पाकिस्तान ने भारत से कॉटन और चीनी के आयात को पुनः प्रारंभ करने का निर्णय रद्द कर दिया है। गौरतलब है कि हाल ही में पाकिस्तान की सरकारी कमिटी ने भारत से आयात प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान की थी किन्तु गुरुवार (1, अप्रैल) को कैबिनेट की मीटिंग में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कमिटी की सिफारिशों को खारिज करते हुए भारत से होने वाले आयात को खारिज कर दिया।
पहले यह खबर आम थी, अब खास बन गई है। कारण एक चुटकुला है। पाकिस्तान में इमरान खान नाम के एक मंत्री ने भारत के साथ व्यापार शुरू करने पर हामी भरी थी। हास्यास्पद यह है कि इमरान खान नाम के ही प्रधानमंत्री ने भारत के साथ व्यापार नहीं करने पर भी हामी भरी। और चुटकुला यह है कि मंत्री इमरान खान और प्रधानमंत्री इमरान खान दोनों एक ही इंसान है।
न्यूज18 द्वारा एक्सक्लूसिवली प्राप्त किए गए एक दस्तावेज के अनुसार 26 मार्च को इमरान खान ने वाणिज्य मंत्री के तौर पर कैबिनेट की आर्थिक समन्वयन समिति (ECC) की उन सिफारिशों को मंजूरी दी थी, जिसमें भारत से व्यापार संबंधों को पुनः प्रारंभ करने की बात कही गई थी। अब 6 दिनों के बाद इमरान खान ने ही प्रधानमंत्री के रूप में कमिटी की इन सिफारिशों को खारिज कर दिया।
न्यूज18 की खबर के अनुसार पाकिस्तान कैबिनेट से यह माँग की गई थी कि वो चीनी के आयात की स्वीकृति प्रदान करे। इस दस्तावेज में ‘भूमि और समुद्री मार्ग’ से आयातकों को 30 जून 2021 तक भारत से 3 लाख मिलियन टन के आयात की अनुमति देने की बात भी कही गई है। यह दस्तावेज 26 मार्च का बताया जा रहा है और उसमें यह भी कहा गया है कि भारत से व्यापार प्रारंभ करने के ECC के प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री इमरान खान ने वाणिज्य मंत्री के तौर पर विचार किया और उसे स्वीकृति प्रदान की।
फिर दिन आया गुरुवार यानी 1 अप्रैल। पाकिस्तान में भारत के साथ ‘द्विपक्षीय’ संबंधों पर ‘विचार-विमर्श’ करने के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई। इसमें यह निर्णय लिया गया कि जब तक भारत, जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 3701 को पुनः लागू नहीं करता, तब तक भारत के साथ किसी भी तरीके का व्यापार प्रारंभ नहीं किया जाएगा।
है ना चुटकुला! इमरान खान ने ही इमरान खान के निर्णय को पलट दिया और कहा कि भारत के साथ व्यापार प्रारंभ करने से कश्मीर के लोगों में पाकिस्तान के प्रति गलत धारणा विकसित होगी।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी कहा कि जब तक भारत जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के अपने निर्णय पर पुनर्विचार नहीं करता, तब तक भारत-पाक संबंध सामान्य नहीं हो पाएँगे।