मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने एक बीमार बच्चे की मेडिकल इमरजेंसी के दौरान भारत के प्लेन में ले जाने की मंजूरी ना देकर इंसानियत को शर्मसार करने का काम किया है। मुइज्जू के इस निर्णय के कारण 14 साल के बच्चे को वक्त पर इलाज नहीं मिला पाया और शनिवार (20 जनवरी 2024) को उसकी मौत हो गई।
दरअसल, मोहम्मद मुइज्जू को भारत विरोधी माना जाता है। वे जब से मालदीव राष्ट्रपति बने हैं, तभी से भारत द्वारा दिए गए हेलीकॉप्टरों और प्लेनों का इस्तेमाल इमरजेंसी निकासी (Emergency Evacuation) के लिए नहीं किया जाता है। इनका इस्तेमाल केवल राष्ट्रपति से सीधे मंजूरी मिलने पर ही किया जा सकता है।
चीन की कठपुतली राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने इस बीमार बच्चे को एयरलिफ्ट करके एक द्वीप से मुख्य द्वीप पर भारत के डोर्नियर प्लेन से ले जाने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। बच्चे के लिए मालदीव के रक्षामंत्री ने मुइज्जू से इसके लिए अनुमति माँगी थी। मुइज्जू के इस निर्णय के भारत ही नहीं, बल्कि मालदीव में भी आलोचना हो रही है।
ब्रेन ट्यूमर और फिर स्ट्रोक से पीड़ित इस बच्चे के परिवार ने मालदीव के एविएशन अधिकारियों पर तुरंत चिकित्सा निकासी मुहैया न कराने का आरोप लगाया है। मालदीव की समाचार एजेंसी अधाधु ने बच्चे के पिता के हवाले से लिखा है कि आइलैंड एविएशन ने परिवार की कॉल का तुरंत जवाब नहीं दिया।
People shouldn’t have to pay with their lives to satisfy the President’s animosity towards India. https://t.co/PPOOKVXN7v
— Meekail Naseem 🎈 (@MickailNaseem) January 20, 2024
उन्होंने कहा, “स्ट्रोक के तुरंत बाद बेटे को माले ले जाने के लिए हमने आइलैंड एविएशन को फोन किया था, लेकिन उसके कर्मचारियों ने हमारी कॉल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने गुरुवार सुबह 8:30 बजे फोन का जवाब दिया। ऐसे मामलों के लिए समाधान केवल एक एयर एम्बुलेंस ही है।”
मालदीव के सांसद मीकैल नसीम ने मिहारू न्यूज की रिपोर्ट को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर रीट्वीट कर लिखा है, “भारत के लिए राष्ट्रपति की दुश्मनी को संतुष्ट करने के लिए लोगों को अपनी जान की कीमत नहीं चुकानी चाहिए।”
बताते चलें कि परिवार के आपातकालीन निकासी का आग्रह करने के 16 घंटे बाद बीमार बच्चे को माले ले जाया गया। निकासी आग्रह लेने वाली आसंधा कंपनी लिमिटेड ने दावा किया कि विमान में तकनीकी दिक्कत की वजह से देरी हुई।
Medical evacuation operations ge
— Mohamed Ghassan Maumoon (@mgmaumoon) January 20, 2024
SOP gai Raeesul Jumooriyya ah inform kurumeh, hudhdha dhevvumeh noavey. Eyee ekama gulhey idhaaraathakun coordinate kurevigen hinga kameh. 2021 in feshigen stats ah balaa iru medical evacuation ge 93% koffai vanee @MaldivianAero medhuverikoh.
इस पर रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन ने सफाई में कहा है कि 93 फीसदी निकासी अभी भी मालदीव एयरलाइंस ही करती है। उन्होंने कहा, “मेडिकल ऑपरेशन के एसओपी (मानक संचालन प्रक्रियाओं) में राष्ट्रपति को सूचित करने या उनसे इजाजत लेने की जरूरत नहीं है। यह संबंधित संस्थानों के समन्वय के जरिए किया गया काम है।”
बताते चलें कि जनवरी 2024 की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद से ही भारत और मालदीव के बीच तनाव का माहौल है। वहाँ की सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी को लेकर अभद्र टिप्पणियाँ की थी। इसके बाद इन्हें निलंबित कर दिया गया था, लेकिन दोनों के बीच राजनयिक टकराव अभी चल ही रहा है।
मुइज्जू की पार्टी ने बीते साल 2023 में इंडिया आउट आंदोलन के आधार पर चुनाव जीता था। इसके तहत मालदीव में तैनात लगभग 100 भारतीय सैनिकों को देश से हटाना था। राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू ने भारतीय सशस्त्र बलों को मार्च 2024 तक मालदीव छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है। मुइज्जू ने हाल ही में अपनी पहली आधिकारिक यात्रा चीन से शुरू की थी और वहाँ कई समझौतेे किए।