा है।
एक अन्य दक्षिणपूर्व एशियाई देश विएतनाम भी भारतीयों के लिए वीजा की बाध्यता को खत्म करने पर विचार कर रहा है। विएतनाम के लिए भारत एक बड़ा पर्यटक स्रोत है। वियतनाम की एयरलाइन कम्पनियाँ भी लगातार अपनी सेवाएँ भारत में बढ़ा रही हैं।
विश्व के अलग-अलग देशों के पासपोर्ट की ताकत को बताने वाली हेनले इंडेक्स के अनुसार, भारत के नागरिक बिना वीजा के 57 देशों की यात्रा कर सकते हैं। अधिक देशों का किसी देश के नागरिकों को बिना वीजा के आने देना उसके प्रभाव को प्रदर्शित करता है।